*1.75 करोड़ रुपये से निर्मित प्रशिक्षु आवासीय भवन का किया उद्घाटन **पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह के लिए आगामी पांच वर्षों तक 10 करोड़ रुपये प्रतिवर्ष देने की घोषणा **पुलिस बल की विभिन्न गतिविधयों के लिए 1 करोड़ 37 लाख 80 हजार 650 रुपये की घोषणा **नुरपूर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय खोलने की घोषणा
शिमला / 12 सितम्बर / न्यू सुपर भारत न्यूज़
सशस्त्र पुलिस एवं प्रशिक्षण मख्यालय को शिमला से पालमपुर स्थानांतरित किया जाएगा और पुलिस विभाग के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उप-महानिरीक्षक इनटेलिजैंस का पद धर्मशाला से संचालित किया जाएगा। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज कांगड़ा जिले के हिमाचल प्रदेश पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह में परिविक्षाधीन पुलिस उप-अधीक्षक के 12वें बैच और उप-निरीक्षक के 8वें बैच की पासिंग आउट परेड की अध्यक्षता करते हुए कही।
मुख्यमंत्री ने पुलिस ध्वज फहराया और पुलिस की टुकडियों द्वारा भव्य मार्च पास्ट की सलामी ली। पुलिस उप-अधीक्षक परिविक्षाधीन प्रणव चैहान ने परेड़ का नेतृत्व किया।
जय राम ठाकुर ने कहा कि परिविक्षाधीन पुलिस अधिकारियों के परिवारजनों के लिए आज गौरव का समय है, जो आज पास आउट हुए हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि आज पास आउट हुए प्रशिक्षणार्थी राज्य की समर्पित भावना से अपनी सेवाएं देकर राज्य को देव भूमि बनाने में कारगार सिद्ध होंगे। अनुशासन हमारे व्यक्तित्व के सर्वांगीण विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि युवा पुलिस अधिकारियों को समाज व युवा पीढ़ी के लिए आदर्श बन कर उभरना चाहिए। पुलिस बल में कार्य करना चुनौतीपूर्ण है लेकिन यह समुदाय में बदलाव लाने में सहायक सिद्ध होता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य पुलिस ने कोरोना महामारी के दौरान सराहनीय कार्य किए हैं। उन्होंने कहा कि अग्रिम पंक्ति के योद्धााओं के रूप में उन्होंने राज्य में प्रवेश करने वाले लोगों की समुचित जांच सुनिश्चित की है, जिससे यह सुनिश्चित हुआ है कि कोई भी व्यक्ति राज्य में बिना उचित जांच और राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दिशा-निर्देशों का पालन किए प्रवेश नहीं कर सका।
उन्होंने कहा कि कोविड-19 महामारी के बावजूद पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह ने इन युवा अधिकारियों का प्रशिक्षण सुनिश्चित करके एक सराहनीय प्रयास किया है, जो महाविद्यालय के प्रधानाचार्य और अन्य अधिकारियों की प्रतिबद्धता और परिश्रम से ही संभव हो पाया है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि समाज को पुलिस से बहुत अपेक्षाएं हैं और प्रत्येक पुलिस कर्मी को लोगों की उम्मीदों के अनुसार कार्य सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश एक पर्यटन राज्य है, जहां हर वर्ष लाखों की संख्या में पर्यटक आते हैं। उन्होंने पुलिस कर्मियों को पर्यटकों के प्रति शिष्टाचार की भावना से कार्य करने को कहा ताकि वह राज्य से अच्छी यादें लेकर जाएं। उन्होंने कहा कि पुलिस का व्यवहार आदरपूर्वक होना चाहिए ताकि वह राज्य के ब्रैंड अम्बेसडर बनकर उभरें।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पूर्व में पुलिस का कार्य लोगों के प्रति अपराध की रोकथाम, अपराधियों को सजा देना होता था, लेकिन समाज के विस्तारीकरण से पुलिस के सामने नई चुनौतियां आई हैं। उन्होंने कहा कि विकासात्मक व कल्याणकारी गतिविधियां सफलतापूर्वक तभी पहुंचाई जा सकती हैं जब कानून एवं व्यवस्था की नींव मजबूत हो। उन्होंने कानून एवं व्यवस्था की स्थिति प्रशासन की कार्यप्रणाली और ढांचे को प्रभावित करती हैं, इसके अतिरिक्त बड़े सामाजिक और राजनीति बदलाव पर भी प्रभाव डालती है।
जय राम ठाकुर ने कहा कि राज्य सरकार ने राज्य में पुलिस आरक्षियों के एक हजार पदों को भरने के लिए भी मंजूरी प्रदान की है, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण भर्ती प्रक्रिया में देरी हुई है। उन्हांेने कहा कि इस प्रक्रिया को शीघ्र ही पूरा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने महाविद्यालय में बेहतर आधारभूत संरचना के विकास और सुदृढ़ीकरण के लिए पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह को आगामी पांच वर्षों के लिए प्रति वर्ष 10 करोड़ रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने नूरपुर में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कार्यालय (एएसपी) खोलने की भी घोषणा की। जय राम ठाकुर ने 1.75 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित प्रशिक्षु आवासीय भवन का भी उद्घाटन किया।
मुख्यमंत्री ने आवश्यक कार्यों व गतिविधियों के लिए आपदा प्रबन्धन निधि से पुलिस बल को 1,37,80,650 रुपये प्रदान करने की भी घोषणा की। उन्होंने इनहाउस हेलीपेड की ओर जाने वाली सड़क को शीघ्र पक्का करने की भी घोषणा की।
जय राम ठाकुर ने इस अवसर पर सर्वश्रेष्ठ परिविक्षाधीन परिवेक्षकों को भी पुरस्कृत किया। पुलिस उप-अधीक्षक पर्यवेक्षक में प्रणव चैहान तथा पुलिस उप-निरीक्षक में नवनीत सैनी को सर्वश्रेष्ठ चुना गया।
पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने मुख्यमंत्री का स्वागत करते हुए कहा कि प्रशिक्षण वर्दीधारी सेवाओं का प्रभावी आधार है। उन्होंने कहा कि कोविड संकट के दौरान राज्य पुलिस ने इस महामारी को अग्रिम पंक्ति के योद्धााओं के रूप में प्रभावी ढंग से लड़ने में एक सराहनीय भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह ने अपनी स्थापना के 25 वर्ष पूरे कर लिए हैं और राज्य के लिए बेहतरीन पुलिस अधिकारी दिए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री से इस महाविद्यालय के अधोसंरचना को मजबूत करने के लिए उदारपूर्वक वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए आभार व्यक्त किया।
पुलिस प्रशिक्षण महाविद्यालय डरोह के प्रधानाचार्य डाॅ. अतुल फुलझेले ने इस अवसर पर पुलिस परिविक्षाधीनों को शपथ दिलाई। मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत करते हुए उन्होंने कहा कि आज इस महाविद्यालय से तीन पुलिस उप-अधीक्षक तथा 15 परिविक्षाधीन पुलिस उप-निरीक्षक पास आउट हुए हैं। उन्होंने कहा कि इन्हें न केवल शारीरिक प्रशिक्षण दिया गया है, बल्कि इन्हें साइबर क्राइम, क्रिमिनल लाॅ इत्यादि में भी प्रशिक्षण दिया गया है।
इस अवसर पर एक रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। हिमाचल प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार, वन मंत्री राकेश पठानिया, विधायक रविन्द्र धीमान, मूल्कराज प्रेमी तथा विशाल नैहरिया, पुलिस महानिरीक्षक जे.पी. सिंह भी इस अवसर पर अन्य सहित उपस्थित थे।