शिमला / 27 अगस्त / न्यू सुपर भारत न्यूज़
सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने विभागीय गतिविधियों की समीक्षा बैठक करते हुए प्रदेश की प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी सभाओं के उत्थान के लिए विशेष प्रयास करने का आह्वान किया।
उन्होंने सुझाव दिया कि प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत नाबार्ड द्वारा क्रियान्वित की जाने वाली कृषि अधोसंरचना निधि व प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी सभाओं को बहु सेवा केंद्रों में बदलने से संबंधित योजनाओं का अधिक से अधिक लाभ लेने के प्रयास किए जाएं, ताकि ग्राम स्तर की सहकारिताएं अपनी व्यापारिक गतिविधियों में विविधीकरण ला सकें।
उन्होंने कहा कि कृषि अधोसंरचना निधि योजना के अंतर्गत सहकारी सभाओं को ऋण पर देय ब्याज में तीन प्रतिशत राहत प्रदान की जाएगी व प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी सभाओं को बहु सेवा केंद्रों में बदलने के लिए पात्र सहकारी सभाओं को केवल चार प्रतिशत की दर पर ऋण उपलब्ध करवाया जाएगा।
सहकारिता मंत्री के निर्देशानुसार डाॅ. एसएस गुलेरिया, पंजीयक सहकारी सभाएं ने इन योजनाओं से संबंधित पक्षों के साथ बैठक की, जिसमें नाबार्ड के मुख्य महाप्रबन्धक व प्रदेश के तीन प्रमुख सहकारी बैंकों हिमाचल प्रदेश राज्य सहकारी बैंक समिति व जोगिन्द्रा केंद्रीय सहकारी बैंक सीमित के प्रबंध निदेशक शामिल हुए। बैठक में उन्होंने कहा कि योजना के अंतर्गत कृषि भंडारण, शीत भंडार, कृषि सेवा व विधायन केंद्रों, कृषि विपणन व परिवहन, उपभोक्ता भंडार, फसल कटाई उपरांत कृषि उत्पाद प्रबंधन अधोसंरचना व अन्य विविध गतिविधियों की सुविधा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने का प्रावधान है।
बैठक में निर्णय लिया गया कि जिला से संबंधित सहायक पंजीयक सहकारी सभाएं, नाबार्ड व सहकारी बैंकों के अधिकारी जिले वार पांच-पांच सक्षम सहकारी सभाओं को मिलकर चिन्हित करके चालू वित्तीय वर्ष के दौरान प्रदेश में कुल 60 सहकारी सभाओं को इस योजना के अंतर्गत संबंधित सभाओं की प्रबंधक समितियों से व्यापक विचार-विमर्श उपरांत इनकी परियोजना प्रतिवेदन तैयार करके स्वीकृति हेतु संबंधित बैंकों के माध्यम से नाबार्ड को प्रेषित की जाएगी।
इसके अतिरिक्त प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी सभाओं के कम्प्यूटरीकरण पर विचार विमर्श के दौरान मुख्य महाप्रबंधक नाबार्ड ने बताया कि प्राथमिक कृषि सेवा सहकारी सभाओं के कम्प्यूटरीकरण के लिए उनके पास एक योजना है, जिसका लाभ प्रदेश की सहकारी सभाएं उठा सकती हैं।