शिमला / 02 अगस्त / न्यू सुपर भारत
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने होटल व्यवसायियों एवं आतिथ्य उद्यमियों से प्रदेश में निवेश करने का आह्वान किया है। उन्होंने कहा कि भविष्य में प्रदेश में पर्यटन उद्योग के क्षेत्र में अपार संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री आज नई दिल्ली में इंडिया एक्सपो सेंटर और ग्रेटर नोएडा मार्ट द्वारा आयोजित इंडिया इंटरनेशनल होस्पिटेलिटी एक्सपो-2023 को बतौर मुख्यातिथि संबोधित कर रहे थे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले वर्षों में हिमाचल सभी मौसम के सर्वाधिक पसंदीदा पर्यटन गंतव्य के रूप में उभरेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश की बेहतर कानून-व्यवस्था, शांतिपूर्ण वातावरण एवं नैसर्गिक सौन्दर्य राज्य को अलग पहचान दिलाता है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पांच सितारा और सात सितारा होटलों, स्वास्थ्य एवं वेलनेस केन्द्रों, वृद्धाश्रमों आदि में निवेश को प्रोत्साहित करने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदूषण मुक्त वातावरण और यहां की स्वच्छ जलवायु वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्यवर्धक है। उन्होंने कहा कि होम-स्टे योजना के घर से काम करने वाले कॉरपोरेट कर्मचारियों को बड़ी संख्या में हिमाचल की ओर आकर्षित किया है।
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश बर्फीले क्षेत्रों से लेकर जंगलों, जलाश्यों और सभी प्रकार के मौसम में अनुकूल वातावरण उपलब्ध होने के कारण एक आदर्श एवं बहुआयामी पर्यटन गंतव्य है।ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य सरकार हवाई सम्पर्क सेवाओं (कनेक्टिविटी) में और सुधार के लिए प्रयास कर रही है तथा सभी जिला मुख्यालयों में हेलीपोर्ट सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली से शिमला और धर्मशाला के लिए हवाई उड़ानों की सुविधा पहले से ही उपलब्ध है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा हवाई अड्डे को पूर्ण आकार का हवाई अड्डा बनाने के लिए आवश्यक कार्यों के अलावा भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी शीघ्र पूर्ण की जाएगी।
उन्होंने कहा कि पर्यटकों को आकर्षित करने की क्षमता, हवाई कनेक्टिविटी, प्राकृतिक सुंदरता और जलाशयों जैसे प्रचुर संसाधनों की उपलब्धता के कारण जिला कांगड़ा को पर्यटन राजधानी घोषित किया गया है।मुख्यमंत्री ने उद्यमियों को प्रस्ताव प्रस्तुत करने के लिए आमंत्रित किया और कहा कि राज्य सरकार नियमों के अनुसार उनके प्रस्तावों को त्वरित मंजूरी प्रदान करना सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में संसाधनों या भूमि की कोई कमी नहीं है और राज्य सरकार इस क्षेत्र में निवेश आमंत्रित करने के लिए पूर्णतः तैयार है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल में हुई भारी बारिश के दौरान वह स्वयं और प्रदेश सरकार के मंत्री प्रभावित स्थलों के दौरे पर रहे और बर्फबारी के कारण चंद्रताल में फंसे 300 से अधिक पर्यटकों और अन्य स्थानों से लगभग 70 हजार पर्यटकों को सुरक्षित बाहर निकाला गया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में आने वाले सभी पर्यटकों की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।
मुख्यमंत्री ने हिमाचल पवेलियन का शुभारम्भ भी किया। इस पवेलियन में विशेष रूप से हिमाचली व्यंजनों पर आधारित बोटी धाम का प्रबंध किया गया है।
इसके उपरांत, मुख्यमंत्री ने इंडियन एक्सपो मार्ट लिमिटेड (आईईएमएल) और होटल उद्योग के सदस्यों के साथ भी बैठक की। इस अवसर पर राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार और उद्यमियों के दृष्टिकोण पर चर्चा की गई।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के उपाध्यक्ष आर.एस. बाली कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने हिमाचल, विशेषकर कांगड़ा जिले के लिए प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि राज्य प्री-वेडिंग और वेडिंग डेस्टीनेशन के रूप में उभर रहा है। राज्य में अधिकांश स्थान अब यात्रा के लिए सुरक्षित हैं और केवल ब्यास नदी बेसिन ही भारी बारिश और बाढ़ से सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। राज्य में सड़क बुनियादी ढांचे को बहाल करने के लिए युद्ध स्तर पर प्रयास किए गए हैं।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश सरकार की योजनाओं की जानकारी प्रदान की।
इंडियन एक्सपो मार्ट लिमिटेड (आईईएमएल) के अध्यक्ष राकेश कुमार ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया।
हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के प्रबंध निदेशक अमित कश्यप ने बताया कि हिमाचली व्यंजनों को लोकप्रिय बनाने के लिए निगम के होटलों और हिमाचल भवन में हिमाचली थाली परोसी जा रही है।
इस कार्यक्रम में होटल व्यवसायियों और उद्यमियों ने भाग लिया।
दिल्ली में हिमाचल प्रदेश सरकार की सलाहकार नंदिता गुप्ता, प्रधान आवासीय आयुक्त एस.के. सिंगला और आवासीय आयुक्त मीरा मोहंती भी उपस्थित थीं।