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श्री गुरुनानक देव जी की शिक्षाएं आज अधिक प्रासंगिक: बंडारू दत्तात्रेय

 मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रकाश उत्सव पर कीर्तन में भाग लिया

शिमला / 29 सितंबर/ एनएसबी न्यूज़



    राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने आज यहां गुरू नानक देव जी के 550वें वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर श्री गुरूद्धारा सिंह सभा कमेटी द्वारा आयोजित समारोह में भाग लिया। मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर भी इस अवसर पर उपस्थित थे।



राज्यपाल ने इस उपलक्ष्य पर प्रदेश के लोगों को विशेषकर सिख समुदाय के लोगांे को बधाई दी। उन्होंने कहा कि श्री गुरुनानक देव जी एक महापुरुष व महान धर्म प्रवर्तक थे, जिन्होंने विश्व से सांसारिक अज्ञानता को दूर कर आध्यात्मिक शक्ति को आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने कहा कि श्री गुरु नानक देव जी ने सादा जीवन और उच्च विचारों के सिद्धांत का पालन करते हुए अपने अनुयाइयों को भी जीवन में उच्च सिद्धान्त का अनुपालन करने के लिए प्रेरित किया। उनके उपदेश और शिक्षाएं अमरवाणी बनकर हमारे बीच उपलब्ध है और हमें जीवन में उच्च आदर्शों के लिए प्रेरित करते हैं।


    श्री गुरुद्वारा सिंह सभा प्रबंधक समिति के प्रधान जसविन्दर सिंह ने सरोपा भेंट कर राज्यपाल को सम्मानित किया।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने गुरू नानक देव जी के 550वीं जयंती के अवसर पर श्री गुरूद्वारा सिंह साहिब प्रबंधक कमेटी, शिमला द्वारा यहां आयोजित प्रकाश उत्सव के अवसर पर कीर्तन में भाग लेते हुए कहा कि सिखों के पहले गुरू और सिख धर्म के संस्थापक गुरू नानक देव जी का जन्म दिवस एक ऐसा अवसर है जब हमें उनकी एक ईश्वर, वैश्विक भाईचारे, पे्रम, मानवता, सादगी, समानता और सहनशीलता की शिक्षा को स्मरण करना चाहिए।



    जय राम ठाकुर ने कहा कि गुरू नानक जी जाति, रंग, धर्म और कुल के नाम पर मनुष्यों में विभाजन को नहीं मानते थे। गुरू नानक देव जी ने कहा था कि सिख धर्म का अनुपालन करने के लिए जाति, श्रेणी, सम्पन्नता, गरीबी या धर्म कोई कसौटी नहीं है क्योंकि सभी मनुष्य एक समान हैं। सिख धर्म को मानने के लिए केवल भगवान में आस्था व समर्पण की भावना और आत्मा की शुद्धि की आवश्यकता होती है।
    मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरू नानक देव जी ने संदेश दिया है कि मनुष्य को अपनी सम्पत्ति का उपयोग अपने तक ही सीमित  नहीं रखना चाहिए बल्कि अन्य को भी इसे बांटना चाहिए। उन्होंने कहा कि लंगर, सामुदायिक रसोई, दास वंध आदि समय-समय पर आयोजित करने चाहिएं और अपनी कमाई का दसवां भाग समुदाय के साथ बांटना चाहिए। उन्होंने खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि सिख समुदाय ने इस प्रथा को बरकरार रखा है और गुरूद्धारों में निःशुल्क लंगर का आयोजन किया जाता है जो न केवल ज़रूरतमंदों को भोजन उपलब्ध करवाता है अपितु समाज में भाईचारे की भावना को भी मजबूत करता है।
    जय राम ठाकुर ने कहा कि गुरू नानक देव जी ने अपने आपको केवल एक धर्म तक ही सीमित नहीं रखा बल्कि सभी धर्मों की अच्छी शिक्षाओं को भी अपनाया, जो आने वाले सभी समय में भी सार्थक और विद्यमान रहेंगी। वर्तमान में जब निर्णायक ताकतें हमारे समाज का ताना-बाना छिन्न-भिन्न करने की कोशिशें कर रही हैं, ऐसे में उनकी शिक्षाएं और भी महत्वपूर्ण बन जाती हैं।

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