शिमला / 22 मार्च / न्यू सुपर भारत
उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने आज भाषा एवं संस्कृति विभाग जिला शिमला द्वारा आयोजित एक दिवसीय जिला स्तरीय लोक नृत्य एवं लोक वाद्य्य यंत्र प्रतियोगिता का शुभारंभ किया।
उपायुक्त ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते काफी लम्बे समय के बाद इस तरह की प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि लोक वाद्यय यंत्र व लोक नृत्य हमारी संस्कृति और सभ्यता से जुड़े हुए हैं, जिसे संजौये रखना अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि पौराणिक संस्कृति का धीरे-धीरे कम होने से इस तरह के आयोजन करने से लोगों में अपनी संस्कृति के प्रति जागृति प्रदान होती है, जिससे वह अपनी संस्कृति से जुड़े रहते हैं।
उन्होंने बताया कि आज का यह आयोजन भाषा एवं संस्कृति विभाग का सराहनीय कदम है तथा आगे भी इस तरह के आयोजन किए जाने चाहिए ताकि जिले के कलाकारों को एक मंच प्रदान हो सके और लोगों को अपनी संस्कृति के बारे में पता चल सके।
इस अवसर पर जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा ने मुख्यातिथि व गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम की रूप रेखा व विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में अवगत करवाया।
इस अवसर पर निर्णायक मण्डल के डाॅ. राम स्वरूप शांडिल, डाॅ. हुकुम शर्मा, डाॅ. मदन झाल्टा, बिहारी लाल शर्मा व लेख राम पाल उपस्थित थे। उपायुक्त ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते काफी लम्बे समय के बाद इस तरह की प्रतियोगिता का आयोजन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि लोक वाद्यय यंत्र व लोक नृत्य हमारी संस्कृति और सभ्यता से जुड़े हुए हैं, जिसे संजौये रखना अति आवश्यक है। उन्होंने बताया कि पौराणिक संस्कृति का धीरे-धीरे कम होने से इस तरह के आयोजन करने से लोगों में अपनी संस्कृति के प्रति जागृति प्रदान होती है, जिससे वह अपनी संस्कृति से जुड़े रहते हैं।
उन्होंने बताया कि आज का यह आयोजन भाषा एवं संस्कृति विभाग का सराहनीय कदम है तथा आगे भी इस तरह के आयोजन किए जाने चाहिए ताकि जिले के कलाकारों को एक मंच प्रदान हो सके और लोगों को अपनी संस्कृति के बारे में पता चल सके।
इस अवसर पर जिला भाषा अधिकारी अनिल हारटा ने मुख्यातिथि व गणमान्य व्यक्तियों का स्वागत किया तथा कार्यक्रम की रूप रेखा व विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों के बारे में अवगत करवाया।
इस अवसर पर निर्णायक मण्डल के डाॅ. राम स्वरूप शांडिल, डाॅ. हुकुम शर्मा, डाॅ. मदन झाल्टा, बिहारी लाल शर्मा व लेख राम पाल उपस्थित थे।