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गांव गणेशपुर में बेटी बचाओं-बेटी पढाओं कार्यक्रम रहा सफल ***वर्ष 2020 में जनवरी से दिसम्बर मास तक 2 लडक़ों की तुलना में 5 लड़कियों का हुआ जन्म *** गांव की आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर, सरपंच को एसडीएम डा0 वैशाली शर्मा द्वारा किया जा चुका है सम्मानित।

शहजादपुर, 21 जनवरी / राजन चब्बा।  

 बेटी बचाओं-बेटी पढाओं कार्यक्रम के उपरांत गांव गणेशपुर में लिंगानुपात में सुधार हुआ है और इस गांव में गत वर्ष 2020 में जनवरी से दिसम्बर मास तक 5 लड़कियों तथा 2 लडक़ों का जन्म हुआ है। लिंगानुपात में सुधार के बाद विगत मास नारायणगढ़ में उपमंडल प्रशासन द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के अंतर्गत लिंग संवेदनशीलता विषय पर आयोजित कार्यशाला में इस गांव की आंगनवाड़ी वर्कर पलविन्द्र कौर, आशा वर्कर संतोष कुमारी तथा सरपंच गुरमिन्द्र कौर को एसडीएम डा0 वैशाली शर्मा द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है।


          गांव की महिला सरपंच गुरमिन्द्र कौर ने कहा कि गांव के लिए यह गर्व की बात है कि बेटी बचाओं-बेटी पढाओं कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन के उपरांत प्रशासन द्वारा सम्मानित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज के समय में बेटा-बेटी में कोई अंतर नहीं है और इसी बात को ग्रामीणों को बताया गया है कि बेटियां आज उच्च शिक्षा प्राप्त कर देश की सरहदों की रक्षा करने से भी पीछे नहीं है और बेटियों को नये अवसर प्रदान करने के लिए सरकार ने भी विभिन्न योजनाएं बनाकर उन्हें लागू किया है। सरपंच ने कहा कि ग्राम पंचायत एवं ग्राम वासियों के सहयोग से ही गांव को यह सम्मान मिला है जोकि ग्रामीणों के लिए गर्व की बात है।

आंगनवाड़ी वर्कर पलविन्द्र कौर ने बताया कि गांव में दो आंगनवाड़ी केन्द्र है और ग्राम पंचायत व आशा वर्कर संतोष कुमारी के सहयोग से ग्रामीण महिलाओं को छोटे-छोट समूहों में जागरूक किया जाता है। उन्हें महिला एवं बाल विकास विभाग के माध्यम से चलाई जा रही विभिन्न स्कीमों की जानकारी देने के साथ-साथ उन्हें स्वास्थ्य सम्बंधी भी जानकारी दी जाती है।  पोषाण आहार, अनिमिया तथा किशोरी बालिकाओं के स्वास्थ्य के सम्बंध में भी जानकारी दी जाती है।

महिलाओं को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम के बारे में भी बताया जा रहा है। जिसका यह परिणाम है कि ग्रामीण बेटा-बेटी में कोई अंतर नही समझते और कन्या भ्रूण हत्या जैसी सामाजिक बुराई से कोसों दूर हैं। जिस कारण इस गांव का गत वर्ष का लिंगानुपात दोगुने से भी अधिक है। जब उन्हें यह पता चलता है कि कोई महिला गर्भवती है तो उसके स्वास्थ्य पर नजर रखने के साथ-साथ उसे स्वास्थ्य सुरक्षा की जानकारी देने के अतिरिक्त अन्य स्कीमों के बारे में भी बताया जाता है और प्रेरित किया जाता है कि आज के समय में  लडक़ा-लडक़ी में कोई अंतर नही है। लड़कियां भी आज हर क्षेत्र में आगे बढक़र अपने गांव, प्रदेश व देश का नाम रोशन कर रही हैं। इस कार्य में उन्हें ग्राम पंचायत का भी पूरा सहयोग मिलता है। गांव में राजकीय हाई स्कूल है जिसमें आंगनवाड़ी में दी जाने वाली स्कूल पूर्व शिक्षा के उपरांत स्कूल में लड़कियां स्कूली शिक्षा प्राप्त कर रही है। गांव के सरकारी हाई स्कूल में 50 छात्राएं पढ़ रही है।

महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाईजर मनप्रीत कौर ने बताया कि ग्रामीण महिलाओं को महिलाओं एवं बालिकाओं के लिए चलाई जा रही स्कीमों जैसे सुकन्या समृद्धि योजना, आपकी बेटी हमारी बेटी योजना, पूरक पोषाहार, पौष्टिक तत्वों, प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना तथा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम आदि स्कीमों के बारे में जानकारी दी जाती है। समय-समय पर जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। उन्होंने बताया कि इसके अलावा यह भी बताया जाता है कि कन्या भ्रूण हत्या रोकने के लिये पीएनडीटी एक्ट तथा एमटीपी एक्ट का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को वन स्टॉप सेंटर हैल्पलाईन नम्बर 181, महिला हैल्पलाईन नम्बर 1091 तथा चाईल्ड हैल्पलाईन नम्बर 1098 के बारे में भी बताया जाता है। उन्होंने बताया कि आंगनवाड़ी केन्द्रों मेें छोटी-छोटी बालिकाओं का जन्मदिन मनाया जाता है और मीटिंग करके भी महिलाओं को जागरूक किया जाता है।
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