***आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हिंदी का महत्व बढ़ रहा है- सहायक प्रोफेसर डा. निर्मल सिंह
****भारत की आजादी में भी हिन्दी भाषा का काफी महत्व रहा, चाहे आजादी के लिए तैयार किये गये नारे हो या कविताएं सभी ने देश के नागरिकों में ह्रदय में क्रांति की ज्वाला भरने का काम किया था- प्रधानाचार्य कुलभूषण सैनी
***हिंदी केवल हमारी मातृभाषा या राष्ट्रभाषा ही नहीं अपितु यह राष्ट्रीय अस्मिता और गौरव का प्रतीक है- प्राध्यापिका हरदीप कौर
शहजादपुर, 14 सितम्बर / न्यू सुपर भारत न्यूज़।
राष्ट्रीय एकता की सूत्रधार और हम सभी की पहचान हिन्दी है। हिन्दी हमारी मातृभाषा है मात्र एक भाषा नहीं है। हिन्दी दिवस पर कुछ शिक्षाविदों से हिन्दी भाषा को लेकर बातचीत की तो सभी का यह कहना था कि आज पूरा विश्व हिंदी भाषा की शक्ति को पहचान रहा है।
राजकीय महिला महाविद्यालय शहजादपुर के प्राचार्य एस.पी. गिरोत्रा ने सभी को हिन्दी दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा हिंदी का व्यवहार और प्रयोग दिन प्रतिदिन बढ़ रहा है। हमारे महाविद्यालय में कार्यालय का अधिकांश कार्य हिंदी भाषा में किया जाता है। हमें अपनी मातृभाषा पर गर्व है। हम सभी को अपने व्यक्तिगत जीवन में हिंदी के प्रचार प्रसार का प्रयत्न करना चाहिए। क्योंकि हिंदी मात्र एक भाषा नहीं है अपितु भावों की अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम है।
राजकीय महिला महाविद्यालय शहजादपुर के हिन्दी विषय के सहायक प्रोफेसर डा. निर्मल सिंह ने कहा हिंदी विश्व की सर्वाधिक वैज्ञानिक तथा समृद्ध भाषा है। आज अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हिंदी का महत्व बढ़ रहा है। इसकी वैज्ञानिकता तथा समृद्धि का लाभ सम्पूर्ण विश्व को लाभ प्राप्त हो इसके लिए हम सभी भारतवासियों का यह कर्तव्य है कि हम हिंदी भाषा को गौरव के साथ सम्मान प्रदान करें।
राजकीय सीनीयर सैकण्डरी स्कूल पतरेहड़ी के प्रधानाचार्य कुलभूषण सैनी ने कहा कि भारत में प्रति वर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है। 14 सितम्बर 1949 को ही भारत के संविधान में हिन्दी भाषा को भारतीय गणराज्य की आधिकारिक भाषा के तौर पर अपनाया गया। हिन्दी केवल राज भाषा ही नहीं बल्कि हमारें विचारों को सरलता से आदान-प्रदान करने का एक जरिया भी है। जो सम्पर्ण देश को एकता के सूत्र में बांधे रखती है। भारत की आजादी में भी हिन्दी भाषा का काफी महत्व रहा है। चाहे आजादी के लिए तैयार किये गये नारे हो या कविताएं सभी ने देश के नागरिकों में ह्रदय में क्रांति की ज्वाला भरने का काम किया था। वर्तमान समय में सभी देशवासियों को हिन्दी का ज्यादा से ज्यादा प्रचार-प्रसार करना चाहिए। हिन्दी को गर्व के साथ बोलना व लिखना चाहिए और अपना कार्य भी हिन्दी भाषा में करना चाहिए।
कोडवा खर्दु स्कूल की हिन्दी विषय की प्राध्यापिका हरदीप कौर ने कहा कि हिंदी केवल हमारी मातृभाषा या राष्ट्रभाषा ही नहीं अपितु यह राष्ट्रीय अस्मिता और गौरव का प्रतीक है। भाषा के बिना कोई भी अपनी बात को, अपनी भावनाओं को अभिव्यक्त नहीं कर पाता। भाषा के जरिए ही विभिन्न प्रकार की संस्कृति को जाना जा सकता है। उसमें हिंदी भाषा बहुत महत्वपूर्ण है। हिंदी में आप सहजता से अपनी बात समझा सकते हैं। इसलिए हिन्दी का प्रयोग ज्यादा से ज्यादा करना चाहिए। क्योंकि यह हम सब के लिए गौरव की बात है।
फोटो 1 राजकीय महिला महाविद्यालय शहजादपुर के प्राचार्य एस.पी. गिरोत्रा।
फोटो 2 राजकीय महिला महाविद्यालय शहजादपुर के हिन्दी विषय के सहायक प्रोफेसर डा. निर्मल सिंह ।
फोटो 3 राजकीय सीनीयर सैकण्डरी स्कूल पतरेहड़ी के प्रधानाचार्य कुलभूषण सैनी ।
फोटो 4 कोडवा खर्दु स्कूल की हिन्दी विषय की प्राध्यापिका हरदीप कौर।