November 15, 2024

संत कबीर की शिक्षा व संस्कार जीवन में आज भी प्रासंगिक : डीसी

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झज्जर / 24 जून / न्यू सुपर भारत

डीसी श्याम लाल पूनिया ने सद्गुरू कबीर साहेब को भारतीय सांस्कृतिक दर्शन में एक क्रांतिकारी संत बताते हुए कहा कि जीवन परिवर्तन और समाज सुधार की जो वाणी उन्होंने कही, वह आज भी प्रासंगिक है। डीसी पूनिया ने संत कबीर दास को नमन करते हुए उनके दिखाए मार्ग पर आगे बढऩे के लिए आमजन को प्रेरित किया।

डीसी प्रशासनिक अधिकारियों के साथ संत कबीर दास की जयंती के अवसर पर लघु सचिवालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बोल रहे थे। इससे पहले संत कबीर जयंती पर चंडीगढ़ में मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित भजन संध्या कार्यक्रम का सीधा प्रसारण दिखाया गया जिसमें मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने प्रदेशवासियों को अपना संदेश दिया। झज्जर जिला वासी भी लाइव प्रसारण से जुडकऱ कार्यक्रम में भागीदार बने। डीसी ने कबीर दास जी जयंती पर विभिन्न सामाजिक संगठन प्रतिनिधि को सम्मानित भी किया।


डीसी श्याम लाल पूनिया ने कार्यक्रम में संत कबीर को याद करते हुए कहा कि अंधविश्वास पर चोट और जीवन में प्रेम के महत्व को बतलाने का भी श्रेय उन्हें दिया गया है। उन्होंने कहा कि साम्प्रदायिक सौहार्द कायम करने के लिए संत कबीरदास जी ने जो मार्ग दिखाया उस पर सभी को चलने का संकल्प लेना है। उन्होंने कहा कि कबीर की शिक्षा, संस्कार और विचार हमें जीवन में उतारने चाहिए यह जीवन में परिवर्तन लाते हैं। उनकी शिक्षाएं जीवन के हर क्षेत्र में प्रभावी हैं।

उन्होंने कहा कि संत कबीरदास का नाम ऐसे महानुभावों की श्रेणी में आता है, जिन्होंने भारतीय समाज में सुधार लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने भारतीय समाज से अंधविश्वास, जात-पात, रूढि़वाद को खत्म करके सामाजिक और आर्थिक रूप से आजाद करके एक स्वस्थ समाज की स्थापना की। हमें ऐसे महापुरूषों की शिक्षाएं व आदर्शों को अपने जीवन में आत्मसात करके मानव उत्थान की दिशा में कार्य करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि कबीर की रचनाएं युगों तक मानव कल्याण का रास्ता दिखाती रहेंगी। कबीर दास एक महान कवि तथा समाज सुधारक थे। उनकी रचनाएं जीवन व समाज को सुधारने को समर्पित थी। कबीरदास को कर्म प्रधान कवि भी कहा गया है और हिंदी साहित्य में उनका अहम योगदान रहा है।

डीसी ने कार्यक्रम में कहा कि कबीर की रचनाएं बहुत सजीव हैं जिनमें समाज की झलकियों को दर्शाया गया है। उनका संदेश सीधा और स्पष्ट होता था। उनके संदेश पहले भी उतने ही प्रासंगिक थे तथा आज भी और भविष्य में भी प्रासंगिक रहेंगे। वे कवि होने के साथ समाज कल्याण और समाज हित के काम में भी व्यस्त रहे और उनकी इसी उदारता के लिए उन्हें संत की उपाधि भी दी गई थी।

उन्होंने कहा कि संत कबीर दास ने हमेशा अपने दोहों के माध्यम से समाज में प्रचलित कुरीतियों एवं भेदभाव के विरुद्ध जन-जागृति पैदा की। उनके सद्भावना और मानवता के संदेश देशवासियों को सदैव प्रेरित करेंगे।


झज्जर में कबीर पंथी धानक धर्मशाला में भी कार्यक्रम का आयोजन हुआ। जिसमें झज्जर जिला के लोग भजन संध्या कार्यक्रम में सहभागी बने। भाजपा प्रदेश प्रवक्ता डॉ. राकेश ने कार्यक्रम में शिरकत करते हुए संत कबीर दास जी की वाणी से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि समाज मे विसंगतियों को दूर करने में संत कबीरदास का अहम योगदान रहा है।

इस अवसर पर एसडीएम झज्जर शिखा, सीटीएम शिवजीत भारती, जिला कल्याण अधिकारी श्वेता शर्मा, डीआईपीआरओ दिनेश कुमार, डीआईओ  अमित बंसल, तहसील कल्याण अधिकारी राकेश कुमार सहित सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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