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हिमाचल में बनी 37 दवाओं के सैंपल फेल, 33 कंपनियों को नोटिस

बीबीएन / 28 नवंबर / शांति गौतम //

केद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और राज्य दवा नियामकों की जांच में हिमाचल के 33 उद्योगों में निर्मित 37 तरह की दवाएं ,इंजेक्शन व आई ड्रॉप्स क्वालिटी टेस्ट में फेल हो गए है। यह खुलासा सीडीएससीओ द्वारा जारी अक्तूबर माह के ड्रग अलर्ट में हुआ है। सीडीएससीओ द्वारा देर शाम जारी ड्रग अलर्ट में हिमाचल में निर्मित जिन 37 दवाओं व इंजेक्शन के सैंपल फेल हुए है, इनका उपयोग दर्द, गैस्ट्रोइसोफेगल रिलक्स रोग, काला बुखार ,एनीमिया, हार्ट फेल, हाईबीपी, चेचक, संक्रमण व मधुमेह के इलाज के लिए किया जाता है।

इसके अलावा पशुओं में संक्रमण के उपचार में इस्तेमाल किया जाने वाला इजेंक्शन भी जांच में खरा नहीं उतर पाया है। सबस्टैंडर्ड पाई गई दवाओं व इंजेक्शन का निर्माण कालाअंब, बीबीएन,परवाणू, सोलन, कांगड़ा के संसारपुर टैरेस में हुआ है। ओडिशा, एमपी, गुजरात, महाराष्ट, हरियाणा, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना, उतराखंड़ ,सिक्किम, पंजाब, मुंबई , तिरुवंतपुरम स्थित दवा उद्योगों में निर्मित 53 वाएं व इंजेकशन भी सबस्टेंडर्ड निकले है। स्टेट ड्रग्स कंट्रोलर मनीष कपूर ने बताया कि हिमाचल के सभी उद्योगों को नोटिस जारी कर दवा व इंजेक्शन का पूरा बैच बाजार से वापस मंगवाने के निर्देश दिए है। -एचडीएम

ड्रग अलर्ट में शामिल दवाएं

सूची में शामिल प्रमुख दवा नमूनों में सेफेम-200 टैबलेट, सेफपोडोक्साइम प्रोक्सेटिल डिस्पर्सिबल टैबलेट, डिवलप्रोएक्स सोडियम एसआर टैबलेट, विटामिन बी कॉ प्लेक्स टैबलेट, इट्राकोनाजोल कैप्सूल, सेफिक्साइम डिस्पर्सिबल टैबलेट, ऑर्सेमाइड टैबलेट, कफ डीएम सिरप, मोंटेलुकास, सिप्रो लोक्सासिन हाइड्रोक्लोराइड, टायरप्सिन काइमोट्रिप्सिन टैबलेट, रोजुटिन दस टैबलेट शामिल हैं।

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