बिलासपुर / 06 जुलाई / न्यू सुपर भारत
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा हिमाचल वासियों के लिए बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण सहारा योजना चलाई गई है। यह योजना प्र्रदेशवासियों के स्वास्थ्य में सुधार के साथ वित्तीय सहायता भी प्रदान कर रही है।
प्रदेश के आर्थिक रुप से कमजोर वर्ग जिनकी आय 4 लाख रुपये से कम है और एकल परिवार से संबध रखते हैं, उनके लिए कुछ निर्दिष्ट रोगों से पीडित होने पर सामाजिक सुरक्षा व वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सहारा योजना शुरु कर एक नई पहल की है। इस योजना के तहत जिला बिलासपुर में 1230 पात्र लोगों (मरीजों) को लाभ मिल रहा है।
पार्किसन, मस्कुलर डिस्ट्राॅफी, थैलेसीमिया, कैंसर रोग, हीमोफीलिया, गुर्दे की विफलता, पैरालिसिस तथा इसके अतिरिक्त कोई अन्य रोग जो स्थाई रुप से किसी रोगी को अक्षम करते हैं इस योजना के अंतर्गत आने वाली बीमारियां है, जिन पर यह अनुदान प्राप्त होगा।
सहारा योजना के तहत रोगी को प्रतिमाह 3000 रुपये वित्तीय सहायता हिमाचल सरकार द्वारा प्रदान की जा रही है। वित्तीय सहायता लाभार्थी के सीधे खाते में जमा होगी। इस योजना के अंतर्गत सरकारी एवं पैंशनभोगी व्यक्ति जो कि चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ उठाते हैं इस योजना के पात्र नहीं होंगे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डाॅ. प्रकाश दरोच ने बताया कि सहारा योजना का उद्देश्य लंबी बीमारी में उपचार के दौरान रोगियों व उनके परिजनों को आने वाली वित्तीय और अन्य समस्यों से निजात दिलवाना है। आवेदन के लिए निर्धारित प्रपत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज जैसे बीमारी के दस्तावेज, फोटो पहचान पत्र, आय प्रमाण पत्र, स्थाई प्रमाण पत्र, बीपीएल प्रमाण पत्र, बैंक खाते की पूर्ण जानकारी तथा जीवन प्रमाण पत्र सलंग्न करके खंड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में अवश्य जमा करवाने होंगे।
उन्होंने बताया कि दस्तावेज अपने क्षेत्र की आशा वर्कर व स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में भेजे जा सकते है। उन्होंने बताया कि मरीज के पूर्ण दस्तावेज खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में जमा करवाने पर आशा वर्कर को 200 रुपये प्रति केस, प्रोत्साहन राशि भी दी जाती है।
उन्होंने बताया कि इस योजना की जानकारी के लिए आशा वर्कर व स्वाास्थ्य कार्यकर्ता से संपर्क करें। यह योजना निश्चित रुप से, कमजोर व्यक्तियों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए एक मील का पत्थर साबित होगी
उन्होंने आमजन से अनुरोध किया है कि यदि कोई व्यक्ति उपरोक्त किसी भी बीमारी से पीडित हो तो अपना पंजीकरण जल्दी से जल्दी करवाएं और योजना का लाभ उठाएं। उन्होंने पात्र लोगों से यह भी आग्रह किया है कि हर 6 महीने के बाद जीवित प्रमाण पत्र अवश्य सम्बंधित खण्ड चिकित्सा अधिकारी के माध्यम से भेज दिया करें अन्यथा इस योजना में दी जाने वाली राशि के भुगतान में देरी हो सकती है।