असहाय सन्नी और अंकुर को मिला प्रदेश सरकार का बड़ा सहारा, सहारा योजना के तहत अब इन्हें हर महीने मिल रहे हैं 3000 रुपये
हमीरपुर / 11 अप्रैल / न्यू सुपर भारत
असाध्य रोग मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के कारण बचपन से ही बिस्तर पर पड़े असहाय व्यक्ति और नेत्र रोग के कारण अपनी आंखों की रोशनी खो चुके युवा की व्यथा की कल्पना मात्र से ही हर किसी का मन सिहर उठता है। कई वर्षों से यह दर्द झेल रहे हमीरपुर के निकटवर्ती गांव मझोट के 36 वर्षीय सन्नी और 30 वर्षीय अंकुर सोनी के परिजनों को भी न जाने कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
इलाज के लिए बड़े-बड़े अस्पतालों के चक्कर लगाने तथा लाखों रुपये खर्च करने के बाद भी सन्नी और अंकुर की सेहत में कोई सुधार न होने के कारण अब ये पूरी तरह अपने परिजनों पर ही आश्रित हैं। ऐसी परिस्थितियों में ये दोनों परिवार सिर्फ भावनात्मक रूप से ही नहीं, बल्कि आर्थिक रूप से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं।
सन्नी और अंकुर की तरह ही असाध्य रोगों से ग्रस्त होने के बाद शारीरिक रूप से अक्षम हो चुके न जाने कितने लोगों तथा उनके परिवारों की कहानियां भी कुछ ऐसी ही दर्द भरी होती हैं। ऐसे लोगों के दुख-दर्द को समझते हुए ही हिमाचल प्रदेश सरकार ने सहारा योजना आरंभ की है। अधरंग, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, पार्किन्सन, कैंसर, हैमोफिलिया, थेलेसेमिया, किड्नी की गंभीर बीमारी और अन्य बीमारियों के कारण अक्षम हो चुके लोगों तथा उनके परिजनों के लिए सहारा योजना बहुत बड़ी राहत लेकर आई है।
मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के कारण लगभग 36 वर्षों से बिस्तर पर पड़े हमीरपुर के निकटवर्ती गांव मझोट के सन्नी की माता ने बताया कि सहारा योजना के तहत अब सन्नी को हर माह प्रदेश सरकार की ओर से 3000 रुपये की धनराशि मिल रही है।
यह धनराशि उनके लिए बहुत बड़ा सहारा साबित हो रही है। प्रदेश सरकार का बार-बार धन्यवाद करते हुए सन्नी की माता ने बताया कि उन्होंने अपने बेटे के इलाज के लिए बड़े-बड़े अस्पतालों के चक्कर लगाए और लाखों रुपये खर्च किए, लेकिन उसकी हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। परिवार की आर्थिक हालत भी बिगड़ती चली गई। सहारा योजना का लाभ मिलने के बाद अब उनका परिवार सन्नी की देखभाल बेहतर ढंग से कर पा रहा है।
गांव मझोट के ही एक युवा अंकुर सोनी को भी सहारा योजना के तहत प्रतिमाह 3000 रुपये मिल रहे हैं। बचपन में नेत्र रोग के कारण धीरे-धीरे अंकुर की आंखों की रोशनी चली गई है और वह 100 प्रतिशत अंधता का शिकार हो गए। साधारण परिवार से संबंध रखने वाले अंकुर के इलाज पर भी लाखों रुपये खर्च हुए।
दोनों आंखों की रोशनी चले जाने के बाद अंकुर के समक्ष रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया था। ऐसी परिस्थितियों में प्रदेश सरकार की सहारा योजना अंकुर के लिए वरदान साबित हो रही है। प्रदेश सरकार का धन्यवाद करते हुए अंकुर ने बताया कि प्रति माह 3000 रुपये मिलने से उन्हें बहुत बड़ी राहत मिली है।
अंकुर और सन्नी सहित हमीरपुर जिले में कुल 1054 लोगों को सहारा योजना का लाभ मिल रहा है। जबकि, प्रदेश भर में कुल 11,186 असहाय लोग लाभान्वित हो रहे हैं। ऐसे लोगों के लिए यह योजना नि:संदेह एक बड़ा सहारा बनी है।