हिमाचल प्रदेश में सहारा योजना गरीब लोगों के लिए बन रही मददगार
बिलासपुर / 18 दिसम्बर / एन एस बी न्यूज़
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा ट्रॉमा सेंटर में गैर संचारी रोगो पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस अवसर पर स्वास्थ्य एंव परिवार कल्याण विभाग द्वारा लोगों के
स्वास्थ्य के कल्याणार्थ चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं की जानकारी प्रदान की गई।
प्रशिक्षण शिविर में चिकित्सको ने भाग लिया। शिविर के समापन समारोह की अध्यक्षता करते हुए सीएमओ डा. प्रकाश दडोच ने चिकित्साधिकारियों को निर्देश दिए कि वे अपने क्षेत्र में ईमानदारी से इन योजनाओं के बारे में स्वास्थ्य कार्यकर्ता व आशा वर्कर के माध्यम से लोगों तक पहुंचाने अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें।
उन्होने कहा कि सहारा योजना जैसी वित्तीय सहायता प्रदान करने वाली योजना के बारे में भी लोगों को जागरूक करें ताकि पात्र लोग इसका लाभ उठा सकें। उन्होने कहा कि प्रदेश के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण सहारा योजना चलाई गई है। ये योजना प्रदेशवासियों के स्वास्थ्य में सुधार के साथ वित्तीय सहायता भी प्रदान करेगी।
उन्होने बताया कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग जिनकी वार्षिक आय 4 लाख रुपए से कम है और एकल परिवार से संबंध रखते हैं, उनके लिए कुछ निर्दिष्ट रोगों से पीड़ित होने पर सामाजिक सुरक्षा व वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए सहारा योजना शुरू कर एक नई पहल की है। उन्होने बताया कि इस योजना के तहत रोगी को प्रतिमाह 2 हजार रुपए वित्तीय सहायता सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। यह वित्तीय सहायता लाभार्थी के सीधे खाते में जमा होगी। उन्होने बताया कि इस योजना के अंतर्गत सरकारी एवं पेंशनभोगी व्यक्ति जोकि चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ उठाते हैं इस योजना के पात्र नहीं होंगे। सहारा योजना का उद्देश्य लंबी बीमारी में उपचार के दौरान रोगियों व उनके परिजनों को आने वाली वित्तीय और अन्य समस्याओं से निजात दिलवाना है। इस योजना के अंतर्गत आने वाली बीमारियां जिनमें पार्किंसन, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी, थैलेसीमिया, घातक कैंसर रोग, हीमोफीलिया, गुर्दे की विफलता, तथा कोई रोग जो स्थाई रूप से किसी रोगी को अक्षम वैडरिडन करते है पर यह अनुदान मिलेगा।
उन्होने बताया कि आवेदन के लिए निर्धारित प्रपत्र के साथ आवश्यक दस्तावेज बीमारी के दस्तावेज ,फोटो पहचान पत्र, आय प्रमाण पत्र, जीवन प्रमाण पत्र, स्थाई प्रमाण पत्र, बीपीएल प्रमाण पत्र और बैंक खाते की पूर्ण जानकारी आदि संलग्न करके खंड चिकित्सा अधिकारी के कार्यालय में जमा करवाने होंगे। उन्होने बताया कि दस्तावेज अपने क्षेत्र की आशा वर्कर व स्वास्थ्य कार्यकर्ता के माध्यम से खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में भेजें। मरीज के उक्त पूर्ण दस्तावेज खंड चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में जमा करवाने पर आशा वर्कर को 2 सौ रूपए प्रति केस प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी।