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रीतू देवी ने आत्मविश्वास के बूते बनाई अलग पहचान

धर्मशाला / 20 नवम्बर / न्यू सुपर भारत न्यूज़


जीवन में बढ़ने का अवसर सबको ही मिलता है परन्तु कुछ ही ऐसे लोग होते हैं जो अवसरों का उपयोग कर सफलता प्राप्त कर पाते हैं। ऐसी ही कहानी है कांगड़ा जिला की रीतू देवी की। कांगड़ा जिला के नगरोटा बगवां तहसील में स्थित है कालीजन गांव। इस गांव की रीतू देवी ने अपने दृढ़निश्चय व आत्मविश्वास के बूते अलग पहचान बनाई है। अपनी मेहनत द्वारा किये जा रहे कार्य के कारण वे और लोगों के लिए भी प्रेरणास्त्रोत बनी हुई हैं।


  रीतू ने जिदंगी की तमाम बाधाओं को पार करते हुए अपने घर की आर्थिक स्थिति को बदल डाला है और एक नई सामाजिक पहचान बनाई है। बाहरवीं तक पढ़ी रीतू जब शादी करने के उपंरात जब कालीजन गांव में अपने ससुराल आई थीं, उस समय घर की आर्थिक स्थिति काफी कमजोर थी। अपने घर की आर्थिक स्थिति को ठीक करने के उदे्दश्य से उसने अपने पति के साथ खेतीबाड़ी में हाथ बंटाना शुरू कर दिया, परन्तु दोनों मिलकर भी इतना नहीं कमा पाते थे कि अपने परिवार की सही ढंग से परवरिश कर सकंे। ऐसे में रीतू को पंजाब नैशनल बैंक के धर्मशाला स्थित ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा उस्तेेहड़ में चलाए गए उद्यमिता जागरूकता शिविर में संस्थान द्वारा करवाये जाने वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में जानकारी मिली। उन्हें आशा की किरण नजर आई और उन्होंने तुरन्त 10 दिन के डेयरी व बकरी पालन कोर्स के प्रशिक्षण के लिए आवेदन कर दिया। ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान द्वारा उद्यमिता विकास का प्रशिक्षण पाकर इनके आत्मविश्वास में काफी वृद्धि हुई। फिर क्या था हौंसलों को उड़ान मिल गई।


  वे बताती हैं कि उन्होंने प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत अपने पति के साथ लगभग 1.40 लाख रूपये की पूंजी लगाकर डेयरी फार्मिंग का कार्य शुरू किया। जिसमें से एक लाख रुपये पंजाब नैशनल बैंक समलोटी से ऋण लिया तथा 40 हजार रुपये स्वयं से निवेश किये। मेहनत और प्रशिक्षण से प्राप्त ज्ञान के बूते देखते ही देखते दिन बदलने लगे। आज रीतू ने 3 जर्सी गाय तथा 3 बकरियां पाल रखी हैं। जिससे लगभग 18 किलो दूध प्राप्त हो रहा है। वे दूध को आसपास के गांवों में बेचते हैं और हर महीने लगभग 10 हजार रूपये कमा रही हैं तथा साथ ही बैंक द्वारा लिए गये लोन की किस्ते भी अदा कर रही हैं। जीत कुमार का कहना है कि रीतू के आत्मविश्वास ने उनके परिवार की जिन्दगी बदल दी है।


  पंजाब नैशनल बैंक ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान के निदेशक महेन्द्र सिंह बताते हैं कि संस्थान जरूरतमंद एवं इच्छुक लोगों को स्वरोजगार आरम्भ करने के लिए निःशुल्क प्रशिक्षण देता है, ताकि वे आर्थिक रूप से सुदृढ़ एवं आत्मनिर्भर हो सकें। वे बताते हैं कि संस्थान 18 से 45 वर्ष तक की महिलाओं और पुरूषों को डेयरी फार्मिंग, खुम्ब उत्पादन, सब्जी नर्सरी प्रबंधन और सब्जियों की खेती, आलू एवं प्याज की खेती और प्राकृतिक संरक्षण, अचार और पापड़ बनाना, खिलौने बनाना, डुने पत्तल बनाना, कपड़े के बैग बनाना तथा मोबाईल रिपेयरिंग जैसे विभिन्न रोजगारपरक व्यवसायों में प्रशिक्षण प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि प्रशिक्षण की समाप्ति पर प्रशिक्षणार्थियों को प्रमाण-पत्र दिए जाते हैं, जिसके द्वारा वे स्वरोजगार हेतु जिला कांगड़ा के किसी भी बैंक से ऋण प्राप्त करने के लिए आवेदन कर सकते हैं।


जिलाधीश कांगड़ा राकेश कुमार प्रजापति का कहना है कि सभी जिलावासियों विशेषकर युवाओं एवं महिलाओं को स्वरोजगार अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने एवं आत्मनिर्भर बनाने पर बल दिया जा रहा है। प्रशासन के इन प्रयासों में पंजाब नैशनल बैंक के ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण जैसे संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं, जो बेहद सराहनीय है। इस प्रकार के प्रशिक्षणों से लोग क्षेत्र विशेष के लिए आवश्यक ज्ञान प्राप्त कर एवं कौशल विकास से स्वरोजगार अपनाकर स्वावलंबन की राह पर आगे बढ़ें हैं। जिला प्रशासन की ओर से महिलाओं सहित सभी लोगों को स्वरोजगार से आत्मनिर्भर बनाने के लिए हर संभव सहायता उपलब्ध करवाने पर विशेष बल दिया जा रहा है।

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