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फिर से कांग्रेस का गारंटी कार्ड पढ़ें और अपने नेताओ के भाषण सुने मुख्यमंत्री : जयराम ठाकुर

शिमला / 02 नवंबर / न्यू सुपर भारत

पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री को अपने पार्टी के घोषण पत्र और अपने पार्टी के छोटे बड़े नेताओं के बयान फिर से सुनने चाहिए कि कैसी-कैसी गारंटियाँ कांग्रेस ने हिमाचल को दी थी। इसके साथ ही पार्टी मुख्यालय में पड़े वह फॉर्म भी देखने चाहिए कि किस तरह से युवाओं को स्टार्टअप फण्ड देने और महिलाओं से सम्मान निधि के फॉर्म भरवाए गए थे। उसे देखकर शायद उन्हें याद आ जाए कि उन्हें किसलिए प्रदेश के लोगों ने बहुमत दिया था। यदि मुख्यमंत्री अब झूठ बोलना बंद कर दें तो प्रदेश पर बहुत बड़ी मेहरबानी होगी। अब तो उनके आलाकमान और राष्ट्रीय नेतृत्व ने भी मान लिया है कि झूठ बोलने के कारण और बड़े-बड़े चुनावी वादे करने के कारण ही आज आंग्रेस की यह स्थिति हुई है। कांग्रेस के सभी सरकारों की इसी झूठ की वजह से किरकिरी हो रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि हिमाचल में बोलें गए झूठ की वजह से आज कांग्रेस के किसी नेता और उनके बयान को कोई गंभीरता से नहीं ले रहा है। कांग्रेस के झूठ की वजह से आज कांग्रेस के गारंटियों की राजनीति ही समाप्त हो गई। हिमाचल और हिमाचल के नेताओं से कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व अब किनारा कर रहा है, लेकिन इससे कांग्रेस को मुक्ति नहीं मिलने वाली है। उनके द्वारा हिमाचल विधान सभा चुनाव के बड़े मंचों से लेकर नुक्कड़ और चौराहों तक कहा गया हर झूठ एक दस्तावेज की तरह दर्ज हैं। जिससे हम कांग्रेस को भागने नहीं देंगे। गारंटियों को लेकर विधान सभा के भीतर भी उनके झूठ को हमने पूरे कागज-पत्र के साथ बेनकाब किया था और आगे भी करेंगे।  कांग्रेस को यह बात समझनी चाहिए कि काठ की हांडी बार-बार नहीं चढ़ती हैं।

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हिमाचल के बारे में जो कहा उसका एक-एक शब्द शत प्रतिशत सत्य है। हिमाचल पिछले महीनों से देशभर में चर्चा में है, जिसकी वजह से हिमाचल की छवि खराब हुई है। अब मुख्यमंत्री प्रेस कांफ्रेंस करके बताते है कि इस महीनों कर्मचारियों को वेतन मिल जाएगा। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि उन्होंने पाँच गारंटियाँ पूरी कर दी हैं। गारंटियों के हिसाब से उनकी सरकार बने दो साल हुए तो दो लाख लोगों को नौकरी देनी थी लेकिन एक भी नौकरी नहीं दी। उल्टा डेढ़ लाख से ज़्यादा पद ख़त्म कर दिए और 12 हज़ार से ज़्यादा लोगों को नौकरी से भी निकाल दिया।

18 से 60 साल की हर महिला को 1500 रुपए हर महीनें देने थे। कुल पात्र महिलाओं की संख्या 22 लाख के आस पास थी लेकिन लोक सभा चुनाव के ठीक पहले मात्र 26 हज़ार महिलाओं को एक किस्त देकर बैठ गए। इसके बाद से किसी को एक पैसा नहीं मिला है। 300 यूनिट बिजली फ्री देने की गारंटी दी थी लेकिन पूर्व सरकार द्वारा दी गई 125 यूनिट बिजली की सुविधा भी खत्म कर दी और 300 यूनिट बिजली खर्च करने पर घरेलू उपभोक्ताओं से कमर्शियल रेट पर बिल लिए जा रहे हैं। गाय का दूध 80 और भैंस का दूध 100 रुपए लीटर ख़रीदने की गारंटी दी थी। आज दूध की क्या क़ीमत हैं। हर विधान सभा के एक हज़ार युवाओं को ब्याज मुक्त ऋण देने के लिए 680 करोड़ का स्टार्टअप फण्ड बनाने की गारंटी दी थी। क्या हर विधान सभा के 10 युवाओं को भी स्टार्टअप का पैसा मिला? एक को भी नहीं मिला। इसके बाद भी यह कहना कि हमने गारंटी पूरी कर दी यह तो झूठ की हदें पार करने जैसा है। एक मुख्यमंत्री के द्वारा इस तरह की बात करना और भी शर्मनाक है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इन सब के बाद भी मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि हमने पाँच गारंटियाँ पूरी कर दी। इसका अर्थ यही है कि सरकार अब इन गारंटियों के मामले में कुछ नहीं करने वाली है। जो करना था वह कर चुकी है। इसलिए प्रदेश के लोग अब सरकार से किसी भी प्रकार की कोई उम्मीद न रखे। सुक्खू सरकार आने वाले समय में सिर्फ और सिर्फ व्यवस्था पतन और प्रदेश के बंटाधार करने के लिए जानी जाएगी। आज प्रदेश की आर्थिक हालत की जिम्मेदार सुक्खू सरकार है, जिसने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को गर्त में पहुंचाने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। दो साल से कम के कार्यकाल में ही 25 हज़ार करोड़ का ऋण ही सुक्खू सरकार की अब तक की उपलब्धि है। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरह उन्हें भी यह स्वीकार कर लेना चाहिए कि उनके झूठ की वजह से ही सरकार की किरकिरी हो रही है, इसलिए वह झूठ बोलने से परहेज करें।

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