राज्य सरकार ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान तीव्रता से स्वास्थ्य अधोसंरचना का किया विस्तारीकरण
शिमला / 13 जून / न्यू सुपर भारत
तीन माह में बिस्तर क्षमता को 837.3 प्रतिशत बढ़ाया, स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या में 427.3 प्रतिशत तक की बढ़ौतरी हुईराज्य सरकार ने कोरोना महामारी की दूसरी लहर आने और इससे प्रभावी तरीके से निपटने के लिए तीव्र गति से प्रदेश में स्वास्थ्य अधोसंरचना का विस्तारीकरण कर स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया है।
राज्य सरकार ने प्रदेश के लोगों के बहुमूल्य जीवन को बचाने के लिए स्वास्थ्य संस्थानों में बिस्तर क्षमता में बढ़ौतरी करने के साथ-साथ अन्य विभिन्न प्रकार की आवश्यक सुविधाओं को जुटा कर इस वैश्विक कोरोना महामारी को नियंत्रित करने का प्रयास किया हैं। जिसके सार्थक परिणाम सामने आए है।
तीन माह में बिस्तर क्षमता को 837.3 प्रतिशत बढ़ायामार्च, 2021 मंे प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में कोविड मरीजों केे उपचार के लिए केवल 440 बिस्तर उपलब्ध थे, लेकिन कोरोना महामारी की दूसरी लहर के आने के बाद राज्य सरकार ने प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में बिस्तर क्षमता को तीव्र गति से 837.3 प्रतिशत तक बढ़ाया है और तीन माह में कोविड मरीजों के उपचार के लिए 5 जून, 2021 तक 3684 बिस्तरों की संख्या बढ़ा कर बिस्तर क्षमता को 4124 तक पहुंचाया है।
गौरतलब है कि राज्य में कोरोना महामारी की पहली लहर के नियंत्रित होने और राज्य में स्थिति सामान्य होने पर राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के अनेक स्वास्थ्य संस्थानों को कोविड समर्पित स्वास्थ्य केंद्र की सूची से बाहर कर सामान्य अस्पताल के रूप में आम लोगों के लिए खोल दिया गया था।राज्य सरकार द्वारा गत तीन माह में विभिन्न जिलों में कोविड मरीजों के लिए बिस्तर क्षमता में जिला बिलासपुर में 135, चंबा में 185, हमीरपुर में 156, कांगड़ा में 759, किन्नौर में 26, कुल्लू में 74, लाहौल स्पीति में 38, मंडी में 512, शिमला में 748, सिरमौर में 435, सोलन में 488, ऊना में 128 बिस्तरों की संख्या बढ़ाई गई है।
उपचार के लिए 47 नए स्वास्थ्य संस्थान किए चिन्हितकोविड की दूसरी लहर से निपटने के लिए राज्य सरकार ने स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या में भी 427.3 प्रतिशत तक की बढ़ौतरी की है। एक मार्च, 2021 को प्रदेश में कोविड समर्पित स्वास्थ्य संस्थानों की संख्या केवल मात्र 11 थी। राज्य सरकार ने प्रदेश के विभिन्न जिलों में कोविड मरीजों के लिए नए स्वास्थ्य संस्थान चिन्हित कर इनकी संख्या को 58 तक पहुंचाया है।
सरकार द्वारा 47 नए स्वास्थ्य संस्थान मरीजों की सुविधा के लिए चिन्हित किए है।डी-टाइप सिलेंडरों में 42.6 प्रतिशत की बढ़ौतरीराज्य सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए प्रदेश के स्वास्थ्य संस्थानों में डी-टाइप आॅक्सीजन सिलेंडरों में 42.6 प्रतिशत तक की बढ़ौतरी की है। मार्च-2021 में प्रदेश में डी-टाइप आॅक्सीजन सिलेंडरों की संख्या 5537 थी जिसमें राज्य सरकार ने 2361 की बढ़ौतरी की है।
वर्तमान में प्रदेश में डी-टाइप आॅक्सीजन सिलेंडरों की संख्या 7898 है। बिलासपुर में 227, चंबा में 350, हमीरपुर में 155, कांगड़ा में 1776, किन्नौर में 101, कुल्लू में 348, लाहौल स्पीति में 55, मंडी में 1420 शिमला में 1663, सिरमौर में 481, सोलन में 995 व ऊना में 327 बी-टाइप सिलेंडर उपलब्ध है।
बी-टाइप सिलेंडरों में 23 प्रतिशत की बढ़ौतरीराज्य सरकार ने बी-टाईप आॅक्सीजन सिलेंडरों की संख्या में भी 23 प्रतिशत तक की बढ़ौतरी की है। मार्च, 2021 में राज्य में जहां कुल 1916 बी-टाईप आॅक्सीजन सिलेंडर थे वहीं जून, 2021 में इनकी संख्या बढ़कर 2356 हो गई है राज्य सरकार द्वारा बी- टाईप सिलेंडरों की संख्या को 440 तक बढ़ाया गया है।
वर्तमान में प्रदेश के विभिन्न जिलों बिलासपुर में 90, चंबा में 70, हमीरपुर में 70, कांगड़ा में 601, किन्नौर में 59, कुल्लू में 30, लाहौल स्पीति में 77, मंडी में 124 शिमला में 845, सिरमौर में 93, सोलन में 234 व ऊना में 63 बी-टाइप सिलेंडर उपलब्ध है।रेमडेसिविर स्टाॅक में 143 प्रतिशत की वृद्धिकोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान किसी भी स्थिति से निपटने व मरीजों के उपचार में उपयोग होने वाले रेमडेसिविर इंजैक्शन में भी राज्य सरकार ने 143 प्रतिशत तक की वृद्धि की है। अप्रैल माह में प्रदेश में जहां रेमडेसिविर का स्टाॅक 3882 था
वहीं वर्तमान में राज्य के पास 9446 रेमडेसिविर उपलब्ध है। गत दो माह के दौरान राज्य सरकार ने रेमडेसिविर के स्टाॅक में 5564 की बढ़ौतरी की है। वर्तमान में बिलासपुर जिला में 117, चंबा में 312, हमीरपुर में 190, कांगड़ा में 3062, कुल्लू में 49, लाहौल स्पीति में 22, मंडी में 2292 शिमला में 1860, सिरमौर में 770, सोलन में 515 व ऊना में 257 रेमडेसिविर इंजेक्शन उपलब्ध है।
राज्य सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए समय-समय पर उठाए गए कदमों के परिणाम स्वरूप ही राज्य सरकार कोरोना महामारी को नियंत्रित करने और प्रदेश के लाखों लोगों के बहुमूल्य जीवन को बचाने में सफल रही है।