केन्द्रीय राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने संत शिरोमणि गुरू रविदास जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में बतौर मुख्यतिथि की शिरकत
नारायणगढ़ / 27 फरवरी / न्यू सुपर भारत
केन्द्रीय समाजिक न्याय व अधिकारिता और जल शक्ति राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने संत शिरोमणि गुरु रविदास जी के जन्मोत्सव सभी को बधाई देते हुए कहा कि हुए कहा कि सतगुरु रविदास जी भारत के उन विशेष महापुरुषों में से एक हैं जिन्होंने अपने आध्यात्मिक वचनों से सारे संसार को एकता, भाईचारा पर जोर दिया। संत शिरोमणी रविदास जी की अनूप महिमा को देख कई राजा और रानियाँ इनकी शरण में आकर भक्ति मार्ग से जुड़े।
जीवन भर समाज में फैली कुरीति जैसे जात-पात के अंत के लिए काम किया। केन्द्रीय राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया रायपुरविरान (नारायणगढ़) तथा गांव पंजलासा स्थित संत गुरू रविदास जी की जयन्ती पर आयोजित समारोह को बतौर मुख्यतिथि सम्बोंधित कर रहे थे। समरोह के विशिष्ट अतिथि भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश बतौरा थे। रायपुरविरान (नारायणगढ़) स्थित कार्यक्रम की अध्यक्ष्ता संत गुरू रविदास मंदिर सभा के प्रधान हरिचंद ने की।
श्री कटारिया ने रायपुरविरान (नारायणगढ़) तथा गांव पंजलासा में 11-11 लाख रूपये की राशि देने की घोषणा की। गांव पंजलासा में डा. बी.आर. अम्बेडक़र भवन का शुभारम्भ भी केन्द्रीय राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया ने किया। इससे पूर्व श्री कटारिया ने संत गुरू रविदास मंदिर में माथा भी टेका और पूजा अर्चना की।
इस अवसर पर केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री कटारिया ने कहा कि हम सब जानते हैं कि संत रविदास जी की सबसे प्रमुख शिक्षा यह थी कि हर कोई अच्छा और नेक इंसान बने तथा परिश्रम व ईमानदारी के साथ जीविकोपार्जन करें। अच्छा इंसान वह है जो संवेदनशील है, जो समाज की मानवोचित मर्यादाओं का सम्मान करता है, जो कायदे कानून और संविधान का पालन करता है। इसलिये रविदास जी के सेवक इनको सतगुरु, जगतगुरु आदि नामों से सत्कार करते हैं। रविदास जी की दया दृष्टि से करोड़ों लोगों का उद्धार किया जैसे-मीरा बाई आदि।
इस अवसर पर समाजिक न्याय व अधिकारिता और जल शक्ति राज्यमंत्री रतनलाल कटारिया ने संत गुरु रविदास जी के अनुयायियों को संबोधित करते हुए कहा कि हमारे लिए कितने गर्व की बात है कि इस वर्ष रविदास जी की जयंती से पूर्व भारत के महामहिम राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद जी ने विज्ञान भवन में अपना संदेश दिया। महामहिम राष्ट्रपति जी ने बताया कि संत रविदास यह कामना करते थे कि समाज में समता रहे तथा सभी लोगों की मूलभूत आवश्यकताएं पूरी हो। सबके हृदय को छूने वाले शब्दों में रविदास जी ने कहा है
ऐसा चाहूं राज मैं, जहं मिले सबन को अन्न।
छोट बड़ो सब सम बसे, रविदास रहे प्रसन्न ।
अर्थात जहां सबका पेट भरा हो, कोई भूखा ना हो जहां पूरी तरह से समानता हो और जहां सभी सुखी हो ऐसी व्यवस्था में ही रविदास प्रसन्न रहते हैं।
श्री कटारिया ने कहा कि रैदास ने साधु-सन्तों की संगति से पर्याप्त व्यावहारिक ज्ञान प्राप्त किया था। वे जूते बनाने का काम किया करते थे और ये उनका व्यवसाय था और अपना काम पूरी लगन तथा परिश्रम से करते थे और समय से काम को पूरा करने पर बहुत ध्यान देते थे। उनकी समयानुपालन की प्रवृति तथा मधुर व्यवहार के कारण उनके सम्पर्क में आने वाले लोग भी बहुत प्रसन्न रहते थे।
संत रविदास के जीवन और वाणी में ईमानदारी से कमाई गई जीविका का आदर्श दिखाई देता है। अध्यात्म और भक्ति के मार्ग पर चलते हुए भी संत रविदास ने श्रम पर बहुत बल दिया था। वह कहते हैं:-
श्रम कउ ईसर जानि कै, जउ पूजहि दिन रैन द्य
‘रविदास’ तिन्हहिं संसार मह, सदा मिलहि सुख चैन।।
यानी श्रम को ही ईश्वर जानकर जो लोग दिन-रात श्रम की पूजा करते हैं, उन्हें संसार के सभी सुखचैन प्राप्त होते हैं ।
एक बार एक पर्व के अवसर पर पड़ोस के लोग गंगा-स्नान के लिए जा रहे थे। रैदास के शिष्यों में से एक ने उनसे भी चलने का आग्रह किया तो वे बोले, गंगा-स्नान के लिए मैं अवश्य चलता किन्तु। गंगा स्नान के लिए जाने पर मन यहाँ लगा रहेगा तो पुण्य कैसे प्राप्त होगा ? मन जो काम करने के लिए अन्त:करण से तैयार हो वही काम करना उचित है। मन सही है तो इसे कठौते के जल में ही गंगास्नान का पुण्य प्राप्त हो सकता है। कहा जाता है कि इस प्रकार के व्यवहार के बाद से ही कहावत प्रचलित हो गयी कि – मन चंगा तो कठौती में गंगा।
श्री कटारिया ने कहा आज भी सन्त रैदास के उपदेश समाज के कल्याण तथा उत्थान के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। उन्होंने अपने आचरण तथा व्यवहार से यह प्रमाणित कर दिया है कि मनुष्य अपने जन्म तथा व्यवसाय के आधार पर महान नहीं होता है। विचारों की श्रेष्ठता, समाज के हित की भावना से प्रेरित कार्य तथा सद्व्यवहार जैसे गुण ही मनुष्य को महान बनाने में सहायक होते हैं। इन्हीं गुणों के कारण सन्त रैदास को अपने समय के समाज में अत्यधिक सम्मान मिला और इसी कारण आज भी लोग इन्हें श्रद्धापूर्वक स्मरण करते हैं।
रैदास के 40 पद गुरु ग्रन्थ साहब में मिलते हैं जिसका सम्पादन गुरु अर्जुन देव सिंह जी ने 16 वीं सदी में किया था। मेरा मानना है कि जो मानव मात्र की समानता और एकता में विश्वास रखता है और जो सभी प्राणियों के प्रति करुणा और सेवा का भाव रखता है, ऐसे प्रत्येक व्यक्ति गुरु रविदास का अनुयाई है। मानवता का कल्याण इसी में है कि हम सब लोग संत शिरोमणि रविदास जी के बताए मार्ग पर चलते हुए अपने व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को आगे बढ़ाएं।
इस अवसर पर भाजपा जिला अध्यक्ष राजेश बतौरा ने सभी को संत शिरोमणि गुरूरविदास जी की जयन्ती की शुभकामनाएं देते हुए केन्द्रीय राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया का नारायणगढ़ में पहुंचने पर स्वागत करते हुए कहा कि उनके दिखाएं मार्ग पर देश व समाज के कल्याण के लिए काम करें। उन्होने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री मनोहर लाल के नेतृत्व में भाजपा की केन्द्र व प्रदेश की सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए काम कर रही है। सरकार गुरू रविदास जी के दिखाये मार्ग पर चलते हुए पंक्ति में खड़े अंतिम व्यक्ति का ध्यान कर उसके कल्याण एवं उत्थान के लिए काम कर रही है।
इस अवसर पर निवर्तमान जिला परिषद चेयरमैन सुरेन्द्र राणा, तहसीलदार दिनेश सिंह, बीडीपीओं संजय टांक, भाजपा जिला उपाध्यक्ष अमित अग्रवाल, जिला सचिव नितिन चौहान, भाजपा जिला एस सी मोर्चा संजीव पंजलाषा, जिला अध्यक्ष किसान मोर्चा अनिल राणा, धीरज दनोरा, राकेश बिंदल, कुलदीप सिंह, संजीव कौशिक, पार्षद भीम सेन गेरा, डॉ. राजिंद्र तायल, डॉ. विश्व बंधु गुप्ता, डॉ. दवेंद्र गुलाटी, निवर्तमान सरपंच नीतू पंजलासा, सोहन लाल, राम पाल जरनैल सिंह, कमल पंच, मुकेश पंच, संजू पंजलसा, ईशर पाल, मा. राममूर्ति, कृष्ण धारी सहित काफी संख्या में लोग मौजूद रहे।
बॉक्स- श्री गुरू रविदास मंदिर सभा रायपुरविरान नारायणगढ़ के द्वारा एक मांग पत्र भी केन्द्रीय राज्य मंत्री रतन लाल कटारिया को सौंपा गया। श्री कटारिया ने सभी मांगों को पूरा करवाने का आश्वासन देते हुए डा. भीमराव अम्बेडकर भवन/एक बड़ा हॉल बनवाने के लिए 11 लाख रूपये की राशि देने की घोषणा की। इसी प्रकार श्री कटारिया ने गांव पंजलासा में भी 11 लाख रूपये की राशि संत गुरू रविदास मंदिर तथा डा. भीमराव अम्बेडकर भवन के लिए देने की घोषणा की।
इस अवसर पर श्री कटारिया ने केक भी काटा और जिला प्रधान राजेश बतौरा ने केन्द्रीय राज्य मंत्री को केक खिलाकर उन्हें संत गुरू रविदास जयंती की शुभकामनाएं भी दी। समारोह में मंदिर कमेटी द्वारा मुख्यतिथि व विशिष्ट अतिथि तथा अन्य गणमान्य लोगों को सिरोपे, संत गुरू रविदास जी का चित्र देकर सम्मानित भी किया गया। केन्द्रीय राज्य मंत्री तथा अन्य अतिथियों ने श्रद्धालुओं के साथ लंगर का प्रसाद भी ग्रहण किया।