प्रदेश सरकार सुविधाएं दे रही और भर्तियां बाहरी लोगों की हो रही : राजेन्द्र राणा
एक कर्मचारी के आत्महत्या के प्रयास मामले पर एनआईटी निदेशक पर बरसे स्थानीय विधायक
कहा : वर्तमान निदेशक ने फैला रखी है हिटलरशाही, सरकार ने कानों में डाल रखी है रूई और पर्यटक सांसद तो आते ही हैं घूमने
सुमन डोगरा बिलासपुर. राष्ट्रीय प्रोद्यौगिकी संस्थान (एनआईटी) हमीरपुर में शनिवार को एक सफाई कर्मचारी द्वारा तेल छिड़ककर आत्महत्या का प्रयास करने के मामले में संस्थान प्रबंधन को लपेटते हुए सुजानपुर के विधायक राजेंद्र राणा ने कहा है कि ऐसा पहली दफा हो रहा है कि संस्थान में छोटे व गरीब तबके के कर्मचारी तंग व प्रताड़ित हो रहे हैं।संस्थान के वर्तमान निदेशक ने पूरी हिटलरशाही फैला रखी है जिसको देखते हुए संस्थान का नाम बदलकर यादव प्रोद्यौगिकी संस्थान उत्तर प्रदेश कर देना चाहिए।उन्होंने हैरानी जताते हुए कहा कि संस्थान को जमीन से लेकर अन्य सुविधाएं हिमाचल सरकार मुहैया करवा रही है, लेकिन संस्थान में भर्तियां यूपी के लोगों की हो रही है तथा हिमाचली युवाओं को दरकिनार किया जा रहा है।उन्होंने कहा कि वर्तमान निदेशक व विवादों का चोली दामन का साथ लग रहा है, क्योंकि चंद माह पहले ही सफाई कर्मचारी अपनी मांगों के लिए 10 दिन धरने पर रहे थे।स्थानीय विधायक होने के नाते लोग भी उनसे मिलकर संस्थान निदेशक की शिकायतें कर चुके हैं।अधिकतर शिकायतें कर्मचारियों को प्रताड़ित करने व 95 प्रतिशत भर्तियां यूपी के लोगों विशेषकर यादव बिरादरी से करने की मिली है।उन्होंने कहा कि इतने बड़े स्तर पर हो रहे गड़बड़झाले पर प्रदेश सरकार ने भी कानों में रूई डाल रखी है और स्थानीय सांसद तो यहां पर्यटक बनकर भ्रमण करने ही आते हैं, जिन्हें यहां की समस्याओं से कोई सरोकार ही नहीं लगता।उन्होंने कहा कि जिस सरकार के नाक तले सचिवालय में ही बड़ी संख्या में बाहरी लोगों की भर्तियां हुई हों, उस सरकार से जनता खासकर बेरोजगार युवाओं को भी कोई उम्मीद नहीं रही है।उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश सरकार हिमाचल के संसाधनों को बेचने की तैयारी कर रही है और सरकारी नौकरियों बाहरी राज्यों के लोगों तरजीह दे रही है, उसे देखते हुए तो लगता है कि हिमाचल का अस्तित्व खतरे में पड़ने वाला है और हिमाचल के लोगों गुलामी के चंगुल में फंसाने की सोची-समझी साजिश हो रही है।