पंजाब वासियों को मिला नया तोहफा
अमृतसर / 17 अक्टूबर / नीरज बाली
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने वीरवार को भगवान श्री वाल्मीकि तीर्थ स्थल (राम तीर्थ) पर स्थित अत्याधुनिक भगवान वाल्मीकि जी पैनोरमा जनता को समर्पित किया।
इस परियोजना को जनता को समर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि विश्व का पहला महाकाव्य रामायण, आदि कवि भगवान वाल्मीकि जी द्वारा लिखा गया था, जिन्होंने अपनी विद्वता और दर्शन से दुनिया को प्रकाशित किया। उन्होंने कहा कि अपनी किस्म के इस पहले पैनोरमा में तकनीक का जादू गहरे वृत्तांत से मेल खाता है, जो पर्यटकों के लिए एक दिव्य अनुभव प्रदान करता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह पैनोरमा भव्यता, सरलता और वास्तुकला का बेहतरीन मिश्रण है और यह राज्य सरकार की ओर से भगवान श्री वाल्मीकि जी को विनम्र श्रद्धांजलि है।
मुख्यमंत्री ने बताया कि यह पैनोरमा कॉम्प्लेक्स 9 एकड़ भूमि में बनाया गया है और इसकी निर्माण लागत 32.78 करोड़ रुपए है। उन्होंने कहा कि यह पैनोरमा भगवान श्री वाल्मीकि जी को समर्पित है और महाकाव्य के श्लोकों के साथ उनके जीवन की कहानी को दर्शाता है। यह आधुनिक संग्रहालय भगवान वाल्मीकि जी के जीवन और योगदान को प्रदर्शित करने के लिए तकनीक का उपयोग करता है। भगवंत सिंह मान ने कहा कि इस पैनोरमा में कुल 14 गैलरी हैं, और प्रत्येक गैलरी भगवान श्री वाल्मीकि जी के जीवन और रामायण के विशेष पहलुओं को समर्पित है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन 14 गैलरियों में स्वागत क्षेत्र, भगवान श्री वाल्मीकि जी के विशेष गुण, उनका जन्म और प्रारंभिक जीवन, आदि कवि (पहले कवि), पहला महाकाव्य, रामायण की रचना, रामायण की विशेषताएं, माता सीता और लव-कुश, योगेश्वर और संगीतेश्वर, संजीवनी विद्या के स्वामी, अश्वमेध यज्ञ, योग वशिष्ठ, भगवान वाल्मीकि जी नाम माला और उनके उपदेश शामिल हैं। उन्होंने कहा कि गैलरियों के अलावा, पैनोरमा में आगंतुकों के अनुभव को समृद्ध करने के लिए कई सुविधाएं प्रदान की गई हैं, जिसमें एक कैफेटेरिया, स्मारिका दुकान, पुस्तकालय और अन्य सुविधाएं शामिल हैं। भगवंत सिंह मान ने कहा कि ये सुविधाएं आगंतुकों के दौरे को और अधिक सुखद बनाएंगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भगवान वाल्मीकि जी पैनोरमा एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और ऐतिहासिक संगम है, और यह भगवान श्री वाल्मीकि जी के जीवन और योगदान तथा रामायण महाकाव्य में रुचि रखने वाले पर्यटकों को आकर्षित करेगा। भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह पैनोरमा इंजीनियरिंग का अद्भुत उदाहरण है, जिसे दुर्लभ वास्तुकला और सरलता के साथ बनाया गया है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह पहल न केवल सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित और प्रोत्साहित करेगी, बल्कि आगंतुकों के लिए एक शैक्षिक अनुभव भी प्रदान करेगी।