आजादी के अमृत महोत्सव के तहत भारतीय खाद्य निगम द्वारा कार्यक्रम आयोजित
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फतेहाबाद / 25 अप्रैल / न्यू सुपर भारत
आजादी के अमृत महोत्सव के अंतर्गत रतिया रोड स्थित भारतीय खाद्य निगम कार्यालय में एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में भारतीय खाद्य निगम द्वारा गोदामों की स्थिति, उनकी कार्यप्रणाली और एफसीआई द्वारा उपयोग में ली जा रही सर्वोत्तम योजनाओं बारे विस्तृत रूप से चर्चा की गई। कार्यक्रम में फतेहाबाद के विधायक दुड़ाराम और रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विधायक दुड़ाराम ने कहा कि देश के अनाज भंडारण में एफसीआई का महत्वपूर्ण रोल है। किसानों की फसलों की खरीद और उसका उचित रखरखाव करने के साथ ही उसका समूचित रूप से वितरण करने में एफसीआई महत्वपूर्ण कड़ी है। कोरोना काल में एफसीआई के कर्मचारियों और श्रमिकों ने अपनी कत्र्तव्य निष्ठ को दिखाते हुए जरूरतमंदों को अनाज वितरण कर अपनी राष्ट्रीय भूमिका निभाई। एफसीआई ने व्यापारी, किसानों के साथ एक मजबूत कड़ी का काम करते हुए अनाज के खरीद और भंडारण प्रणाली को सुदृढ़ बनाने का काम किया है।
विधायक दुड़ाराम ने कहा कि जिला गेहूं और चावल उत्पादन में अग्रणी स्थान में है। जिला में इन दोनों फसलों की खरीद में एफसीआई की भूमिका सराहनीय रही है। एफसीआई ने अपने गोदामों का रखरखाव भी अच्छे तरीके से किया है और खरीद व वितरण प्रणाली में पारदर्शिता दिखाई है। विधायक ने भारतीय खाद्य निगम के अधिकारियों से कहा कि श्रमिकों को काम लेने में दिक्कत न हो, इसके लिए व्यवस्था को और अधिक मजबूत बनाया जाए।
रतिया के विधायक लक्ष्मण नापा ने एफसीआई को खाद्य वितरण में देश की रीढ़ बताया और कहा कि गरीब लोगों को अनाज वितरण करने में एफसीआई का सहयोग काबिले तारीफ है। एफसीआई डिजीटल प्रणाली की ओर आगे बढ़ी है। किसानों के तोल और अनाज की नमी के लिए डिजीटल प्रणाली अपनाई गई है, जिससे अनावश्यक विवाद दूर हो गए है।
किसानों के बैंक खातों में एफसीआई ने खरीद का पैसा सीधा दिया है, जिससे पारदर्शिता बढ़ी है। उन्होंने कहा कि पहले गोदारों में गेहूं गल-सड़ जाता है परन्तु अब एफसीआई ने इसमें बड़ा सुधार किया है। रखरखाव की प्रणाली में सुधार हुआ है। सुरक्षा और पारदर्शिता के लिए गोदामों में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है।
इस अवसर पर विभाग के डीजीएम प्रदीप सिंह ने विभाग की कार्यप्रणाली बारे विस्तार से जानकारी दी और कहा कि एफसीआई के सभी गोदाम वैज्ञानिक दृष्टि से बनाए गए हैं। उचित ऊंचाई से कतरने वाले जानवरों से रक्षा तथा ऊंचे पक्के फर्श उपलब्ध कराए गए।
भंडारण व्यवहार की वैज्ञानिक संहिता को अपनाते हुए अनाजों का भंडारण किया गया है। उन्होंने कहा कि अनाजों को जमीन की नमी से बचाने के लिए लकड़ी के टोकरे, बांस की चटाइयां तथा पॉलीथीन शीट उपयोग में लाए गए है। भंडार में रखे गए अनाजों से उत्पन्न कीटाणुओं को नियंत्रित करने के लिए धुंए का कोहरा, नायलॉन रोप तथा जाल उपलब्ध कराए जाते हैं।
डीजीएम प्रदीप सिंह ने कहा कि अनाजों की ढेर को उचित रूप से ढक कर रखा जाता है और यह विशेष रूप से निर्मित कम तीव्रता वाले पॉलीथीन वाटर प्रूफ कवर होता है। इसे नायलॉन रोप/जाल से बांधा जाता है।
इस मौके पर हिसार मंडल की डीएम अवनी कश्यप ने विभागीय उपलब्धियों का जिक्र करते हुए कहा कि देश के 80 करोड़ लोगों को खाद्यान्न वितरण प्रणाली में एफसीआई ने बेहतरीन कार्य किया है। हिसार मंडल के तहत दस लाख लाभार्थियों को स्टॉक से अनाज वितरण किया गया। हिसार मंडल के गोदामों से 30 लाख मीट्रिक टन अनाज देश के दूसरे हिस्सो में ट्रांसपोर्ट हुआ है। कोविड के दौरान नई चुनौतियों के बावजूद भी अनाज वितरण में निरंतरता जारी रही थी।
एफसीआई द्वारा फोर्टिफाइड राइस वितरित किया जा रहा है जो एनीमिया और कुपोषण को दूर करने में कारगर है। उन्होंने कहा कि एफसीआई के गोदाम क्यूसीआई और डब्ल्यूडीआरए द्वारा सर्टिफिकेट है। गोदामों को फाइव स्टार रैंकिंग मिली है। उन्होंने कहा कि सभी गोदामों में सीसीटीवी कैमरें लगाए गए है जो पारदर्शिता में महत्वपूर्ण टूल है।
खरीद और वितरण के लिए विभाग डिजीटल तरीके से काम कर रहा है। नमी में किसी भी प्रकार की इररेगुलेटरी न हो, इसके लिए डिजीटल मोस्चर मीटर अपनाए गए है। इसके द्वारा चैकिंग की प्रिंटिंग सुविधा उपलब्ध करवाई गई है जो पारदर्शिता प्रणाली और अधिक मजबूत करते हैं।
इस अवसर पर विभाग के एजीएम सिकंदर मांझी ने पिछले वित्त वर्ष दौरान विभाग द्वारा की गई उपलब्धियों को विस्तार से बताया। इस मौके पर एफसीआई मैनेजर अजय सेठी, डीएफएससी विनीत जैन, हैफेड डीएम राजेश हुड्डा, एसडब्ल्यूसी डीएम दिलबाग सिंह, व्यापारी सोनू जिंदल, सुशील सिंगला, इंद्र गावड़ी आदि मौजूद रहे।