प्रधान सचिव विनीत गर्ग ने गांव भोडिया खेड़ा में बायो डिकम्पोजर द्वारा फसल प्रबंधन का किया निरीक्षण
फतेहाबाद / 23 अक्टूबर / न्यू सुपर भारत
हरियाणा के सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता व अनूसूचित जातियां एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रधान सचिव विनीत गर्ग व उपायुक्त महावीर कौशिक ने गांव भोडिया खेड़ा के किसान हरी सिंह गढ़वाल व गावं नाढ़ोडी के किसान विकास के खेत में धान फसल के अवशेषों का बायो डिकंपोजर द्वारा फसल प्रबंधन डेमो का निरीक्षण किया।
इस मौके पर प्रधान सचिव विनीत गर्ग ने मौके पर कृषि विभाग के अधिकारियों व यूपीएल कंपनी के प्रतिनिधियों से बायो डिकम्पोजर बारे विस्तृत जानकारी प्राप्त की। धान फसल के अवशेषों का बायो डिकंपोजर द्वारा फसल प्रबंधन का यह कार्य यूपीएल कंपनी द्वारा किसाना के खेत में मुफ्त में किया जा रहा है।
इस मौके पर प्रधान सचिव विनीत गर्ग ने किसानों से आह्वान किया कि वे फसली अवशेष जलाने की बजाय इसके प्रबंधन पर जोर दें। ऐसा करने से पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में सफलता मिलेगी। उन्होंने कहा कि फसली अवशेषों में आग लगाने से प्रदूषण फैलता है और भूमि में पल रहे जीव, मित्र कीट, पोषक तत्व जलकर नष्टï हो जाते हैं।
उन्होंने कहा कि किसान खेतों में पड़े फसलों के अवशेषों को न जलाएं बल्कि उसे भूमि में दबाएं जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति बढ़ाई जा सकती है। प्रधान सचिव ने संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिला में किसानों को फसली अवशेषों को ना जलाने और उसके प्रबंधन बारे जागरूक करें।
उपायुक्त महावीर कौशिक ने बताया कि जिला में यदि कोई व्यक्ति पराली जलाता है तो दो एकड़ भूमि तक 2500 रुपये प्रति घटना, दो से पांच एकड़ भूमि तक 5000 रुपये प्रति घटना व पांच एकड़ से ज्यादा भूमि पर 15000 रुपये प्रति घटना जुर्माना देना पड़ेगा। इसके अतिरिक्त जिला में धान के अवशेष फाने जलाने पर धारा 144 लगाई हुई है। जिसके तहत अवशेष जलाने पर पूर्णतया प्रतिबंध है।
अगर फिर भी कोई व्यक्ति इन आदेशों की उल्लंघना करता पाया जाता है तो उसके विरूद्ध धारा 188-बी तथा वायु (प्रदूषण निवारण और नियंत्रण) अधिनियम, 1981 के तहत एफआईआर दर्ज करवाए जाने का भी प्रावधान है। उपायुक्त ने किसानों से कहा कि सरकार द्वारा चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाए। उन्होंने कहा कि किसान फसल अवशेषों को कभी ना जलाएं, ऐसा प्रण लें। इस मौके पर प्रधान सचिव विनीत गर्ग व उपायुक्त महावीर कौशिक ने किसानों की समस्याओं को सुना और अधिकांश समस्याओं का मौके पर निपटारा किया।
इस मौके पर यूपीएल कंपनी प्रतिनिधि कुलदीप सिंह ने बताया कि किसान के खेत में प्रबंधन के लिए बायो डिकंपोजर द्वारा 300 ग्राम दवाई प्रति एकड़ प्रयोग में लाई जाती है। उन्होंने बताया कि खेत में स्प्रे करने के सात दिन बाद रोटावेटर द्वारा अवशेषों को मिट्टी में मिलाया जाता है ताकि फसल अवशेष प्रबंधन का कार्य अच्छी तरह से हो सके।
उन्होंने बताया कि गांव भोडिया खेड़ा के बाद गांव नाढ़ोडी के किसान विकास पुत्र श्री कृष्ण के खेत में फसल प्रबंधन का कार्य किया गया। नाढ़ोडी किसान विकास ने प्रधान सचिव को बताया कि बायो डिकम्पोजर द्वारा फसली अवशेषों का प्रबंधन करना बहुत की आसान है और इसके सकारात्मक परिणाम भी सामने आ रहे हैं।
इस अवसर पर एसडीएम राजेश कुमार, कृषि एवं किसान कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. राजेश सिहाग, डीएफएससी विनीत जैन, डीएमईओ चरणजीत, खंड कृषि अधिकारी डॉ. अनूप सिंह, डीए डॉ. कुलवंत, डॉ. कुलदीप शर्मा सहित यूपीएल कंपनी के कर्मचारी मौजूद रहे।