प्राकृतिक खेती को अपनाकर किसान हो रहे लाभान्वित – राजिन्द्र गर्ग
बिलासपुर / 03 जुलाई / न्यू सुपर भारत
खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री राजिन्द्र गर्ग ने ऊना के जिला स्तरीय ई-चिंतन सत्र में वर्चुअल रूप से बतौर मुख्य वक्ता के रूप में भाग लिया। इस अवसर पर उन्होंने कृषि क्षेत्र में सुधार एवं उपलब्धियों पर विस्तृत जानकारी सांझा की। उन्होंने जिला स्तरीय ई-चिंतन सत्र में उपस्थित पदाधिकारियों को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं को लोगों तक पहंुचाने का आहवान किया।
उन्होंने कहा कि किसान देश की रीड की हड्डी है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी किसान हित में कार्य कर रहे है। किसानों की आर्थिकी में सुधार लाने के लिए नया कृषि कानून बनाया गया है इससे किसान लाभान्वित होंगे।
उन्होंने कहा कि पहले किसानों अपनी मेहनत का उचित मूल्य नहीं मिलता था, नए कृषि कानून के तहत किसानों की आर्थिक दशा में सुधार होगा। उन्होंने बताया कि अब किसानों को अपनी फसल को बेचने के लिए बिचैलियों की जरूरत नहीं होगी। इससे किसानों को राहत मिली है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा वर्ष, 2022 तक किसानों की आय को दौगुना करने के उद्देश्य से सिंचाई सुविधाओं के विस्तार व कृषि गतिविधियों में विविधता लाने के लिए अनेक नई योजना आरम्भ की है जिनके सफल कार्यन्वयन से किसानों की आय में वृद्धि हो रही है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए सुभाष पालेकर प्राकृतिक खेती को अपनाया गया है। इसके तहत देसी गाय के गोबर से बनी खाद का प्रयोग करने पर बल दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती, खुशहाल किसान योजना का मुख्य उद्देश्य खेती की लागत को कम करना तथा पोष्टिक फल-सब्जियां उगाना है ताकि अधिक से अधिक किसान लाभान्वित हो सके।
उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत रसायनिक उर्वरको व किटनाशकों के उपयोग को समाप्त कर प्राकृतिक रूप से उपलब्ध संसाधनों को अपनाकर खेती की जा रही है। उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाकर किसान लाभान्वित हो रहे है तथा उन्हें अपनी फसल से भी उचित दाम मिल रहे है।
उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती को अपनाने के लिए देसी नस्ल की गाय के पालन को बढ़ावा दिया जा रहा है जिसमें 50 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जा रही है। उन्होंने कहा कि योजना के तहत गौशाला को पक्का करने तथा गौ-मूत्र व गोबर एकत्रित करने के लिए गौशाला में आवश्यक बदलाव करने के लिए 80 प्रतिशत उपदान दिया जा रहा है जिसकी अधिकतम सीमा 8 हजार रुपये निर्धारित की गई है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश में संरक्षित खेती को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री नूतन पाॅलीहाउस परियोजना आरम्भ की गई है। इस योजना के तहत पाॅलीहाउस बनाने के लिए 50 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ग्रीनहाउस नीवनीकरण परियोजना के तहत पाॅलीहाउस निर्माण के 5 वर्ष बाद अथवा प्राकृतिक आपदा से क्षतिग्रस्त होने पर पाॅलीशीट बदलने के लिए 70 प्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है।
मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के अंतर्गत व्यक्तिगत स्तर पर सौर ऊर्जा चलित बार्ड लगाने के लिए 80 प्रतिशत व सामुदायिक स्तर पर 85 प्रतिशत अनुदान प्रदान किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि व्यक्तिगत व सामुदायिक स्तर पर कांटेदार तार अथवा चेनलिंक बार्ड लगाने के लिए 50 प्रतिशत तथा कपोजिट बार्ड पर 70 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री खेती सिंचाई योजना के अंतर्गत सामुदायिक स्तर पर चैक डैम, चल संचयन टैंक व सिंचाई पाईपर शतप्रतिशत अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना व मौसम आधारित फसल बीमा योजना के अंतर्गत मक्की, धान, गेंहू, टमाटर, अदरक इत्यादि फसलें शामिल की गई है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा एवं उत्थान महा अभियान योजना के अंतर्गत सौर पंपों से सिंचाई हेतु सभी वर्गों के किसानों को व्यक्तिगत व सामुदायिक स्तर पर सौर ऊर्जा चलित पंपिंग मशीनरी लगाने हेतु के लिए 85 प्रतिशत अनुदान का प्रावधान किया गया है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री कृषि सम्मान निधि योजना का लाभ किसानों को मिल रहा है। इस योजना के तहत किसानों के खाते में प्रति वर्ष सीधे तौर पर 6 हजार रुपये की राशि ट्रांसफर की जा रही है जिसके किसान आर्थिक रूप से मजबूत हुए है।
इसके उपरांत उन्होंने घुमारवीं विश्राम गृह में लोगों की समस्याएं सुनी तथा उनका समाधान भी किया।