January 17, 2025

हमीरपुर में प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को 1956 करोड़ के ऋण की संभावना

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हमीरपुर / 17 जनवरी / न्यू सुपर भारत /

एडीएम एवं कार्यवाहक उपायुक्त राहुल चौहान ने बताया कि जिला हमीरपुर में कृषि, बागवानी, पशुपालन, मत्स्य पालन, आवास, ढांचागत विकास, शिक्षा, नवीकरणीय ऊर्जा और सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उपक्रमों (एमएसएमई) जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए अगले वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान लगभग 1956 करोड़ रुपये के ऋण आवंटन की संभावनाएं चिह्नित की गई हैं। शुक्रवार को यहां जिला हमीरपुर के लिए नाबार्ड द्वारा वित्त वर्ष 2025-26 हेतु तैयार की गई संभाव्यतायुक्त ऋण योजना (पीएलपी) का विमोचन करते हुए राहुल चौहान ने यह जानकारी दी।

उन्होंने बताया कि नाबार्ड द्वारा तैयार की गई पीएलपी में प्राथमिकता क्षेत्र ऋण कार्यक्रम के तहत विभिन्न क्षेत्रों के लिए ऋण क्षमताओं को शामिल गया है। यह योजना मुख्यतः कृषि एवं इससे संबंधित गतिविधियों, एमएसएमई और सामाजिक बुनियादी ढांचे सहित सभी प्रमुख क्षेत्रों के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाकर हमीरपुर जिले के सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने पर केंद्रित है।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2025-26 के लिए हमीरपुर जिले में ऋण क्षमता का मूल्यांकन 1956 करोड़ रुपये किया गया है। इसमें कृषि क्षेत्र एवं इससे संबंधित गतिविधियों के लिए 745.03 करोड़ रुपये, एमएसएमई के लिए 987.72 करोड़ रुपये, शिक्षा, आवास, नवीकरणीय ऊर्जा, सामाजिक अवसंरचना आदि जैसे प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के लिए 223.24 करोड़ रुपये की ऋण आवंटन क्षमता शामिल है।

राहुल चौहान ने उम्मीद जताई कि यह पीएलपी जिला की ग्रामीण आर्थिकी को मजबूत बनाने तथा सभी हितधारकों की आवश्यकताओं की पूर्ति में बहुत बड़ी भूमिका अदा करेगी। उन्होंने सभी बैंक अधिकारियों और प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे जिले के ऋण और विकास लक्ष्यों को हासिल करने के लिए तत्परता के साथ कार्य करें और अधिक से अधिक लोगों को ऋण एवं सब्सिडी योजनाओं से जोड़ें। इसके लिए सभी संबंधित विभाग फील्ड स्तर पर जागरुकता शिविर भी लगाएं।

इस अवसर पर पीएलपी की विस्तृत जानकारी देते हुए नाबार्ड के डीडीएम नरेश कुमार ने बताया कि प्राथमिकता वाले क्षेत्रों को ऋण देने के लिए भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशों, राष्ट्रीय और राज्य प्राथमिकताओं के साथ-साथ पूर्ण अवसंरचना परियोजनाओं के माध्यम से सृजित अतिरिक्त क्षमता को ध्यान में रखते हुए ऋण अनुमान तय किए गए हैं।
 बैठक में जिला अग्रणी प्रबंधक टशी नमग्याल, उद्यान विभाग के उपनिदेशक राजेश्वर परमार, जिला कृषि अधिकारी राजेश राणा, मत्स्य पालन अधिकारी अजय शर्मा, अन्य विभागों और बैंकों के अधिकारी भी उपस्थित थे।

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