हमीरपुर 6 जनवरी (राजन चब्बा)
हमीरपुर से वीरवार को जारी एक प्रेस विज्ञप्ति में वरिष्ठ भाजपा नेता एवं पूर्व मुख्यमंत्री प्रोफेसर प्रेम कुमार धूमल ने पिछले कल पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के काफिले को रोके जाने की घटना एवं प्रधानमंत्री के सुरक्षा घेरे में बरती गई कोताही को पंजाब सरकार का निंदनीय चिंताजनक एवं शर्मनाक काम करार दिया है। प्रोफेसर धूमल ने कहा कि किसी भी प्रदेश में यदि देश के प्रधानमंत्री का काफिला न गुज़र सके और उनकी सुरक्षा के लिए वहां की पुलिस उचित व्यवस्था न कर पाए तो इससे बड़ी चिंता और शर्म की बात कुछ और नहीं हो सकती।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सबसे बड़े दुख की बात तो यह है कि इस सारे घटनाक्रम पर खेद प्रकट करने के बजाए पंजाब की कांग्रेस सरकार और सारा कांग्रेस संगठन इस बात का मजाक उड़ा रहे हैं , जबकि होना तो यह चाहिए था कि वहां की सरकार और संगठन इस पूरे घटनाक्रम पर खेद प्रकट करते चिंता व्यक्त करते। उन्होंने कहा कि जो प्रदेश सरकार देश के प्रधानमंत्री के दौरे के दौरान सुरक्षा व्यवस्था मुहैया करवाने और उनके काफिले को सुरक्षित रूट प्रदान करने में अक्षम है वह वाकई में अयोग्य है और ऐसी अयोग्य सरकार को सत्ता में रहने का कोई अधिकार नहीं है। पंजाब कांग्रेस के संगठन पर भी तीखा हमला बोलते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा है कि जिस संगठन ने आंतकी हमलों में अपने दो-दो प्रधानमंत्री गवाएं हो यदि वह संगठन अभी भी प्रधानमंत्री की सुरक्षा के मुद्दे को हल्के में लेते हैं तो वह भी हल्की राजनीति का उदाहरण पेश करते हुए हल्कापन दिखा रहे हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री तो पंजाब में हजारों करोड रुपए की सौगातें देने आ रहे थे लेकिन कांग्रेस सरकार और संगठन ने हल्की राजनीति का प्रदर्शन करते हुए यह होने नहीं दिया। पंजाब में जो कल घटित हुआ है वाकई में अकल्पनीय और अविश्वसनीय है कैसे एक प्रदेश सरकार के समक्ष देश के प्रधानमंत्री एवं उस महान नेता, जिसको आज पूरा विश्व एक नेतृत्व की दृष्टि से सम्मान पूर्वक नजरों से देखता है, के काफिले को बीच सड़क में 15-20 मिनट रोक दिया जाता है और यही नहीं जिस रास्ते पर अथवा सड़क पर प्रधानमंत्री का काफिला गुजरना होता है वहां पर स्थानीय पुलिस द्वारा बनाये गए सुरक्षा चक्र को भी तोड़ दिया जाता है। पंजाब सरकार के कृत्य की जितनी भर्त्सना की जाए उतनी कम है क्योंकि घटनास्थल से वापस निकल कर जैसे ही प्रधानमंत्री अपने हवाई जहाज पर पहुंचे तो वहां मौजूद पंजाब सरकार के अधिकारियों को उन्होंने कहा कि अपने मुख्यमंत्री को जाकर मेरा धन्यवाद देना कि मैं जिंदा यहां से वापस जा रहा हूं। सच में ही अगर एक प्रधानमंत्री को अपने ही देश के किसी राज्य में जा कर यह शब्द कहने पड़ें तो इससे बड़ी शर्म और लज्जा की बात कोई दूसरी नहीं हो सकती। बेशर्मी , हल्की राजनीति और तुच्छ सोच का इससे बड़ा उदाहरण आज तक नहीं देखा गया है।