शिमला / 28 सितम्बर / न्यू सुपर भारत
राज्य सरकार द्वारा नामित एजेंसी ऊर्जा निदेशालय, हिमाचल प्रदेश द्वारा आज यहां ऊर्जा दक्षता ब्यूरो के विद्युत वितरण कंपनियों के दक्षता निर्माण कार्यक्रम के तहत मांग पक्ष प्रबंधन कार्य योजना (डीएसएम) पर एक दिवसीय जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया।ऊर्जा विभाग के निदेशक हरिकेश मीणा ने कार्यशाला का शुभारम्भ करते हुए कहा कि इस एक दिवसीय कार्यशाला का उद्देश्य वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) के लिए डिमांड साइड मैनेजमेंट विषय पर जागरूकता बढ़ाना और इस संबंध में हिमाचल प्रदेश को अग्रणी बनाना है।
उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला के माध्यम से राज्य में प्रभावी और टिकाऊ ऊर्जा प्रबंधन और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की दिशा में उठाए जा रहे कदमों पर भी चर्चा की गई। टाटा पावर ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड के अमित जैन ने हिमाचल प्रदेश के लिए मांग पक्ष प्रबंधन का अवलोकन किया और टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रीब्यूशन लिमिटेड के संदीप शर्मा ने डिमांड साइड मैनेजमेंट पहलों और दिल्ली में इन पहलों के सफल क्रियान्वयन से सम्बन्धित अध्ययनों का विवरण प्रस्तुत किया।
आंध्र प्रदेश राज्य ऊर्जा संरक्षण मिशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ए. चंद्रशेखर रेड्डी ने वर्चुअल माध्यम से इस कार्यशाला में भाग लिया और आंध्र प्रदेश में सफल मांग पक्ष प्रबंधन पहलों के बारे में विस्तार से बताया।केपीएमजी के निदेशक मानस तिवारी ने नीतिगत ढांचे में हालिया रुझानों और परिवर्तनों, बिजली अधिनियम संशोधनों, डीएसएम पहलों पर प्रभाव आदि के बारे में जानकारी दी।
टीपीटीसीएल के प्रतिनिधि ने डिजिटल इन्टरवेंशन से वाणिज्यिक और औद्योगिक उपभोक्ताओं के लिए डिमांड साइड मैनेजमेंट उपयोग के मामलों पर चर्चा की। हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटिड के प्रबंध निदेशक पंकज डडवाल ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।ऊर्जा निदेशालय के अधीक्षण अभियंता मनोज चौधरी ने सत्र का सारांश दिया और धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया।
इस एक दिवसीय कार्यशाला की तकनीकी सुविधा के लिए टाटा पावर ट्रेडिंग कंपनी लिमिटेड को नियुक्त किया गया था।हिमाचल प्रदेश राज्य विद्युत बोर्ड लिमिटिड के निदेशक (संचालन) मनोज उप्रेती, ऊर्जा निदेशालय के मुख्य अभियंता खेम सिंह ठाकुर और राज्य भर से राज्य विद्युत बोर्ड के फील्ड अधिकारी और 45 अधिकारियों ने कार्यशाला में भाग लिया।