फतेहाबाद / 28 सितंबर / न्यू सुपर भारत
जिला रेडक्रॉस सोसायटी के तत्वावधान में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम के तहत फतेहाबाद के स्वामी नगर स्थित पुराना राजकीय प्राथमिक पाठशाला में निशुल्क स्वास्थ्य जांच शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में नगराधीश सुरेश कुमार ने बतौर मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। शिविर के दौरान लगभग 150 मरीजों का रजिस्ट्रेशन किया गया तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा मरीजों के स्वास्थ्य की जांच कर मौके पर आवश्यकतानुसार दवाईयां उपलब्ध करवाई गई।
इसके अलावा रेडक्रॉस सोसायटी द्वारा चलाए जा रहे टीआई प्रोजेक्ट की टीम द्वारा एचआईवी एड्स की जांच भी शिविर में की गई।स्वास्थ्य जांच शिविर में लोगों को संबोधित करते हुए नगराधीश सुरेश कुमार ने कहा कि सरकार द्वारा टीबी को वर्ष 2025 से पहले जड़मूल से खत्म करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जिला में टीबी को खत्म करने के लिए सरकार व प्रशासन द्वारा ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।।
सीटीएम श्री कुमार ने कहा कि टीबी कोई गंभीर बीमारी नहीं है। समय पर पूर्ण ईलाज लेने से इस बीमारी को मौके पर काबू पाया जा सकता है। उन्होंने बताया कि टीबी का ईलाज सभी सरकारी अस्पताल में निशुल्क किया जाता है। उन्होंने जन प्रतिनिधियों से भी अपील करते हुए कहा है कि वे टीबी प्रोग्राम में अपना पूरा सहयोग दें, ताकि जिला को टीबी मुक्त बनाया जा सके। कार्यक्रम के दौरान सीटीएम ने नागरिकों को निशुल्क दवाईयां भी वितरित की।
उन्होंने आमजन से अनुरोध किया कि टीबी के लक्षणों में से किसी को भी कोई लक्षण है, तो टीबी की जांच करवाएं और टीबी होने पर डॉक्टर के परामर्श अनुसार टीबी का पूरा कोर्स लें ताकि फतेहाबाद जिले को टीबी मुक्त किया जा सके। टीबी का अधूरा ईलाज लेने से टीबी पर सामान्य दवाईयां काम करना छोड़ देती है और एमडीआर (बिगड़ी हुई टीबी) बन जाती है, जिसका ईलाज 2 से 3 साल तक चलता है, जबकि सामान्य ईलाज 6 महीने तक चलता है।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा टीबी के मरीजों को ईलाज की पूरी अवधि के दौरान 500 रुपये प्रतिमाह पौष्टिक आहार भता सीधे बैंक खातों में दिया जाता है। टीबी मरीज के उपचार के दौरान उसे पूर्ण दवाई खिलाकर उसका परिणाम देने वाले को भी नियमानुसार प्रोत्साहन भता दिया जाता है।
टीबी के लक्षण:
दो सप्ताह से अधिक खांसी, शाम को हल्का बुखार आना, भूख न लगना, वजन का कम होना, रात को सोते समय पसीना आना, बलगम में खून आना।
टीबी से बचाव:
खांसते या छींकते समय अपने मुंह व नाक को स्वच्छ कपड़े से ढक़ें, यदि आपके पास रूमाल या साफ कपड़ा नहीं है, तो बाजू के ऊपरी हिस्से का प्रयोग करें, सार्वजनिक स्थानों पर ना थूकें, उपयोग में लाए गए टिशु को कुड़ेदान में फैंके, अपने हाथों को अच्छी तरह साबुन व पानी से साफ करें।
कार्यक्रम के दौरान डिप्टी सीएमओ डॉ. कुलदीप गौरी, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डॉ. राजेश चौधरी, जिला रेडक्रॉस सोसायटी से उपाधीक्षक सुरेन्द्र चुघ, सुनील भाटिया सहित रेडक्रॉस सोसायटी व स्वास्थ्य विभाग का स्टाफ मौजूद रहा।