शिमला / 08 अक्टूबर / न्यू सुपर भारत
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के भारतीय वन सर्वेक्षण, क्षेत्रीय कार्यालय (उतरीय),एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय (आईआरओ) शिमला, द्वारा एकल उपयोग प्लास्टिक के उपयोग से बचने के लिए आयोजित एक साप्ताहिक जागरूकता कार्यक्रम का आज समापन हो गया।
इस जागरूकता कार्यक्रम का उद्घाटन आईआरओ शिमला के क्षेत्रीय अधिकारी श्री सत्य प्रकाश नेगी (आईएफएस) ने 4 अक्टूबर को किया।
इसी कार्यक्रम के तहत आज कक्षा 8 से कक्षा 12 वर्ग के स्कूल/कर्मचारियों के बच्चों के लिए आयोजित “एकल-उपयोग प्लास्टिक के प्रयोग से बचाव” विषय पर आयोजित वीडियोग्राफी प्रतियोगिता के अंतर्गत प्राप्त हुए वीडियो को सेमीनार हॉल में क्षेत्रीय अधिकारी तथा समस्त कर्मचारियों के समक्ष प्रदर्षित किया गया।
तत्पष्चात निर्णायक मण्डल द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार डी.ए.वी., सीनीयर सेकेन्डरी स्कूल, लक्कड़ बाजार से श्री अविनाष शर्मा को प्रथम स्थान, ऑकलैण्ड हाउस स्कूल (गर्ल्स) से कुमारी शैरिन ठाकुर को द्वितिय स्थान एवं गवर्नमेण्ट बॉयज सीनियर सेकेण्डरी स्कूल, लालपानी के श्री महेष को तृतीय स्थान प्राप्त हुआ। प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय तथा तृतीय स्थान प्राप्त बच्चों को प्रमाण पत्र के साथ पुरस्कार धनराषि प्रदान करने की घोषणा की गई।
इस जागरूकता कार्यक्रम के अंतर्गत 5 अक्टूबर को कार्यालय के कर्मचारियों के लिए “एकल-उपयोग प्लास्टिक से बचाव” विषय पर निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। 6 अक्टूबर को एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय, शिमला के प्रांगण में स्वच्छता अभियान पर भारतीय वन सर्वेक्षण, शिमला द्वारा निर्मित वीडियो के साथ अन्य प्रेरणादायी वीडियों को प्रदर्षित किया गया।
इसी कड़ी में 7 अक्टूबर को एकीकृत क्षेत्रीय कार्यालय, शिमला के प्रांगण में सफाई अभियान चलाया गया। सफाई अभियान में समस्त केन्द्रीय कार्यालय परिसर के आस-पास के कचरे की सफाई की गयी, जिसमें एकल-प्रयोग प्लास्टिक के निस्तारण का खास ध्यान रखा गया।
इस अवसर पर श्री नेगी ने प्रतिभागियों से एकल उपयोग प्लास्टिक के उपयोग से बचने और अपने दैनिक जीवन में जितना संभव हो सके इस पर निर्भरता कम करने के लिए अपनी व्यक्तिगत आदतों में बदलाव लाने का आग्रह किया। उन्होंने यह भी कहा कि घरेलू स्तर से लेकर नगर पालिका स्तर तक एकल उपयोग प्लास्टिक के खतरे से निपटने के लिए उचित तंत्र और बुनियादी ढांचा होना चाहिए। उन्होंने प्लास्टिक के उपयोग को कम करने में हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रयासों की भी सराहना की और कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि प्लास्टिक का कम से कम उपयोग किया जाए।
इस अवसर पर आईआरओ शिमला के वैज्ञानिक बी, डॉ. अनूप कुमार दास ने हमारे परिवेश के सौंदर्य मूल्य पर एकल उपयोग प्लास्टिक के प्रभाव और यह मानव के स्वास्थ्य, हमारे वनस्पतियों और जीवों और पर्यावरण को कैसे प्रभावित करता है, पर विस्तृत प्रस्तुति दी। उन्होंने कहा कि यदि हम अभी निवारक उपाय नहीं करते हैं, तो हम अपनी आने वाली पीढ़ी के लिए प्लास्टिक पर भोजन करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे, जैसे कि जंगली जानवर और आवारा जानवर वर्तमान समय में प्लास्टिक कचरे को खा रहे हैं। उन्होंने सभी कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे अपने दैनिक जीवन में उपयोग की जाने वाली प्लास्टिक की वस्तुओं की सूची बनाने के लिए खुद को चुनौती दें और उन प्लास्टिक वस्तुओं को चुनें जिनसे वे बच सकते हैं।
इसके अलावा, आईआरओ के कर्मचारियों ने एकल प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और हतोत्साहित करने के बारे में अपने विचार और सुझाव दिए।
समापन टिप्पणी में कर्मचारियों ने कार्यालय परिसर को प्लास्टिक कचरे से मुक्त रखने के लिए प्लास्टिक के बेहतर प्रबंधन के लिए विशेष रूप से खाने योग्य, पैकेट और अन्य प्लास्टिक की वस्तुओं के रैपर के निपटान के लिए एक कूड़ेदान रखने का निर्णय लिया।
“आज़ादी का अमृत महोत्सव” भारत सरकार की एक पहल है जो प्रगतिशील भारत के 75 साल और इसके लोगों, संस्कृति और उपलब्धियों के गौरवशाली इतिहास को मनाने के लिए है।