प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना पर एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित
ऊना / 23 जून / न्यू सुपर भारत
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अतंर्गत आज जिला ग्रामीण विकास अभिकरण ऊना द्वारा डीआरडीए हॉल ऊना में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता उप निदेशक डीआरडीए संजीव ठाकुर ने की। उन्होंने बताया कि हाल ही में ऊना जिला के बंगाणा, गगरेट व ऊना विकास खंडों के 5,220 हैक्टैयर क्षेत्र के लिए आठ माईक्रो वाटर शैड परियोजनाएं स्वीकृति की गई है, जिसके तहत प्रति हैक्टेयर 28 हज़ार रूपये की लागत से कुल 14.61 करोड़ रूपये व्यय किए जाएंगे।
इस परियोजना में जल शक्ति, कृषि व उद्यान विभाग मिलकर कार्य करेंगे।संजीव ठाकुर ने बताया कि उपरोक्त विकास खंडों में 27-30 जून तक 4 दिवसीय जलायन अभियान आरंभ किया जाएगा, जिसमें पौधा रोपण, जल संग्रहण, जल स्रोतों की क्लोरिनेशन आदि कार्य किए जाएंगे। उन्होंने इस कार्य के लिए संबंधित विभागों को महिला मंडलों, पंचायत प्रतिनिधियों व स्वयं सहायता समूहों की सहभागिता सुनिश्चित करने का आग्रह किया।
कार्यशाला में इंडकेयर ट्रस्ट की कार्यकारी प्रबंधक डॉ. रीवा सूद ने कार्यशाला में आधुनिक खेती के साथ-साथ औषधीय पौधों की खेती करने पर चर्चा की, ताकि अधिक से अधिक किसान नकदी फसलों को अपनाये और अपनी आर्थिकी को सुदृढ़ कर सके।मेहर सिंह फाउंडेशन कांगड़ा के बोटनिस्ट डॉ. सुखबीर सिंह ने बताया कि ऊना की जलवायु के अनुसार किसान व बागवान कम लागत वाले औषधीय पौधों की पैदावार से एक अच्छी आमदनी अर्जित कर सकते हैं।
उन्होंने कहा कि किसान कालमे, रोजमैरी, अफ्रीकन गेंदा, बबूल, तुलसी, कपूर व लेमन तुलसी आदि की खेती कर इंकम के साधन बढ़ा सकते हैं। इसके अलावा कम सिंचाई वाले क्षेत्रों में अडूसा, पीयावासा, कालावासा जैसे पौधों की खेती कर सकते हैं जिसकी साल में दो या तीन बार कटाई की जा सकती हैं। उन्होंने बताया कि इन औषधीय पौधों की फार्मा उद्योगों में काफी मांग है।
उन्होंने कहा कि पौधों से बायो फैंसिंग कर किसान अपनी फसलों को जंगली जानवरों से बचा सकते हैं।इस अवसर पर डीएफओ मृत्युजय माधव, अधीक्षण अभियंता जल शक्ति विभाग अरविंद सूद, अधिशाषी अभियंता नरेश धीमान, उपनिदेशक कृषि कुलभूषण, उप निदेशक उद्यान अशोक धीमान, बीडीओ बंगाणा यशपाल सिंह परमार, बीडीओ ऊना रमनबीर चौहान, जिला पंचायत अधिकारी श्रवण कुमार सहित अन्य उपस्थित रहे।