शिक्षक दिवस के उपलक्ष में एसए जैन कालेज अम्बाला शहर में तुम करतार हमारे (शिक्षकों को समर्पित) संवाद कार्यक्रम का किया आयोजन
अम्बाला / 8 सितम्बर / न्यू सुपर भारत
मेरा आसमान संस्था द्वारा शिक्षक दिवस के उपलक्ष में एसए जैन कालेज अम्बाला शहर में तुम करतार हमारे (शिक्षकों को समर्पित) संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर अम्बाला शहर के विधायक असीम गोयल नन्यौला ने बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की।
इस मौके अंतर्राष्ट्रीय महान प्रेरक वक्ता पंडित विजय शंकर मेहता ने कहानी व शब्दों के माध्यम से शिक्षकों के प्रति अपने भाव भी व्यक्त किए। अंतर्राष्ट्रीय महान प्रेरक वक्ता पंडित विजय शंकर मेहता का यहां पहुंचने पर विधायक असीम गोयल ने स्मृति चिन्ह व शाल भेंट कर उनका भव्य अभिनंदन भी किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के समक्ष दीपशिखा प्रज्वलित करके किया गया।
इस मौके पर मेरा आसमान संस्था के सचिव रितेश गोयल ने मुख्य अतिथि असीम गोयल व अंतर्राष्ट्रीय महान प्रेरक वक्ता पंडित विजय शंकर मेहता का स्वागत करते हुए मेरा आसमान संस्था द्वारा की जा रही गतिविधियों के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर विधायक असीम गोयल ने पंडित विजय शंकर मेहता का स्वागत करते हुए कहा कि मेरा आसमान संस्था द्वारा सामाजिक क्षेत्र में विशेषकर बेटियों के उत्थान के लिए जो कार्य किए जा रहे हैं वह काफी सराहनीय हैं। मेरा आसमान संस्था द्वारा शिक्षकों के सम्मान में तुम करतार हमारे कार्यक्रम का जो आयोजन किया गया है वह काफी सराहनीय है और संस्था के लिए सौभाग्य की बात है कि पंडित विजय शंकर मेहता यहां पर पहुंचे है।
उन्होने कहा कि शिक्षा और अध्यात्म दोनों मजबूत हो जाएं तो भारत को विश्व गुरू बनने से कोई रोक नहीं सकता। आज भारत को पुन: विश्व गुरू बनाने की दिशा में अध्यात्म और शिक्षा के मामले में भारत को लीड करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार भारत पांचवी बडी अर्थव्यवस्था के रूप में मजबूत होकर आगे बढ रहा है और उसने ऐसे विकसित देशों को पीछे छोड दिया है जो कभी हमारे उपर राज करते थे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत हर क्षेत्र में निरंतर आगे बढ रहा है।
इस अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय महान प्रेरक वक्ता पंडित विजय शंकर मेहता ने उपस्थित सभी शिक्षको ं को सम्बोधित करते हुए कहा कि शिक्षा के साथ-साथ विद्यार्थियों को संस्कारमय बनाना जरूरी है। भारत संस्कारों के नाम से जाना जाता है। भारत के शिक्षक के पास ही गुरू की आत्मा है। उन्होंने कहा कि शिक्षा का कोई विकल्प नहीं है। व्यक्ति को अपने जीवन में हैसियत से बढकर अगर कुछ करना चाहिए तो उसे अपने बच्चों को उच्च शिक्षा दिलवाते हुए उसे संस्कारमय बनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि शिक्षक का काम निरंतर चलने वाला काम होता है।
शिक्षक के सामने हर समय नई चुनौतियां आती है, उन्हें अपने विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ संस्कारमय बनाकर जीवन में आगे बढने के लिए प्रेरित करना है। उन्होंने कहा कि आने वाले 15 से 20 सालों में हमारा भारत विकसित देशों से भी आगे निकल जायेगा लेकिन उस समय हमें इस बात का ध्यान रखना है कि परिवार का ढांचा कमजोर नहीं होना चाहिए और परिवार बचाने के लिए शिक्षकों का अहम योगदान है।
उन्होंने जीवन से सम्बन्धित पांच बातों पर विशेष बल दिया जिनमें भूषा, भाषा, भोजन, भवन व भजन शामिल है। उन्होने इस दौरान महाभारत की लडाई में भगवान श्री कृष्ण के गुरू शिक्षक के रूप में जो चित्रण था उसका विवरण भी बताया।
इस मौके पर सचिव रितेश गोयल, कालेज प्राचार्या डा0 आभा बंसल, सचिव हितेष जैन, श्री सनातन धर्म सभा के प्रधान नरेश अग्रवाल, सीबीएसई एसोसिएशन के प्रधान प्रशांत मुंझाल, डीईओ सुधीर कालड़ा, बीईओ रामचंद्र शर्मा, संजीव गोयल टोनी, मनदीप राणा, सौरभ कपूर, अर्पित अग्रवाल के साथ-साथ शिक्षकगण व अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे।