राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग ने जिला के सरकारी स्कूलों व अस्पतालों में चलाया जागरूकता अभियान
फतेहाबाद / 16 मई / न्यू सुपर भारत
राष्ट्रीय डेंगू दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य विभाग द्वारा डेंगू रोग जागरूकता अभियान चलाया गया। इस कार्यक्रम के तहत स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जिले के विभिन्न शहरी व ग्रामीण स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों को डेंगू व चिकनगुनिया के प्रति जागरूक किया गया।
इसके अलावा हम सब ने यह ठाना है, हर रविवार को सुखा दिवस के रूप में मनाएगें, डेंगू को भगाएंगे, इस नारे को संकल्प के साथ लें, के साथ रैली निकालकर विद्यार्थियों ने आमजन को डेंगू के प्रति जागरूक किया। इसके अलावा सभी सरकारी अस्पतालों मे आए हुए मरीजों को डेंगू व चिकनगुनिया के प्रति जागरूक किया गया तथा विभिन्न ग्राम स्वास्थ्य एवं पोषण मिशन कमेटी के माध्यम से भी ग्रामवासियों को मच्छर जनित बीमारियों की रोकथाम हेतु जागरूक किया गया।
इस मौके पर नागरिक अस्पताल के फिजिशियन डॉ. मनीष टुटेजा द्वारा एक बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक में स्वास्थ्य कर्मचारियों व उपस्थित लोगों को बताया कि डेंगू रोग लोगों के स्वास्थ्य की गंभीर समस्या है। स्वास्थ्य कर्मी लोगों को अपने कूलर, टंकी, गमले, टैंक, हौदी, घड़े इत्यादि ढक कर रखने के लिए जागरूक करें। हर रविवार को ड्राई डे मनाए और कूलरों को अच्छे से साफ कर व सुखाकर ही दोबारा पानी से भरें।
ऐसा करने से इस बीमारी से बचा जा सकता है। इसके लक्षण दिखने पर तुरन्त नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र पर जाकर डॉक्टर को दिखाए अन्यथा यह बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। जिला फतेहाबाद में वर्ष 2015 में 189, वर्ष 2016 में 38, वर्ष 2017 में 419, वर्ष 2018 में 56, वर्ष 2019 में 29, वर्ष 2020 में 35, व 2021 में 993 डेंगू केस पाए गए थे तथा वर्ष 2022 में अब तक डेंगू का कोई केस नहीं पाया गया है।
डेंगू बुखार एडीज एजीप्टीआई मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर सामान्यत: दिन में काटता है। डेंगू का मच्छर किसी भी जल इक_ा करने वाले बर्तन में पैदा हो सकता है। यह स्वच्छ जल में पनपता है। यह मच्छर कूलर, टंकी, गमला, टैंक, छतों पर पड़े टायर, फ्रीज के पीछे लगी ट्रे, गड्डो में ठहरे पानी व नालियों में रूके पानी में पैदा हो सकता है।
डेंगू बुखार के रोगी में यह लक्षण आमतौर पर मिलते है जैसे कि तीव्र बुखार, सिर के अगले हिस्से में तेज दर्द, आंख के पिछले भाग में दर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द, भूख कम लगना, शरीर पर खसरे जैसे दानों का निकलना व लाल चकते बनना, मिचली व उल्टी आना इत्यादि।
उपचार व बचाव:-
डेंगू बुखार के लक्षण होने पर रोगी को रक्त की जांच हेतु एॅलिजा टैस्ट से करवाना चाहिए। रोगी को पैरासिटामोल की गोली देनी चाहिए। रोगी को पेय पदार्थ जैस दही, लस्सी, छाछ, ताजा जूस, नारियल पानी इत्यादि देने चाहिए। चिकित्सक को अवश्य दिखाना चाहिए। डेंगू से बचाव के लिए स्वच्छता का विशेष महत्तव है। घर के आस-पास पानी इक_ा ना होने दे। घर के अंदर पानी 7 दिन से अधिक किसी भी बर्तन इत्यादि में ना रखें। घरों में कूलर, टंकियों, घड़ों इत्यादि की सफाई सप्ताह में एक बार अवश्य करें।
मच्छरदानी का प्रयोग करें, अपने शरीर को पूरी तरह ढक कर रखें। जहां रूका पानी निकालना संभव ना हो वहां काला तेल अथवा टैमीफॉस दवा डालनी चाहिए। सप्ताह में एक दिन रविवार को सुखा दिवस के रूप में मनाए। शरीर को पूर्णतया ढककर रखें। समय-समय पर कीटनाशक का छिडक़ाव करें व मच्छररोधक क्रीम का प्रयोग करें। इस मौके पर डॉ. मेजर शरद तुली, डॉ. विष्णु मितल, सुशील कुमार, रवि कम्बोज, कमला रानी व अन्य स्वास्थ्य कर्मचारी मौजूद रहे।