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पर्यवेक्षकों ने उम्मीदवारों एवं राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों से की बैठक

धर्मशाला / 30 अक्तूबर / न्यू सुपर भारत

विधानसभा चुनावों को लेकर कांगड़ा जिले के धर्मशाला के लिए चुनाव आयोग द्वारा नियुक्त पर्यवेक्षकों ने रविवार को चुनावी उम्मीदवारों एवं राजनीतिक पार्टियों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। निर्वाचन अधिकारी धर्मशाला के कार्यालय में आयोजित इस बैठक में सामान्य पर्यवेक्षक आईएएस अधिकारी ब्रजेश नरैण तथा व्यय पर्यवेक्षक आईआरएस अधिकारी सुशांत कुमार मौजूद रहे।

बैठक में निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम शिल्पी बेक्टा सहित अन्य अधिकारी व धर्मशाला विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों व उनके प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
इस दौरान उन्हें संपूर्ण चुनावी प्रक्रिया की जानकारी देने के साथ ही उनके प्रश्नों-शंकाओं के जवाब देकर शंका समाधान भी किया गया।

आदर्श आचार संहिता का करें पालन

इस अवसर पर निर्वाचन अधिकारी एवं एसडीएम शिल्पी बेक्टा ने स्वतंत्र, निष्पक्ष व शांतिपूर्ण चुनाव के लिए सभी उम्मीदवारों एवं राजनीतिक दलों कोे आदर्श आचार संहिता का पालन करने को कहा। उन्होंने पोलिंग व मतगणना एजेंट तैनात करने संबंधी नियमों की विस्तार से जानकारी दी।
 उन्होंने उम्मीदवारों एवं राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों को ईवीएम तथा वीवीपैट मशीनों के रैंडमाइजेशन के संबंध में अवगत कराया ।

1,  5 और  10 नवंबर को व्यय रजिस्टर का निरीक्षण

इस मौके व्यय पर्यवेक्षक सुशांत कुमार ने उम्मीदवारों को अपने चुनाव प्रचार-प्रसार व अन्य चुनावी गतिविधियों के संबंध में हुए खर्च के ब्योरे को रजिस्टर में दर्ज करने को कहा। उन्होंने कहा कि उम्मीदवार अपने एजेंट को सही तरीके से व्यय रजिस्टर तैयार करने को कहें। व्यय रजिस्टर को अद्यतन रखें। 1 , 5 और  10 नवंबर को व्यय रजिस्टरों का निरीक्षण किया जाएगा। इस दौरान प्रत्याशियों के खर्च रजिस्टर का निरीक्षण तथा शैडो रजिस्टर से मिलान किया जाएगा। धर्मशाला में व्यय रजिस्टर का निरीक्षण निर्धारित तिथियों पर एसडीएम कार्यालय में  सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि उम्मीदवार अथवा उनके अधिकृत प्रतिनिधि व्यय रजिस्टर के निरीक्षण के लिए उपस्थित रहें। वेचुनाव के लिए नए खोले गए नए खाते की डिटेल भी साथ लाएं।
उन्होंने कहा कि चुनावी व्यय की निगरानी के लिए गठित टीमें सभी चुनावी गतिविधियों एवं खर्चे पर लगातार नजर रख रही हैं।व्यय पर्यवेक्षक ने चुनावी खर्च एवं व्यय सीमा के संबंध में विस्तार से जानकारी दी।

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