ऊना / 23 जून / न्यू सुपर भारत
समेकित बाल विकास योजना के तहत ऊना ज़िला में 1364 आंगनबाड़ी केन्द्रों के माध्यम से चालू वित्त वर्ष में अक्तूबर से मार्च तक 0 से 6 वर्ष की आयु के 40 हजार 379 शिशुओं और 7719 धात्री महिलाओं को विशेष पोषण अभियान के तहत आवश्यक पोषाहार उपलब्ध करवाया गया है। यह जानकारी आज यहां एडीसी डॉ. अमित कुमार शर्मा ने समेकित बाल विकास योजना की ज़िला स्तरीय निगरानी एवं समीक्षा समिति की बैठक की अध्यक्षता करते हुए दी।
उन्होंने कहा कि इस वर्ष कोविड के कारण आंगनवाड़ी केन्द्रों को सुरक्षा के दृष्टिगत सितम्बर माह तक बन्द रखा गया था। उन्होंने बताया कि ज़िला के कुल 1364 आंगनवाड़ी केन्द्र में से 62 विभागीय, 54 महिला मण्डलों, 32 पंचायत घरांे, 128 स्कूलों, 5 युवक मण्डलों व 505 निजी किराये के भवनों में संचालित किये जा रहे हैं, जहां सभी प्रकार की मूलभूत सुविधाएं जैसे बिजली, पानी और शौचालय की व्यवस्था की गई है।
उन्होंने बताया कि वर्तमान में 3 से 6 आयुवर्ग के 22099 बच्चों के मुकाबले 10529 बालकों को आंगन वाड़ी केन्द्रों, 3927 को सरकारी प्राथमिक पाठशालाओं तथा 7643 को प्राइवेट स्कूलों के माध्यम से प्री-स्कूलिंग की शिक्षा प्रदान की जा रही है, जिनमें प्रवासियों के भी सभी बच्चों को कवर किया गया है। उन्होंने कुपोषण की समस्या से निपटने के लिए समिति सदस्यों से आवश्यक सुझाव देने का भी आहवान किया।
बेटी है अनमोल योजना में 154 कन्याओं को 21-21 हजार
एडीसी ने बताया महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम के तहत बेटी है अनमोल योजना के अन्तर्गत गत वित्त वर्ष में ज़िला में बीपीएल परिवार में जन्मी 154 कन्याओं को 21 हजार रूपये प्रति कन्या के दर पर 19 लाख 56 हजार रूपये की राशि की एफडी करवाई गईं। जबकि मुख्यमंत्री कन्यादान योजना के तहत इसी अवधि में 504 अनाथ कन्याओं को 51 हजार प्रति कन्या की दर से विवाह के लिए 2 करोड़ 56 लाख 5 हजार रूपये की राशि प्रदान करके ज़िला ऊना ने राज्य में प्रथम स्थान हासिल किया।
इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री मातृ वन्दना योजना के अन्तर्गत भी सराहनीय कार्य करते हुए ज़िला ऊना में 3542 गर्भवती महिलाओं पर 8 करोड़ 76 लाख रूपये की राशि व्यय की गई, जिसके कारण ज़िला को राष्ट्रीय स्तर भी सम्मानित किया गया। मदर टैरेसा असहाय मातृ संबल योजना के तहत 1298 माताओं व 2018 बच्चों को एक करोड़ 29 लाख रूपये की आर्थिक सहायता प्रदान की गई।
लिंग अनुपात हुआ 874 से बढ़कर 937
एडीसी ने कहा कि जहां वर्ष 2011 की जनगणना में ज़िला ऊना में लिंगानुपात 874 कन्या संवेदनशील स्थिति में था, आज बढ़कर 937 हो गया है। लेकिन यह स्थिति भी संतोषजनक नहीं है तथा इस दिशा में अभी और अधिक सुधार लाने की आवश्यकता है। उन्होंने सभी विभागों के अधिकारियों को निर्देश दिये कि इस सम्बन्ध में और अधिक सतर्कता बरती जाए। बैठक में ज़िला कार्यक्रम अधिकारी सतनाम सिंह, सीडीपीओ कुलदीप दयाल, जिला कल्याण अधिकारी चमन लाल, ज़िला योजना अधिकारी जीतन कुमार, वन स्टॉप सेंटर की प्रभारी नीरू, बीडी अम्ब के सहित सभी विकास खण्डों के सीडीपीओ तथा विभिन्न विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।