नूरपुर / 25 मई / पंकज
कई दिनों से अपनों से मिलने का इंतजार कर रहे लोगों के दिलों को उस समय बड़ा सुकून मिला जब इन्हें लेकर चेन्नई सेंट्रल से एक और ट्रेन सोमवार दोपहर 2.15 बजे बजे चक्की बैंक स्टेशन पठानकोट पहुंची। यह गाड़ी 23 मई को चेन्नई सेंट्रल से उधमपुर के लिए शाम 5 बजे चली थी, जिसमें प्रदेश के 9 जिलों के 211 यात्री पहुंचे। पठानकोट पहुंचने पर एसडीएम डॉक्टर सुरेंद्र ठाकुर तथा नायब तहसीलदार देशराज ठाकुर ने प्रशासन की तरफ से उनका स्वागत किया। गौतलब है कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से अब तक देश के अन्य राज्यों में लॉकडाउन के कारण फंसे 868 हिमाचलियों की एक सप्ताह के भीतर पांच ट्रेनों के द्वारा पठानकोट स्टेशन पर वापिसी हुई है।
इस बारे जानकारी देते हुए एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर ने बताया कि इस ट्रेन से चंबा ज़िला के 94, कांगड़ा के 54 , मंडी के 26, हमीरपुर के 12, शिमला के 10, कुल्लू के 7, बिलासपुर के पांच, जबकि किन्नौर के 2 तथा ऊना का एक यात्री पहुंचा। जिन्हें एचआरटीसी की 11 बसों द्वारा उनके गंतव्यों के लिए रवाना किया गया। उन्होंने बताया कि कांगड़ा ज़िला के यात्रियों को प्रशासन द्वारा शाहपुर में बनाए गए संस्थागत क्वारन्टीन केंद्र में भेजा गया है, जबकि अन्य जिलों के यात्रियों को उनके जिलों में बनाए गए संस्थागत क्वारन्टीन केंद्रों में रखा जाएगा, जहां पर प्रशासन द्वारा इनके ठहरने व खान-पान की विशेष व्यवस्था की गई है। उन्होंने बताया की इन सब यात्रियों के वहां पर कोविड-19 के सैंपल लिए जाएंगे। सैंपल की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आने पर उन्हें अपने -अपने घरों में भेज दिया जाएगा। जहां पर उन्हें होम क्वारंटीन में रह कर नियमों का पूरा पालन करना होगा।
कांगड़ा ज़िला के फतेहपुर उपमंडल की गोलबां की दीपिका पठानिया जो चेन्नई में एमबीबीएस की डिग्री पूरी करने के पश्चात लॉकडाउन के कारण पिछले दो माह से घर आने का इंतजार कर रहीं थी परंतु प्रदेश सरकार के प्रयासों से वह आज अपनी जन्मभूमि में पहुंच कर बहुत भावुक हुई। डॉक्टर होने के नाते उन्होंने लोगों से कोरोना से न घबरा कर इससे सावधान व सतर्क रहने तथा सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखने की अपील की। कांगड़ा ज़िला के देहरा उपमंडल के हरिपुर की शिल्पा जो चेन्नई में पढाई पूरी करने के घर आने का इंतजार कर रहीं थी। उन्होंने बताया कि उन्हें कभी नहीं लगता था कि लॉकडाउन के बीच वे अपने घर वापस पहुंच पाएगी। परंतु, हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रयासों से उनका घर पहुंचने का सपना पूरा हुआ है।
इसी ट्रेन में शिमला ज़िला के रामपुर के रितिक जो चेन्नई में ही जॉब ट्रेनिंग करने के लिए गए थे, परंतु लॉकडाउन के कारण पिछले दो माह से कमरे के अंदर ही बंद हो कर घर आने की राह देख रहे थे। उन्होंने बताया कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से वह अपने परिजनों से मिल पाएंगे। रामपुर के विद्युत प्रोजेक्ट में चीफ मैनेजर के पद पर कार्यरत जम्बोकेश्वरम जो अपनी बीमार माँ को देखने अपने पैतृक शहर कन्याकुमारी गए थे, वह भी अपने नियुक्ति स्थान पर नहीं पहुंच पा रहे थे । उन्होंने बताया कि सरकार के प्रयासों से वह अपनी डयूटी पर पहुंच सकेंगे। चंबा ज़िला के तीसा के शेर सिंह, विनोद, राजेश आदि ने बताया कि वे सभी चेन्नई में माल ढुलाई का काम करते थे लेकिन कामधंधा मंदा होने के कारण वे अपने घरों में आना चाहते थे लेकिन घर आना मुश्किल लग रहा था मुख्यमंत्री जी की बजह से वे अब अपने-अपने गंतव्य तक पहुंचे हैं। ये रहे मौजूद हमीरपुर ज़िला सैनिक कल्याण विभाग के ओएसडी अनुपम ठाकुर, आरएम सुग़ल सिंह, एआरटीओ सतीश कुमार, नोडल अधिकारी सन्नी शर्मा, लोकेंद्र शर्मा, नरेश चौधरी, संजीव कुमार, दीपक गुप्ता, दौलत राम सहित प्रशासन के अन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।