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अब पेंटिंग में भी महिलाएं दिखाएंगी अपने हाथों का हुनर

पेंटिंग करती महिलाएं

*राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत महिलाओं के लिए मनरेगा बोर्ड लेखन प्रशिक्षण आयोजित

नूरपुर / 29 सितंबर / पंकज  

घरेलू कार्यों तथा खेतीबाड़ी के काम तक ही सारा दिन व्यस्त रहने वाली महिलाएं अब पेंटिंग में भी अपने हाथों का हुनर दिखाएंगी। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत नूरपुर विकास खंड कार्यालय में प्रथम चरण में छः महिलाओं के लिए दस दिवसीय मनरेगा बोर्ड लेखन प्रशिक्षण का आयोजन करवाया गया। इस दौरान प्रोफेशनल ट्रेनर धीरज बैंस ने इन महिलाओं को बारीकी से पेंटिंग के गुर सिखाए। इस ट्रेनिंग का मूल उद्देश्य महिलाओं को पेंटिंग के गुर सिखा कर पंचायतों में मनरेगा बोर्ड सहित अन्य सूचना पट्ट लेखन के कार्य से जोड़कर उनकी आर्थिकी को मजबूत बनाना है।      

ग्रामीण विकास विभाग द्वारा महिलाओं को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर बनाने के लिए इससे पहले भी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत  समय-समय पर कई प्रकार के प्रशिक्षण प्रदान किए गए हैं। जिसमें राखी बनाना, ुम्ब फार्मिंग, डेयरी फार्मिंग, डूना व पत्तल, बैग व लिफाफा, बुटीक, सिलाई-कढ़ाई, पापड़ व बड़ियां, रेशम तथा मधुमखी पालन आदि की भी ट्रेनिंग प्रदान की जा चुकी है। महिलाएं स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत चलाई जा रही विभिन्न योजनाओं से जुड़कर अपने घर के नजदीक अच्छी कमाई कर रही हैं। इन योजनाओं से महिलाओं तथा उनके परिवारों का जहां जीवनयापन बेहतर हुआ है, वहीं वे आर्थिक तौर पर भी समृद्ध हुई हैं।       

बीड़ीओ नूरपुर डॉ रोहित शर्मा ने बताया कि विकास खंड के तहत अधिक से अधिक महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की गतिविधियों से जोड़ कर समय -समय पर प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है, ताकि उनके जीवन स्तर को बेहतर बनाया जा सके। 

क्या कहते हैं एसडीएम-       एसडीएम सुरेंद्र ठाकुर का कहना है कि विकास खंड के तहत 43 पंचायतों में अब तक 495 स्वयं सहायता समूह क्रियाशील हैं। इन समूह की महिलाओं को राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन की मुख्य गतिविधियों से जोड़ कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में विशेष प्रयास किए जा रहे हैं, ताकि महिलाओं को आर्थिक रूप से भी सशक्त बनाया जा सके।

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