नूरपुर / 23 सितम्बर / पंकज
नूरपूर की गुरचाल पंचायत के गांव नियाडी के होनहार संदीप पठानिया ने अपने हुनर से तैयार किये साफ्टवेयर जो बच्चों की आनलाइन पढ़ाई, टैक्सी आपरेटर्स व वेरोजगार युवाओं के लिए कारगार सिद्ध होंगे। संदीप पठानिया बंगलौर में एक कम्पनी में साफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर पिछले 12 सालों से काम कर रहा है। मगर कारोना लाक डाउन के चलते कम्पनी का आफिस बंद होने के कारण कम्पनी ने घर काम करने को कह दिया। लाक डाउन की कोई तह सीमा न होने के चलते एक दो महीने बाद कम्पनी ने उनकी सैलरी में कटौती कर दी, जिसके चलते उन्हें वहां कुछ दिक्कत महसूस होने लगी।
इसी के चलते उोंने घर वापिस आने का मन बना लिया और जैसे ही हिमाचल सरकार ने जून महीने में जब अनुमति दी वह घर वापिस आ गए और आज दिन तक घर पर ही रह रहे संदीप पठानिया ने सोचा क्यों न घर बैठ कर हिमाचल के युवाओं के भविष्य लिए कोई साफ्टवेयर तैयार करु जो इन्हें आनलाइन पढ़ाई, रोजगार, हिमाचल के टैक्सी आपरेटर्स को सहयोग देने में काम आये।
साफ्टवेयर इंजीनियर संदीप पठानिया ने कहा कि कोरोना लाकडाऊन की बजह से हमारा आफिस भी बन्द हो गया और कम्पनी ने घर काम करने को जिसकी वजह से हमें जो रेगुलर सैलरी या बैनिफिट मिलते थे उनमें कटौती हो गई और दूसरी ओर कोरोना का कहर बंगलौर में बढ़ने लगा। इन सब कारणों के चलते हमने अपने घर वापिसी का निर्णय कर लिया। मै हिमाचल प्रदेश सरकार का धन्यवाद करता हू जिन्होंने हम जैसे लोगों को हिमाचल आने का इंतज़ाम करवाया। आज हम रोजगार होने पर भी वेरोजगार से है। घर बैठ कर मैंने युवाओं के आनलाइन पढ़ाई, और रोजगार, हिमाचल टैक्सी आपरेटर्स के साफ्टवेयर तैयार किए हैं। जो इन सब के लिए कारगर सिद्ध होंगे और जब तक मैं घर हूं मैं अपने हिमाचली युवाओं का हर सहयोग करने को तैयार हूं।