*500 वर्षो के संघर्ष में मन्दिर को मुक्त कराने का स्वरूप भी बदला **श्री राम मंदिर भूमि पूजन पर विश्व हिंदू परिषद ने किये कार्यक्रम
नूरपुर / 06 अगस्त / पंकज
श्री राम मंदिर निर्माण भूमि पूजन के उपलक्ष्य में विश्व हिंदु परिषद के कार्यकर्ताओं ने नूरपूर में कार्यक्रम किये। नूरपूर क्षेत्र में दीपावली जैसा माहौल था। लोगों ने वृक्षारोप कर के, दीपक जला कर, हवन कर के तथा प्रसाद वितरण कर के सत्संग कर के अपनी खुशी जाहिर की। विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रसार अध्यक्ष उदय पठानियाँ ने मातृशक्ति द्वारा सत्संग कार्यकतम में महिलाओं और युवाओं को संबोधित करते हुये राम मंदिर संघर्ष के बारे में कहा कि 1528 में बाबर के आदेश पर मीरबाँकी ने श्री राम मंदिर को तोपे गिराकर मस्जिद का निर्माण किया था। 76 युद्ध मंदिर के लिये हो चुके हैं जिसमें लाखो हिंदुओं ने जिनमें महिलाओं ने संतो ने मंदिर संघर्ष में अपने प्राणों की आहुति दी, कई बार मंदिर को मुक्त भी कराया गया, 500 वर्षों के संघर्ष में मंदिर को मुक्त कराने का स्वरूप भी बदला। आज़ादी के बाद मंदिर की मुक्ति के लिये अदालत के दरवाजे खटखटाये गये परंतु राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी और तुष्टिकरण की राजनीति के कारण यह मामला टलता रहा। विश्व हिंदू परिषद ने अशोक सिंघल के नेतृत्व में संतो के आशीर्वाद से श्री राम मंदिर निर्माण के लिये संघर्ष किया और अदालत का फैसला आने के बाद केंद्र में मोदी और उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने मंदिर निर्माण का मार्ग प्रशस्त किया।
उदय पठानियाँ ने कहा कि हम उस सौभाग्यशाली पीढ़ी से हैं जो अपनी आंखों से श्री राम मंदिर का निर्माण देख सकेंगे जिसके लिये हमारे बाप दादाओं ने पांच शताब्दियों तक संघर्ष किया है।श्री राम मंदिर निर्माण के भूमि पूजन की इलाकावासियों को बधाई व मंगलकामनाये दी और कहा कि यह एक नये युग की शुरुआत है।