*दर्जा जोनल अस्पताल का, विशेषज्ञ डॉक्टर्स, स्टाफ और अन्य सुविधाएं नहीं उपलब्ध
नूरपुर / 2 अगस्त / पंकज
भाजपा सरकार के कार्यकाल में नूरपुर का सरकारी अस्पताल रेफरल से अब किलर अस्पताल बनकर रह गया है । ढाई साल के कार्यकाल में नूरपूर का अस्पताल लोगों की जान पर भी अब भारी पड़ने लगा है। यह आरोप जिला कांग्रेस अध्यक्ष एवम नूरपुर के पूर्व विधायक अजय महाजन ने रविवार को प्रेसवार्ता के दौरान लगाते हुए सरकार से मांग की कि गत दिवस उक्त अस्पताल में गर्भवती महिला की हुई मौत की उच्चस्तरीय जांच की जाए और उपचार में बरती गई भारी लापरवाही के लिए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाए।
महाजन ने कहा कि नूरपुर के सिविल अस्पताल में प्रसूता महिला की हुई मौत के पीछे घोर लापवाही हुई है। महाजन ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने उक्त अस्पताल को लंबे समय से जोनल अस्पताल के दर्जे से नवाजा है लेकिन न तो उस तर्ज की सुविधाएं अब तक अस्पताल में हैं और न ही विशेषज्ञ डॉक्टरों के साथ अन्य स्टाफ को पूरा किया गया है ऐसे में जोनल अस्पताल मजाक का बिषय बनकर रह गया है। महाजन ने कहा कि ढाई सालों में उक्त अस्पताल रेफरल अस्पताल बन चुका है लेकिन अब यह किल्लर हॉस्पिटल भी बन चुका है।
महाजन ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में बिजली जाने की स्थिति में लाखों की राशि का जैनरेटर उपलब्ध करवाया गया था लेकिन वर्तमान में उसमें तेल डालने की राशि भी मुहैय्या नही हो पा रही है। हालत यह है कि बिजली गुल होने पर अस्पताल में मोमबत्तियों की रोशनी पर मरीजों को निर्भर रहना पड़ता है। महाजन ने कहा कि कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में उनके प्रयासों से 10 करोड़ की लागत से मातृ शिशु अस्पताल स्वीकृत हुआ था लेकिन तीन साल बीत जाने पर एक ईंट भी नही लग पाई है। उन्होंने नूरपूर के विधायक एवम वन मंत्री राकेश पठानियाँ को सलाह देते हुए कहा कि अब तो वो मंत्री बन गए हैं तो नूरपुर के अस्पताल की अव्यवस्था को सुधारने की ओर भी ध्यान दें वरना नूरपुर के ज्वलन्त मसलों को लटकाने के लिए वह धरना प्रदर्शन के लिए बाध्य हो जाएंगे।