चंबा / 10 दिसंबर / न्यू सुपर भारत
वन मंडल डलहौजी के तत्वावधान में विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों तथा सामुदायिक भागीदारी से क्रियान्वित किए जा रहे विशेष बीज बुआई सप्ताह का आज समापन हुआ । वन मंडल अधिकारी डलहौजी रजनीश महाजन ने जानकारी देते हुए बताया कि मंडल के चार वन परिक्षेत्र डलहौजी, बकलोह, चुवाड़ी और भटियात के तहत 4 दिसंबर से 10 दिसंबर तक सफलतापूर्वक बीज बुआई सप्ताह का आयोजन किया गया।
सप्ताह के अंतिम दिन आज रेंज स्तर पर नमी वाले क्षेत्रों में बधाह की कलमें रोपित की गई । सप्ताह के दौरान 2147 के करीब विद्यार्थियों, वन विभाग व अन्य विभागों के अधिकारियों-कर्मचारियों तथा ग्राम वन प्रबंधन समितियों के सदस्यों ने बढ़ चढ़ कर भाग लिया I
पर्यावरण का प्रभावी संदेश देने के लिए अभियान के तहत सभी कार्यक्रम एवं गतिविधियां बिना किसी भी प्रकार के व्यय से आयोजित की गईं । रजनीश महाजन ने बताया कि बीज बुआई सप्ताह के तहत अर्जित उपलब्धियां में वन मंडल डलहौजी के चारों वन परिक्षेत्र की कुल 48 वन बीट के अंतर्गत वन अग्नि से नष्ट व क्षतिग्रस्त 482.60 हेक्टेयर क्षेत्रफल में 30 विभिन्न प्रजातियों के कुल 259 किलोग्राम बीज रोपित किए गए।
साथ में उन्होंने यह भी बताया कि स्थानीय परिस्थितिकी के अनुरूप ही विभिन्न प्रजातियों के बीच एकत्रित किए गए थे। शेरपुर बीट की वन रक्षक असीना खान के कार्यों की तारीफ करते हुए उन्होंने बताया कि कुल संग्रहित बीज में से 134 किलोग्राम बीज असीना खान द्वारा एकत्रित किए गए थे ।उन्होंने आगे बताया कि पतझड़ और सर्दी के मौसम में पकने वाली विभिन्न स्थानीय प्रजातियों के बीजों को वन विभाग के कर्मचारियों तथा सामुदायिक भागीदारी से एकत्रित किया गया ।
अभियान को बीज दिवस के आधार पर विभाजित किया गया जिसमें खिड़क दिवस, धमन दिवस, रीठा दिवस, दाडू दिवस, कैंथ व अन्य प्रजातियों को रोपित करने के लिए दो दिवसीय बधाह दिवस का आयोजन भी किया गया । रजनीश महाजन ने बताया कि अभियान को आयोजित करने का उद्देश्य जन सहभागिता को आधार मानकर विशेष कर विद्यार्थी वर्ग को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूक करना, हरित आवरण को बढाना और वन एवं वन्य जीवों के प्रति जनसाधारण में अपनेपन की भावना को विकसित करना था ।
एसीएफ डलहौजी रवि गुलेरिया, वन परिक्षेत्र अधिकारी भटियात संजीव कुमार, बकलोह स्वर्ण पठानिया,चुवाड़ी रवि कुमार, डलहौजी राहुल ठाकुर, खंड वन अधिकारी और वन रक्षक, विभिन्न शिक्षण संस्थानों के अध्यापक एवं विद्यार्थी वर्ग, ग्राम वन प्रबंधन समितियों के सदस्यों, विभिन्न विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की सक्रिय भागीदारी के साथ इस अभियान का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया I