हमीरपुर / 03 फरवरी / न्यू सुपर भारत
सेब राज्य के रूप में अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले हिमाचल प्रदेश में अन्य फलों की खेती की भी काफी अच्छी संभावनाएं हैं। प्रदेश के मध्यम एवं कम ऊंचाई वाले इलाकों की जलवायु अनार, अमरूद, संतरा, किन्नू, मौसंबी और नींबू प्रजाति के अन्य फलों के लिए काफी उपयुक्त है।कम ऊंचाई वाले क्षेत्रों मंे भी बागवानी की अपार संभावनाओं को देखते हुए ही मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सुक्खू इन क्षेत्रों में एचपीशिवा परियोजना के माध्यम से बड़े पैमाने पर फलदार पौधों के रोपण पर जोर दे रहे हैं, ताकि यहां के किसानों और बागवानों की आय में अच्छी बढ़ोतरी हो सके।
जिला हमीरपुर में भी प्रदेश सरकार की इस महत्वाकांक्षी परियोजना के अच्छे परिणाम सामने आ रहे हैं। इसकी एक झलक देखने को मिल रही है सुजानपुर उपमंडल के गांव बगेहड़ा में।जी हां, व्यास नदी और मैहली खड्ड के किनारे पर बसे इस गांव में एचपीशिवा परियोजना के तहत लगभग 30 कनाल भूमि पर विकसित किए गए बागीचे में अमरूद के छोटे-छोटे पौधों में जब इस सीजन में पहली बार फल लगे तो मानों पूरे गांव में एक नई बहार आ गई।
रविंद्र नाथ शर्मा, संतोष शर्मा, आशा रानी शर्मा और गांव के अन्य किसानों की बंजर जमीन पर विकसित किए गए इस बागीचे में अमरूद के लगभग 1667 पौधे लगाए गए हैं। इनमें से कई पौधों में इस बार फल भी लगने शुरू हो गए हैं।अमरूद के लहलहाते पौधों को देखकर गदगद रविंद्र नाथ शर्मा, संतोष शर्मा और आशा रानी शर्मा का कहना है कि प्रदेश सरकार की एचपीशिवा परियोजना के कारण ही यह संभव हो पाया है।
इन किसानों का कहना है कि मौसम की बेरुखी, आवारा पशुओं और जंगली जानवरों की समस्या के कारण वे पारंपरिक फसलों की खेती से तौबा करने लगे थे। उनकी जमीन बंजर होने लगी थी। लेकिन, ऐसी विपरीत परिस्थितियों में उनके लिए प्रदेश सरकार की एचपीशिवा परियोजना एक बड़ी उम्मीद लेकर आई।उद्यान विभाग के अधिकारियों ने गांववासियों को इस परियोजना का लाभ उठाने के लिए प्रेरित किया। परियोजना के तहत गांव के किसानों की जमीन बागीचे के लिए तैयार की गई, जिसका पूरा खर्चा विभाग ने ही किया। जल शक्ति विभाग के सहयोग से सिंचाई की व्यवस्था की गई। बागीचे की बाड़बंदी, पौधारोपण के लिए गड्ढे और कई अन्य कार्य भी परियोजना के माध्यम से ही करवाए गए। मनरेगा कनवर्जेंस से भी कार्य करवाया गया। इसके बाद उद्यान विभाग ने किसानों को अमरूद के पौधे उपलब्ध करवाए।
एचपीशिवा परियोजना के तहत मदद और किसानों की मेहनत से अब गांव बगेहड़ा में अमरूद की महक बिखरने लगी है। इससे गांव के किसान काफी उत्साहित हैं और आने वाले समय में बागीचे का विस्तार करने की दिशा में कार्य कर रहे हैं।
उधर, उद्यान विभाग के उपनिदेशक डॉ. राजेश्वर परमार ने बताया कि एचपीशिवा परियोजना के तहत जिला हमीरपुर में 65 क्लस्टरों की 834 हैक्टेयर भूमि पर फलदार पौधे लगाने का लक्ष्य तय किया गया है। इसी कड़ी में गांव बगेहड़ा में भी लगभग 30 कनाल भूमि पर अमरूद का बागीचा लगाया गया है, जिसके काफी उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं।