December 24, 2024

लोक अदालतों में मिलता है सस्ता और सुलभ न्याय : सेशन जज डीआर चालिया

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फतेहाबाद / 9 सितंबर / न्यू सुपर भारत

न्यायालय में लंबित मामलों को राष्ट्रीय लोक अदालत में दोनों पक्षों की आपसी सहमति व राजीनामे से सौहार्दपूर्ण वातावरण में पक्षकारों की रजामंदी से विवाद निपटाया जाता है। इससे शीघ्र, सस्ते व सुलभ न्याय लोगों को मिलता है जहां किसी पक्ष की हार नहीं होती। वहीं राष्ट्रीय लोक अदालत में केसों की सुनवाई के फैसलों की कहीं कोई अपील नहीं, अंतिम रूप से निपटारा, समय की बचत जैसे लाभ मिलते हैं।

यह जानकारी जिला विधिक सेवाएं प्राधिकरण के चेयरमैन एवं जिला एवं सत्र न्यायाधीश डीआर चालिया ने शनिवार को जिला मुख्यालय पर न्यायिक परिसर में आयोजित राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान मीडिया कर्मियों से अनौपचारिक बातचीत करते हुए दी। राष्ट्रीय विधिक सेवाएं प्राधिकरण व हरियाणा राज्य विधिक सेवाएं प्राधिकरण द्वारा जारी शैड्यूल अनुसार जिला व उपमंडल पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया।

लोक अदालत में मिलता है सस्ता और सुलभ न्याय : सेशन जज डीआर चालिया
इस दौरान नागरिकों को अपने कोर्ट में लंबित मामलों का समाधान लोक अदालत के माध्यम से करवाने की अपील करते हुए सेशन जज डीआर चालिया ने कहा कि लोक अदालतों के माध्यम से लोगों का बिना समय व पैसा गवाएं केसों का समाधान किया जाता है। राष्ट्रीय लोक अदालत में ना तो किसी पक्ष की हार होती है और ना ही जीत बल्कि दोनों पक्षों की आपसी सहमति से विवादों का समाधान करवाया जाता है। उन्होंने कहा कि संविधान के अनुसार गरीबों व समाज के कमजोर वर्गों के लिए निशुल्क कानूनी सहायता की व्यवस्था की गई है।

आपसी सहमति से हल होने वाले केसों में कारगर सिद्ध हो रही है राष्ट्रीय लोक अदालत : सीजेएम समप्रीत कौर
सीजेएम समप्रीत कौर ने बताया कि आपसी सहमति से हल होने वाले मामलों में राष्ट्रीय लोक अदालत बहुत ही कारगर सिद्ध हो रही हैं और राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनाए गए फैसले की भी उतनी ही अहमियत है, जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसले की होती है। राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती। सीजेएम समप्रीत कौर ने पैनल अधिवक्ताओं से भी कहा है कि वे नागरिकों के कोर्ट में लंबित मामलों का निपटान लोक अदालत के माध्यम से करवाने के लिए जागरूक करें।

राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सहमति से किया गया 19044 मामलों में से 14016 का निपटान:-
राष्ट्रीय लोक अदालत में आपसी सहमति से कुल 19044 मामलों में से 14016 मामलों का निपटारा करते हुए 4 करोड़ 45 लाख 26 हजार 115 रुपये की राशि जुर्माना व अवार्ड के रूप में पास की गई। इन मामलों में प्री-लिटिगेशन के कुल 14901 मामलों में से 12203 मामलों का निपटारा तथा 3 करोड़ 83 लाख 34 हजार 552 रुपये की राशि जुर्माना व अवार्ड के रूप में पास की गई। इसी प्रकार से लंबित मामलों के कुल 4143 मामलों में से 1813 मामलों का निपटारा करते हुए 61 लाख 91 हजार 563 रुपये की राशि जुर्माना व अवार्ड के रूप में पास की गई।

इन मामलों की हुई सुनवाई:-
इस दौरान मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं प्राधिकरण की सचिव समप्रीत कौर ने बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के तहत जिला व उपमंडल पर आयोजित की गई अदालतों में आपराधिक मामलों, एनआई एक्ट 138, एमएसीटी, वैवाहिक, श्रम, भूमि अधिग्रहण, किराया, बैंक रिकवरी, राजस्व, मनरेगा, बिजली व पानी बिल, वन अधिनियम, आपदा मुआवजा इत्यादि सहित प्री-लिटिगेटिव व कोर्ट में लंबित केसों की सुनवाई की।

इन न्यायाधीशों की कोर्ट में लगाई गई लोक अदालत:-
शनिवार को जिला स्तर पर अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश जीएस वधवा, प्रधान न्यायाधीश परिवार न्यायालय नताशा शर्मा, अतिरिक्त सिविल जज (सीनियर डिवीजन) एवं मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी अंबरदीप सिंह व सिविल जज (जूनियर डिवीजन) एवं न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी गौरी नारंग तथा रतिया उपमंडल में एसडीजेएम संतोष भागोतिया व टोहाना उपमंडल में एसडीजेएम राजीव की अदालतों में मामलों की सुनवाई की गई।

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