नई दिल्ली / शिमला / 11 अगस्त / राजन चब्बा: केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट अफ़ेयर्स राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने देश में इंफ़्रास्ट्रक्चर को मज़बूत करने व बुनियादी सुविधाएँ बढ़ाने के लिए 111 लाख करोड़ रुपए के नेशनल इंफ़्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन(एनआईपी) के ऑनलाइन डैशबोर्ड के शुभारम्भ को एनआईपी के कार्यान्वयन की दिशा में अहम कदम बताया है।
श्री अनुराग ठाकुर ने कहा”प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने वर्ष 2025 तक देश को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य हमारे सामने रखा है।हम अपनी आर्थिक नीतियों व निवेश को बढ़ाकर इस लक्ष्य को हासिल करने के प्रति आशान्वित हैं।अर्थव्यवस्था का सीधा सम्बंध इंफ़्रास्ट्रक्चर से होता है इसलिए 2019-20 के बजट भाषण में वित्त मंत्री श्रीमती सीतारमण ने अगले 5 साल में बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए 100 लाख करोड़ रुपये के व्यय की घोषणा की थी।इस क्रम में एक उच्च स्तरीय कार्य बल ने वित्त वर्ष 2020-25 के दौरान 111 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित बुनियादी ढांचा निवेश के साथ नेशनल इंफ़्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी)पर एक अंतिम रिपोर्ट जमा की थी। एनआईपी देश भर में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा उपलब्ध कराने और सभी नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता में सुधार की दिशा में अपनी तरह की एक अनूठी पहल है।एनआईपी से परियोजना की तैयारी में सुधार होगा, कारोबार का विस्तार बढ़ेगा व बुनियादी ढांचा में निवेश (घरेलू और विदेशी दोनों) आकर्षित होंगे ।ढांचागत सुविधाओं पर खर्च बढ़ाने से आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी जिससे रोज़गार सृजन के अवसर व सरकार को राजस्व बढ़ाने में मदद मिलेगी”
आगे बोलते हुए श्री अनुराग ठाकुर ने कहा” नेशनल इंफ़्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआईपी) से जुड़ी सभी जानकारियों को देखने के लिए सभी हितधारकों के लिए वन स्टॉप समाधान के रूप में ऑनलाइन डैशबोर्ड की व्यवस्था कर दी गई है ।डैशबोर्ड इंडिया इन्वेस्टमेंट ग्रिड (आईआईजी) (www.indiainvestmentgrid.gov.in) पर देखा जा सकता है।घोषणाओं को धरातल पर उतारने के लिए मोदी सरकार गम्भीर रहती है और इतनी जल्दी ऑनलाइन डैशबोर्ड की शुरुआत पारदर्शिता व कर्मठता के प्रति समर्पित मोदी सरकार की प्रतिबद्धता दिखाती है।इस डैशबोर्ड पर परियोजना से जुड़ी सभी जानकरियाँ रियल टाईम में अपडेट की जाएँगी जिसका लाभ इस परियोजना से जुड़े सभी व्यक्तियों मिलेगा।
श्री अनुराग ठाकुर ने कहा”कुल 111 लाख करोड़ रुपये के अनुमानित पूंजी व्यय में 44 लाख करोड़ रुपये (40 प्रतिशत) की परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं, 33 लाख करोड़ रुपये (30 प्रतिशत) की परियोजनाएं विचार के चरण में, 22 लाख करोड़ रुपये (20 प्रतिशत) की परियोजनाएं विकास अधीन (परियोजनाओं की पहचान हो गई है और डीपीआर तैयार है, लेकिन धन का आहरण बाकी है) हैं और शेष 11 लाख करोड़ रुपये (10 प्रतिशत) की परियोजनाएं अवर्गीकृत हैं”