भारत में कोविड-19 बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की कुल संख्या 23 लाख के पार पहुंची
***ठीक होने वाले मरीजों की संख्या कोविड-19 के सक्रिय मामलों के तीन गुना से भी अधिक है
***ठीक होने वाले लोगों की संख्या इसके सक्रिय मामलों से 16 लाख से अधिक है
नई दिल्ली / 24 अगस्त / न्यू सुपर भारत न्यूज़
बड़ी संख्या में कोविड-19 के मरीजों के ठीक होने और अस्पतालों से छुट्टी मिलने तथा घरों में पृथकवास (हल्के और मध्यम मामलों में) से उबरने के साथ ही भारत में कोविड-19 बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की कुल संख्या आज 23 लाख के आंकड़े को पार कर गई है।
अब तक कोविड-19 के कुल 23,38,035 मरीजों का ठीक हो जाना व्यापक स्तर पर आक्रामक तरीके से परीक्षण कराने की नीति को प्रभावी ढंग से लागू करने, निगरानी के जरिए समग्र रूप से संक्रमितों का पता लगाने और इनके संपर्क में आने वाले लोगों का पता लगाकर उनका कुशलतापूर्वक उपचार के कारण संभव हो पाया है। ग़ैर-इनवेसिव ऑक्सीजन के उपयोग, आईसीयू और अस्पतालों में बेहतरीन कुशल डॉक्टरों और बेहतर एम्बुलेंस सेवाओं सहित देखभाल प्रोटोकॉल के मानकों पर ध्यान केंद्रित करने से गंभीर और अति गंभीर कोविड मरीजों के ठीक होने की दर में सुधार हुआ है। घरों में पृथकवास (आइसोलेशन) में रहने वाले मरीजों की चिकित्सकीय देखरेख और निगरानी की जा रही है। ऐसे मरीज भी तेजी से ठीक हो रहे हैं।
पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 57,469 मरीज़ ठीक हुए हैं। इसके साथ ही भारत में कोविड-19 मरीज़ों में ठीक होने की दर बढ़कर 75%(75.27%) को पार कर गई है जो यह दर्शाता है कि ठीक होने वाले रोगियों की संख्या पिछले कई महीनों से लगातार बढ़ रही है।
भारत में कोविड-19 बीमारी से ठीक होने वाले लोगों की संख्या इसके सक्रिय मामलों (7,10,771 मरीज़ सक्रिय चिकित्सा देखभाल के अधीन हैं) की तुलना में 16 लाख से अधिक (16,27,264) है। इस बीमारी से ठीक होने वालों की बड़ी संख्या ने यह साफ कर दिया है कि देश में कोविड-19 का वास्तविक कैसलोड यानी सक्रिय मामलों की संख्या में कमी आई है जो वर्तमान में कुल पॉजिटिव मामलों का केवल 22.88% है। आईसीयू में रोगियों के प्रभावी नैदानिक उपचार ने मृत्यु दर (केस फेटलिटी रेट) को कम रखने और इसे और भी कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। आज कोविड-19 से होने वाली मौतों के मामले में देश में मृत्यु दर गिरकर 1.85% पर आ गई है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ सक्रिय सहयोग से एम्स नई दिल्ली द्वारा चलाए जा रहे ‘कोविड-19 उपचार पर राष्ट्रीय ई-आईसीयू’ ने भारत में इस बीमारी से ठीक होने की दर में बढ़ोतरी लाने और मृत्यु दर (केस फेटलिटी रेट) घटाने में प्रमुख भूमिका निभाई है। राष्ट्रीय ई-आईसीयू सप्ताह में दो बार मंगलवार और शुक्रवार को आयोजित किया जाता है। इसमें राज्यों के निर्धारित कोविड अस्पतालों के आईसीयू डॉक्टरों को शामिल किया जाता है और कोविड उपचार से संबंधित उनके प्रश्नों का उत्तर दिया जाता है। अब तक देश के 22 राज्यों के 117 अस्पतालों को शामिल करते हुए ऐसे 14 राष्ट्रीय ई-आईसीयू आयोजित किए गए हैं।