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एनसीसी कैडेट्स समाज कल्याण के कार्यों में भी दे रहे है अपना योगदान

–एनसीसी कैडेट्स में आते है नेतृत्व करने के गुण

– एनसीसी का बढ़ रहा है महत्व-एनसीसी अधिकारी गुरदीप सिंह

– एनसीसी राष्ट्र के प्रति अनुशासन, संकल्प और भक्ति भावना को मजबूत करने के लिए है एक बहुत मजबूत मंच

शहजादपुर / 24 फरवरी / न्यू सुपर भारत

   एकता और अनुशासन का आदर्श वाक्य लिए एनसीसी 15 जुलाई 1948 से अस्तित्व में आई। एनसीसी को 1965 व 1971 के युद्ध में सेकंड लाइन ऑफ डिफेंस के नाम से जाना जाता था। एनसीसी कैडेट्स ने इन युद्धों के समय मोर्चा संभाला और सैनिकों तक हथियार और गोला बारूद पहुंचाया। शत्रुओं के पैराट्रूपरस को पकड़ा व सहायता शिविर लगाए। समय के साथ-साथ इसमें नेतृत्व के गुण और ऑफिसर लाइक क्वालिटी आदि पर भी जोर दिया जाने लगा ताकि कैडेट्स सशस्त्र बलों में अधिकारी बन सके। इस बारे में जानकारी देते हुए रा. व. मा. विद्यालय पतरेहड़ी एनसीसी अधिकारी गुरदीप सिंह ने बताया कि एनसीसी थल सेना, नौसेना और वायु सेना के सम्मिलन वाला त्रिसेवा संगठन है जिसका मुख्यालय नई दिल्ली में है।   

           इस संगठन का नेतृत्व एक लेफ्टिनेंट जनरल रैंक का अधिकारी करता है। स्वैच्छिक संस्था के रूप में यह पूरे भारत के स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों से कैडेट्स की भर्ती करती है। कैडेट्स को परेड़ व छोटे हथियार चलाने का बुनियादी सैन्य प्रशिक्षण दिया जाता है। इसमें ए, बी और सी प्रमाण पत्र दिए जाते हैं। प्रशिक्षण के अलावा एनसीसी कैडेट अनेक समाज कल्याण के कार्यों में अपना योगदान देते हैं। समय-समय पर स्वच्छता अभियान, नशा मुक्त भारत, पौधारोपण आदि अभियान चलाते हैं और रक्तदान शिविरों का आयोजन करते हैं। किसी त्रासदी और आपातकाल के समय एनसीसी कैडेट्स तन, मन और धन से जरूरतमंदों की सेवा करते हैं ।           एनसीसी के दौरान कैडेट विभिन्न कैंपों के माध्यम से देश विदेश की सैर करते हैं। सी प्रमाण पत्र धारक को रक्षा बलों में अधिकारी बनने के लिए लिखित परीक्षा की छूट होती है।

इसके साथ ही इन्हें रक्षा बलों में कमीशन के लिए आरक्षण, नाविक, एयरमैन, अर्धसैनिक बल, दूरसंचार विभाग, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ), राज्य सरकारों के विभाग, उद्योग जगत व एनसीसी संगठन के विभिन्न पदों पर वरीयता या बोनस अंक प्रदान किए जाते हैं। एनसीसी में भारतीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनसीसी प्रमाण पत्र धारकों को बोनस अंक देने के लिए अनूठा निर्णय लिया है। अब केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सी ए पी एफ) व सशस्त्र बलों की परीक्षाओं में एनसीसी कैडेटों को अलग से अंक दिए जाते हैं। इसके अलावा सरकार ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है कि वे अपने सशस्त्र बलों में एनसीसी प्रमाण पत्र धारकों को प्रोत्साहन दें।      

    उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुसार एनसीसी राष्ट्र के प्रति अनुशासन, संकल्प और भक्ति भावना को मजबूत करने के लिए एक बहुत मजबूत मंच है जो भारत के विकास की धारणा से सीधे जुड़ा हुआ है। 15 अगस्त को लाल किले के प्राचीर से उन्होंने सीमावर्ती और समुद्र तटीय इलाकों में अतिरिक्त एक लाख कैडेट्स तैयार करने का ऐलान किया था। वर्तमान में एनसीसी में 15 लाख कैडेट्स प्रशिक्षण पा रहे हैं जिनमें लड़कियों के लिए भी सीटें आरक्षित हैं। बेरोजगारी की चिंता व हीन भावना से ग्रस्त भारतीय युवाओं के लिए एनसीसी एक नई उम्मीद की किरण बन रही है।

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