November 6, 2024

शहरी गरीबों के सशक्तिकरण का आधार बना राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन

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ऊना / 25 मार्च / न्यू सुपर भारत

शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीब व्यक्तियों की मदद के लिए राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (एनयूएलएम) के तहत स्वयं सहायता समूहों के साथ जोड़कर उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने का प्रयास किया जाता है। अपना कारोबार स्थापित करने के लिए ग्रुप को चार प्रतिशत ब्याज पर 10 लाख रुपए का लोन के साथ-साथ 10 हजार रुपए का revolving fund मिलता है।

 ऊना नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी संदीप कुमार ने बताया कि एनयूएलएम के तहत 100 से अधिक गरीब बच्चों को Tailoring, Plumbing, Beautyshine आदि जैसे विभिन्न कोर्स में Training दी गई है ताकि वह अपनी आजाविका कमाने में सक्षम बन सकें। राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के सिटी मिशन प्रबंधक सुशील कुमार ने बताया कि शष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन योजना के तहत शहरी गरीब व BPL परिवारों को जोड़ा जाता है।

जिला ऊना में 357 स्वयं सहायता समूह इन्हीं योजनाओं के माध्यम से अपने परिवार का पालन-पोषण कर रहे हैं। नगर परिषद ऊना में 144 स्वयं सहायता समूह, संतोषगढ़ में 57 समूह, मैहतपुर में 52, नगर पंचायत गगरेट व टाहलीवाह में 36-36 तथा नगर पंचायत दौलतपुर में 32 स्वयं सहायता समूह कार्य कर रहे हैं। स्वयं सहायता समूहों से जुड़ी महिलाओं को मिलने वाली आर्थिक मदद से वह अपने उत्पाद तैयार कर उन्हें बाजार तक पहुंचाती हैं

तथा बिक्री से होने वाले मुनाफे को आपस में बांटती हैं।  NULM की लाभार्थी एवं एमसी ऊना वार्ड एक से गोपाल स्वयं सहायता समूह की प्रधान वीना देवी बताती हैं कि वह वर्ष 2017 से ग्रुप से जुड़ी हैं। ग्रुप के माध्यम से भैंस खरीदने के लिए 20 हज़ार रूपये का लोन लिया था और दूध बेच कर वह अपने परिवार का पालन पोषण कर रही हैं। उन्होंने बताया कि हर महीने समूह के खाते में अपनी बचत राशि से 100 रूपये प्रतिमाह जमा करती है।

वहीं नीतू शर्मा ने ब्यूटी पार्लर का कार्य करने के लिए लगभग दो लाख रूपये का लोन लिया। पैसों के अभाव में वह अपना खुद का रोजगार नहीं कर पा रही थीं, लेकिन नाग देवता स्वयं सहायता समूह से जुड़कर उन्हें अब अच्छी आय हो रही है। इस मदद के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर का आभार व्यक्त करती हैं।नगर परिषद ऊना की अध्यक्षा पुष्पा देवी स्वयं NULM की लाभार्थी हैं। वर्ष 2002 में वह जागृति स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं और अपने बेटे को आर्किटेक्ट की पढ़ाई करवाने के लिए लोन लिया।

उन्होंने कहा कि समूह का सदस्य होने के नाते उनका 12 रूपये का बीमा करवाया था और 2015 में एक अनहोनी घटना में बाजू कटने पर उन्हें एक लाख रूपये की सहायता राशि भी मिली। उन्होंने समूहों में कार्य करने वाली महिलाओं से अपना बीमा करवाने की अपील की। NULM से जुड़ने पर 5-10 महिलाओं का एक स्वयं सहायता समूह बनाया जाता है तथा उन्हें सरकार की योजनाओं के बारे में जानकारी दी जाती है।

नगर परिषद ऊना में आरओ राजविंदर कौर ने कहा कि गरीब व मध्यम वर्ग परिवार, जिनकी सालाना आय 3 लाख रुपए से कम है, ऐसी महिलाओं को ग्रुप से जोड़ा जाता है। ग्रुप की महिलाओं की नियमित बैठकें होती हैं, जहां उन्होंने बुक किपिंग की ट्रेनिंग दी जाती है। इन समूहों को 10 हज़ार रूपये का रिवोल्विंग फंड दिया जाता है और व्यक्तिगत कार्य करने के लिए दो लाख रूपये का लोन लेने का प्रावधान है। इसके अलावा पूरे समूह को मिलकर कार्य करने के लिए 10 लाख रूपये के लोन का प्रावधान है।

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