राष्ट्रीय कृमि मुक्ति सप्ताह मनाया जा रहा है 23 से 29 मई तक
शहजादपुर / 27 मई / न्यू सुपर भारत
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के अन्तर्गत राष्ट्रीय कृमि मुक्ति सप्ताह 23 मई से 29 मई तक मनाया जा रहा है। इसके तहत एक से 19 साल के बच्चों व किशोर, किशोरियों को एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई जा रही है। इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य कर्मी दूर दराज स्थित हाईरिस्क एरिया में भी पहुंच कर एल्बेंडाजॉल की गोली खिला रहे है।
एएनएम मीना द्वारा गांव माणपुर स्थित पोल्ट्री फार्म तथा कक्ड़माजरा स्थित ईंट भट्ठों पर जाकर निर्धारित आयु वर्ग के बच्चों व किशोरियों तथा महिलाओं को एल्बेंडाजॉल की गोली खिलाई और उन्हें स्वास्थ्य सम्बंधी जागरूक भी किया।
उन्होंने कहा कि कृमि संक्रमण का बच्चों के शारीरिक विकास, हीमोग्लोबिन के स्तर, पोषण व बौद्धिक विकास पर हानिकारक प्रभाव पड़ता हैं। परजीवी कीड़े लोगों के लिए एक खतरा हैं। बच्चों के बाहर खेलते समय मिट्टी के संपर्क में आने से कृमि के संक्रमण को रोकना असंभव है।
कृमि संक्रमण बच्चों के जीवन की गुणवत्ता को कम कर सकता है, उनके शारीरिक विकास और मानसिक विकास को अवरुद्ध कर सकता है। इसके लिए, बच्चों की समय पर और उचित डीवर्मिंग एक आवश्यकता है। कृमि संक्रमण से बच्चों में सम्पूर्ण शारीरिक, मानसिक विकास नहीं होता।
उन्होंने कहा कि शौचालय का उपयोग करने से पहले और बाद में नियमित रूप से साबुन और गर्म पानी से हाथ धोने से आंतों के कीड़ों से बचा जा सकता है।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम के तहत 23 मई से 29 मई तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति सप्ताह के अंर्तगत 1 से 19 वर्ष तक के बच्चों और 20 से 24 वर्ष की प्रजनन आयु वर्ग की महिलाओं (जो न ही गर्भवती हो और न ही स्तनपान करवाती हों) को स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा कृमि नियंत्रण की दवाई (एल्बेंडाजॉल की गोली) घर-घर जाकर नि:शुल्क खिलाई जा रही है।
बता दें कि इन दिनों स्वास्थ्य कर्मचारी डोर टू डोर जाकर यह दवाई खिला रहे है और इसके लिए हाई रिस्क एरिया जैसे झूग्गी-झोपड़ी, ईंट भट्ठे, पोल्ट्री फार्म आदि स्थानों पर जाकर टीमों द्वारा यह गोली खिलाई गई है। उन्होने कहा कि 1 से 2 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों को आधी गोली पीसकर खिलाई गई है जबकि इससे ऊपर के आयु वर्ग को यह गोली पूरी चबाकर खिलाई गई है। उन्होने कहा कि यह दवाई खाली पेट न खाएं दवाई खाने से पहले खाना जरूर खायें।