December 27, 2024

सितम्बर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है- सीडीपीओं सीमा

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खण्ड़ शहजादपुर व नारायणगढ़ में पोषण माह के अन्तर्गत आयोजित विभिन्न गतिविधियों में भाग लेती महिलाएं

*कोविड-19 को देखते हुए सामाजिक दूरी व अन्य नियमों का पालन करते हुए पोषण माह से सम्बंधित गतिविधियां संचालित की गई, महिलाओं को कोरोना वायरस के बारे में भी जागरूक किया गया।

शहजादपुर/नारायणगढ़ / 11 सितम्बर / न्यू सुपर भारत न्यूज़            

महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी, नारायणगढ़ एवं शहजादपुर सीमा ने बताया कि सितंबर माह को राष्ट्रीय पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है। इसका मुख्य उद्देश्य देश में से कुपोषण को खत्म करना है। इसलिए हर वर्ष 1 से 30 सितंबर तक पोषण जन आंदोलन के अंतर्गत पोषण माह मनाया जाता है। इसके अंतर्गत लोगों को खानपान की आदतों में सुधार लाने का प्रयास किया जाता है। इस वर्ष भी सितंबर माह पोषण माह के रूप में मनाया जा रहा है इसके अंतर्गत लोगों को खानपान की आदतों में सुधार लाने का प्रयास किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कोविड-19 को देखते हुए सामाजिक दूरी व अन्य नियमों का पालन करते हुए यह गतिविधीयां संचालित की गई और महिलाओं को कोरोना वायरस के बारे में भी जागरूक किया गया।           

उन्होने बताया कि 1 सितंबर को खंड की आंगनबाडिय़ों में पौधारोपण किया गया। परंतु भूतपूर्व राष्ट्रपति स्व. प्रणब मुखर्जी के देहान्त के कारण 6 सितंबर तक राष्ट्रीय शोक के कारण पोषण माह की गतिविधियों को रोका गया। उसके बाद 7 सितंबर से  पोषण माह की गतिविधियों को फिर से शुरू किया गया। जिसके अन्तर्गत 7 सितंबर को नारायणगढ़ खंड की आंगनबाडिय़ों में पौधारोपण किया गया तथा क्षेत्र की महिलाओं को शपथ दिलाई गई की भारत देश से कुपोषण को खत्म करने के लिए सरकार का पूरा सहयोग किया जाएगा। गांव अकबरपुर, बड़ागांव ,बड़ी रसौर, भूरेवाला , उज्जल, माजरी, हमीदपुर, टोका, पंजलासा, गदोली, गनोली, नगला, मिल्क, संग्रानी,नबीपुर, वार्ड 8, कुराली, आजमपुर, ओखल, लखनोरा, खानपुर इत्यादि में आंगनवाड़ी वर्करों द्वारा शपथ दिलाई गई तथा पौधरोपण किया गया।               

इसी प्रकार 8 सितंबर को वर्करों द्वारा केंद्रों में कम्युनिटी बेस्ड इवेंट्स का आयोजन किया गया। जिनके तहत क्षेत्र की महिलाओं को बताया गया कि 0 से 6 साल के बच्चों, महिलाओं तथा किशोरियों के खान पान का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। बच्चों को जंक फूड से दूर रखें तथा घर का बना पोष्टिक भोजन ही खाने को दे।

इसी क्रम में 9 सितम्बर को गांव कोहड़ा भूरा में सुपरवाइजर अंजू तथा गावं मिल्क में सुपरवाइजर सोनम द्वारा तथा गांव अकबरपुर, बरसु माजरा, बड़ा गांव, लोट्टों, रज्जुमाजरा, नन्हेड़ा, बड़ी रसोर, उज्जल, भूरेवाला, दुधली,पीर माजरी,  दनौरा, हमीदपुर, झिडिवाला, पंजलसा, टपरिया, कुल्लडपुर, काठेमाजरा, रामपुर, डेरा, वार्ड 6, 7, 8, 9, संग्रणी, गाधौली, चमेल माजरा, नगला, ब्रह्मन्माजरा, पिंजोरी, नंदुवाली, बेरखेड़ी, शाहपुर नुर्द, चांदसोली, आदि में वर्करों द्वारा बच्चों का वजन लिया गया तथा लोगों को जागरूक किया गया। 

उन्होंने बताया कि 10 सितम्बर को वर्करों द्वारा गांव बरसु माजरा, छोटी रसोर, डैहर, रज्जुमाजरा, सैन माजरा, रामगढ, हमीदपुर, काठे माजरा, कुल्लाड़पुर,  भूरेवाला, लाहा, उज्जल, अम्बली, नखडोली, बेरखेड़ी, कंजाला, कुराली, आदि में बच्चों का वजन लिया गया तथा महिला गोष्ठी का आयोजन किया गया। उल्लेखनीय है कि यह सभी गतिविधियां महिला एवं बाल विकास परियोजना अधिकारी सीमा के मार्गदर्शन में आयोजित की गई। उन्होंने बताया कि बच्चों के स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने के लिए अलग-अलग समय पर पांच से सात महिलाओं के छोटे-छोटे समूहों में जागरूकता शिविर आयोजित किए जाएंगे ताकि उन्हें कुपोषण के लक्षणों, बच्चों के आहार, व्यक्तिगत स्वच्छता आदि के बारे जानकारी दी जा सके।

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