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मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना के अंतर्गत प्रदेश में 2057 इकाइयां स्थापितः बिक्रम सिंह

 शिमला / 20 जुलाई / न्यू सुपर भारत

प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के इच्छुक उद्योगपतियों एवं उद्यमियों को प्रदेश सरकार हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है तथा ऐसे लोगों को प्रदेश के विकास में भागीदार बनाने के लिए निरन्तर प्रयास किए जा रहे हैं। यह बात उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने आज यहां उद्योग विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

उद्योग मंत्री ने कहा कि प्रदेश में औद्योगिक विकास पर विशेष ध्यान देते हुए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। प्रदेश सरकार द्वारा विभिन्न योजनाओं के माध्यम से उद्योग क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा दिया जा रहा है। हिमाचल प्रदेश ईज़ आॅफ डुइंग बिजनेस के क्षेत्र में देश में 7वें स्थान पर है। ईज आॅफ डुइंग बिजनेस के लिए रेडियो, प्रिंट तथा सोशल मीडिया के माध्यम से जागरूकता गतिविधियां कार्यान्वित की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा लैंड बैंक बनाया गया है, जिसके तहत 17,765 बीघा भूमि उपलब्ध है। इसके अलावा लगभग 5000 बीघा भूमि वन स्वीकृतियां प्राप्त करने के पश्चात् उपलब्ध करवाई जाएगी।


उन्होंने कहा कि प्रदेश में शीघ्र ही ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के तहत दूसरा ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित किया जाएगा, जिसके लिए अब तक 7367 करोड़ रुपये के निवेश के 138 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए हैं। प्रदेश में सिंगल विंडो क्लियरिंग एजेंसी द्वारा 1236 करोड़ रुपये के निवेश की 80 परियोजनाएं स्वीकृत की गईं, जिससे 3814 लोगों को रोजगार मिला।

बिक्रम सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री स्वावलम्बन योजना के तहत प्रदेश में 358 करोड़ रुपये के निवेश की 2057 इकाइयां स्थापित की गईं। योजना के तहत 131.11 करोड़ रुपये का उपदान प्रदान किया गया है तथा 6305 लोगों को रोजगार प्रदान किया गया। मुख्यमंत्री स्टार्ट अप योजना के अंतर्गत 8 स्टार्ट अप को दो करोड़ रुपये की सीड फंडिंग के लिए स्वीकृति प्रदान की है। योजना के तहत 32 स्टार्ट अप को इन्क्यूबेशन सेंटर से स्वीकृति प्रदान की गई है, जिसके तहत प्रत्येक स्टार्ट अप को 25 हजार रुपये प्रतिमाह प्रदान किया जा रहा है।


उन्होंने कहा कि प्रदेश के जिला ऊना में लगभग 100 करोड़ रुपये के निवेश से मैगा फूड पार्क बनाया जा रहा है। प्रधानमंत्री फाॅर्मलाइजेशन आॅफ माइक्रोफूड प्रोसेसिंग एंटरप्राइजिज योजना को प्रदेश में भी कार्यान्वित किया जा रहा है जिसके तहत प्रदेश में पांच वर्षों में 54.57 करोड़ रुपये प्रदान किए जाएंगे। योजना के तहत वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट पर भी बल दिया जाएगा।


उद्योग विभाग द्वारा कार्यान्वित की जा रही विभिन्न गतिविधियों की जानकारी देते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव उद्योग राम सुभग सिंह ने कहा कि प्रदेश में सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों आदि द्वारा गवर्नमेंट ई मार्केटप्लेस (जैम) के माध्यम से वस्तुओं व सेवाओं का प्रापन किया जा रहा है। जैम पोर्टल पर 2562 उपभोक्ता पंजीकृत हैं।

इस पोर्टल पर प्रदेश के 10,780 विक्रेता पंजीकृत हैं। प्रदेश सरकार के विभिन्न 1492 कर्मचारियों व अधिकारियों तथा 280 स्थानीय कंपनियों को जैम से संबंधित प्रशिक्षण प्रदान किया गया है और सरकारी विभागों, बोर्डों, निगमों आदि द्वारा 357 करोड़ रुपये की वस्तुओं व सेवाओं का प्रापन किया गया है।

निदेशक उद्योग राकेश प्रजापति ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया तथा उद्योग मंत्री को आश्वस्त किया कि विभाग प्रदेश सरकार की प्राथमिकताओं के दृष्टिगत निरंतर प्रयास करते हुए उद्योग क्षेत्र को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाएगा।इस अवसर पर विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।

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