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मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस को रोकने के लिए आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की

 शिमला / 11 अप्रैल / न्यू सुपर भारत


केन्द्र तथा राज्य सरकारों द्वारा कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए जारी की गई सभी मानक संचालन प्रक्रियाओं तथा दिशा-निर्देशों को कड़ाई से लागू किया जाना चाहिए ताकि वायरस को नियंत्रित किया जा सके। यह बात मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने प्रदेश में कोविड-19 के मामलों में अचानक आई तेजी के कारण उभरी स्थिति से निपटने के लिए प्रदेश सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ आज यहां आयोजित समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस माह की 16 तारीख के उपरान्त हाई लोड वाले सात राज्यों पंजाब, दिल्ली, महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आने वाले लोगों को प्रदेश में आने के लिए 72 घण्टे पहले की आरटीपीसीआर नेगटिव रिपोर्ट लाने से संबंधित एडवाइजरी जारी की जाएगी।  उन्होंने कहा कि वर्तमान में प्रदेश सरकार ने प्रदेश में पर्यटकों को आने की अनुमति प्रदान की है लेकिन इसके साथ वायरस को फैलने से रोकने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा जारी की गई मानक संचालन प्रक्रियाओं का होटल मालिकों तथा पर्यटकों द्वारा कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए।

माईक्रो कंटेनमेंट जोन की प्रभावी निगरानी के साथ जांच, ट्रेसिंग तथा उपचार की दोहरी रणनीति पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि आरटीपीसीआर जांच के 70 प्रतिशत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए आरटीपीसीआर जांच पर भी अधिक बल दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग को किसी भी स्थिति से निपटने के लिए अस्पतालों में बिस्तरों की क्षमता बढ़ाने के लिए भी आवश्यक कदम उठाने चाहिए।

उन्होंने कहा कि राज्य के स्वास्थ्य विभाग को वैक्सीन के न्यूनतम अपव्यय को भी सुनिश्चिित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि वायरस का तेजी से फैलना बेहद चिन्ता का विषय है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में गत 45 दिनों के दौरान 10,690 कोविड के मामले रिपोर्ट किए गए हैं। उन्होंने कहा कि इसके अतिरिक्त कोरोना के कारण मृत्यु के मामले भी बढ़े हैं जिसमें गत 45 दिनों के दौरान प्रदेश में 120 लोगों की मृत्यु दर्ज की गई है।


जय राम ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार ने नवरात्रों के दौरान श्रद्धालुओं को प्रदेश में विभिन्न मंदिरों के भ्रमण पर आने की अनुमति प्रदान की है लेकिन इसके साथ ही लंगर, भण्डारे तथा जागरण के आयोजन पर पूर्ण रूप से प्रतिबन्ध लगाया गया है। उन्होंने कहा कि श्रद्धालुओं को सामाजिक दूरी बनाए रखते हुए तथा फेस मास्क पहनकर पूजा एवं दर्शन करने के लिए मंदिरों में अनुमति प्रदान की है। उन्होंने कहा कि मंदिर प्रबन्धन को राज्य सरकार द्वारा जारी की गई मानक संचालन प्रक्रियाओं का कड़ाई से पालन करना सुनिश्चित करना होगा।   


उन्होंने कहा कि बसों व अन्य सार्वजनिक यातायात माध्यमों और निजी वाहनों में क्षमता से अधिक लोगों को बैठाने की अनुमति नहीं होगी। उन्होंने कहा कि वाहनों में भी फेस मास्क पहनना कड़ाई से सुनिश्चित किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि विवाह जैसे सामाजिक समारोहों के आयोजन से संबंधित मानक संचालन प्रक्रियाओं का भी कड़ाई से पालन किया जाना चाहिए। 


मुख्यमंत्री ने कहा कि मानक संचालन प्रक्रियाओं के उल्लंघन में शामिल लोगों के विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों की लापरवाही के परिणामस्वरूप राज्य में कोविड के मामलों में तेजी आई है। उन्होंने कहा कि होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की नियमित निगरानी पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसे ही लोगों में कोई लक्षण पाया जाता है तो उन्हें तुरन्त जांच के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए, ताकि उन्हें बिना विलम्ब के उपचार प्रदान किया जा सके।


जय राम ठाकुर ने कहा कि सूचना, शिक्षा एवं सम्प्रेषण पर विशेष बल देकर फेस मास्क के उपयोग, सामाजिक दूरी तथा किसी भी प्रकार के जुखाम जैसे लक्षण दिखने पर चिकित्सक को दिखाना शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि लोगों को अनावश्यक सार्वजनिक स्थलों पर जाने तथा कार्यालयों में भी सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए जागरूक किया जाना चाहिए।


मुख्य सचिव अनिल खाची, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त प्रबोध सक्सेना, अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव जे.सी. शर्मा, अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अशोक तिवारी तथा स्वास्थ्य सचिव अमिताभ अवस्थी भी बैठक में उपस्थित थे।

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