शिमला / 16 दिसंबर / न्यू सुपर भारत
उपायुक्त शिमला आदित्य नेगी ने आज फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2005 के तहत गठित जिला सलाहकार समिति की एक बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में उन्होंने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स को स्वच्छ प्रथाओं के लिए प्रेरित करना जरूरी है क्योंकि यह आम लोगों के स्वास्थ्य से सीधे तौर पर जुड़ा हुआ मामला है और खराब खाने से बीमारियां फैलने का खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि अधिकारी नियमित रूप से निरीक्षण करें तथा उन्हें स्वच्छ प्रथाओं को अपनाने के प्रति जागरूक करें।
इसके बावजूद अगर वह अपनी कार्यप्रणाली नहीं बदलते हैं, तो सख्त कार्रवाई की जाए। आदित्य नेगी ने कहा कि जिला शिमला में फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट के तहत एक मार्च 2022 से 30 अगस्त 2022 तक 1560 पंजीकरण दिए गए तथा 112 लाइसेंस प्रदान किए गए हैं। 214 वेंडर्स का पंजीकरण तथा 207 लाइसेंस इसी अवधि में एमसी शिमला में दिए गए हैं। उन्होंने बताया कि जिला शिमला में 522 फूड बिजनस ऑपरेटर व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को फूड सेफ्टी की ट्रेनिंग प्रदान की गई है, जबकि एमसी शिमला में 176 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण दिया गया है।
उन्होंने अधिकारियों को पंजीकरण बढ़ाने के लिए स्ट्रीट वेंडर्स को जागरूक करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जिला शिमला में 9 जागरूकता कैंप जबकि एमसी शिमला में 4 जागरुकता कैंप लगाए गए हैं। 30 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा बचा हुआ तेलउपायुक्त आदित्य नेगी ने कहा कि होटल तथा ढाबों में खाद्य तेल को बार-बार गर्म कर इस्तेमाल करने से मानव के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ता है। तेल को तीन बार से ज्यादा गर्म करने पर घातक होता है। इसलिए बचे हुए तेल को 30 रुपए प्रति लीटर की दर से खरीदा जा रहा है।
उन्होंने कहा कि कुछ कंपनियां इस इस्तेमाल किए हुए तेल से बायो डीजल बना रही हैं, इसलिए होटल तथा ढाबा संचालक आगे आकर जिला प्रशासन का सहयोग करें। नियमों की अवहेलना पर लगाया जुर्मानाजिलाधीश ने कहा कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट 2005 के तहत सहायक आयुक्त (फूड सेफ्टी) ने 7 मामलों में 86 हजार रुपए का जुर्माना लगाया है, जबकि एडीएम की कोर्ट ने 23 मामलों में 4.10 लाख रुपए का जुर्माना किया गया है। बैठक में जिला सलाहकार समिति के सदस्य शामिल हुए।