स्वास्थ्य विभाग की टीमों द्वारा डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिये किया जा रहा है मच्छर मार दवाईयों का छिडक़ाव
अम्बाला / 14 अक्तूबर / न्यू सुपर भारत
सिविल सर्जन डा0 कुलदीप सिंह ने बताया कि बदलते मौसम को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की टीमें पूरी सावधानी और सतर्कता के साथ काम कर रही हैं। डोर टू डोर सर्वे और सम्बन्धित द्वारा लापरवाही बरतने के दृष्टिïगत अब तक 6750 लोगों को नोटिस दिये गये हैं। इतना ही नही उन्हें समझाने का काम भी जारी है कि वे मलेरिया और डेंगू से बचाव के लिये पूरी तरह से सावधान और सतर्क रहें। जिन घरों में मच्छर का लारवा पाया गया, उनको नोटिस देने का सिलसिला जारी है।
इस विषय को लेकर जब नोडल अधिकारी डा0 संजीव कुमार सिंगला और डा0 सुनील हरी से बात की गई तो उन्होंने बताया कि जिला में स्वास्थ्य की दृष्टिï से बेहतरीन व्यवस्था पर पूरा जोर दिया जा रहा है। विभाग द्वारा किसी प्रकार की कोई कमी नही छोड़ी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर है। अब तक जिला में डेंगू के 85 मामले सामने आये हैं, जिनमें से 63 ठीक हो चुके हैं और अन्य 22 का उपचार चल रहा है और वह भी जल्द स्वस्थ हो जायेंगे। जिला में अभी तक मलेरिया का कोई भी मामला सामने नही आया है। फोगिंग का कार्य भी निरंतरता में करवाया जा रहा है।
इस विषय को लेकर जब सिविल सर्जन डा0 कुलदीप से बात की गई तो उन्होंने बताया कि हमारा प्रयास है कि मलेरिया व डेंगू का पूरा तरह से खात्मा हो। इस विषय को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह प्रयासरत है। सरकार द्वारा भी अथक प्रयास किए जा रहे हैं। कोविड-19 जैसी जानलेवा बीमारी के साथ-साथ मलेरिया, डेंगू व चिकिनगुनिया की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पैनी नजर बनाए हुए है। उन्होंने नागरिकों से आग्रह करते हुए कहा कि वे स्वच्छता पर विशेष ध्यान दें। एक जगह पर पानी को इक्_ा न होने दें।
उन्होंने यह भी बताया कि मच्छर ठहरे (एकत्रित) हुए पानी मे अंडे देते हैं, जिससे मलेरिया व डेंगू की बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की बढ़ोतरी तेजी से होती है। इसलिए तुरंत प्रभाव से मच्छर मारने के लिये ठहरे हुए पानी मे काला तेल व टेमिफोस की दवाई का छिडक़ाव करवाया जा रहा हैं, जिससे मच्छर का लारवा खत्म हो सके और जानलेवा बीमारी फैलाने वाले मच्छरों की उत्पत्ति पर पूर्ण रूप से रोक लग सके।
इस संबंध में जिला स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए हंै। मलेरिया और डेंगू की जांच के लिये 6975 ब्लड स्लाईड ली गई हैं। ब्लड स्लाईड लेने का मुख्य उद्देश्य यही है कि खून में मलेरिया और डेंगू की सुचारू रूप से जांच की जाये और यदि सम्बन्धित बीमारी के लक्षण मिलते हैं तो तुरंत प्रभाव से इलाज शुरू किया जा सके।