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प्रदेश में इस वर्ष साइबर अपराध की 10 हजार से अधिक शिकायतें: एस.आर.मरडी


साइबर क्राइम पर आयोजित कार्यशाला में एसपी साइबर क्राइम संदीप धवल और डीएसपी नरवीर राठौर ने दिए टिप्स

मीडिया कर्मियों ने सीखे साइबर क्राइम से निपटने के तरीके

शिमला / 21 दिसम्बर / राजन चब्बा

हिमाचल पुलिस व प्रेस क्लब शिमला के संयुक्त तत्वाधान में शनिवार को प्रेस क्लब भवन में साइबर क्राइम एवं सुरक्षा विषय पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। राज्य के पुलिस महानिदेशक एस.आर.मरडी ने कार्यशाला का शुभारंभ करते हुए कहा कि आज के डिजिटल जमाने में साइबर क्राइम के मामले लगातार बढ़ रहे हैं तथा पढ़े-लिखे लोग यहां तक कि सेवानिवृत अधिकारी भी इसके शिकार हो रहे हैं। साइबर अपराध ठगी के नए-नए तरीके अपनाते हैं और पकड़े जाने पर समय के साथ ही ठगी का तरीका भी बदल रहे हैं। ज्यादातर लोग पैसों के लालच व अज्ञानता के कारण जालसाजों के झांसे में आ जाते हैं। 
पुलिस महानिदेशक ने कहा कि पुलिस प्रशासन साइबर अपराधियों से निपटने में पुरी तत्परता से काम कर रहा है तथा पुलिस के अधिकारियों को समय-समय पर प्रशिक्षित किया जाता है। उन्होंने कहा कि साइबर अपराध पर अंकुश लगाने के लिए पुलिस काफी सक्रिय है। अगर कही भी साइबर अपराध संबंधित मामले सामने आता है तो मामले की जांच कर त्वरित कार्रवाई की जाती है। साइबर पुलिस ने ठगी के कई मामलों को सुलझाया भी है और कई मामलों में ठगी गई रकम भी शिकायतकर्ता को वापिस करवाई है। कहा कि साइबर अपराध का शिकार होने वाले पीड़ित अगर तुरंत साइबर पुलिस के संज्ञान में मामले को लाते हैं, तो काफी हद तक उन्हें ठगी से बचाना संभव हो जाता है। 
पुलिस महानिदेशक ने आगे कहा कि इस वर्ष प्रदेश में साइबर अपराध से जुड़ी 10 हजार से अधिक शिकायतें सामने आई है। अकेले साईबर थाना पुलिस को 1500 से अधिक शिकायतें मिली हैं। साइबर थाना पुलिस करीब 12 लाख से अधिक की राशि लोगों को वापस दिलवाने में भी सफल रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि कोई साइबर ठगी को शिकार हो भी जाता है तो वह जल्द से जल्द पुलिस और संबंधित बैंक को सूचित करे। उन्होंने कहा कि साइबर अपराधियों के बढ़ते मामलों के मददेनजर पुलिस को यह निर्देश दिए गए हैं कि अगर कोई एक रुपया भी मांगता है तो थाने में बुलाकर उसकी जांच करवाई जाए। ताकि आम जनता के साथ किसी भी तरह की ठगी न हो।
मरडी ने कहा कि साइबर अपराध को रोकने के लिए जागरूकता भी बहुत जरूरी है और इसमें मीडिया की भूमिका बहुत अहम है। लोगों को अपने डेबिट कार्ड का सावधानी से इस्तेमाल करना चाहिए। डेबिट कार्ड का तीन अंकों का नंबर और ओटीपी किसी से सांझा नहीं करना चाहिए। खासकर दूसरी बार ओटीपी नंबर सांझा करने पर बैंक खाता पल भर में शून्य होने में देरी नहीं लगती। उन्होंने सेविंग बैंक अकाउंट में ज्यादा रकम न रखने की भी सलाह दी और कहा कि सेविंग अकाउंट में केवल रोजमर्रा जरूरत का पैसा ही रखा जाना सुरक्षित है। अधिक रकम होने पर इसकी एफडी बनानी चाहिए। 
साइबर विशेषज्ञ के रूप में साइबर क्राइम के पुलिस अधीक्षक संदीप धवल ने मीडिया कर्मियों को साइबर अपराध से संबंधित कई प्रकार के महत्वपूर्ण बिदुओं के बारे में प्रोजेक्टर के जरिए विस्तार पूर्वक जानकारी दी। कहा कि आज के दौर में एंड्रायड फोन का सही इस्तेमाल करना बेहद जरूरी है, अन्यथा साइबर अपराधी बड़ी आसानी से ठगी का शिकार बना लेते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कंपनियों के टोल फ्री नंबरों के जरिए भी साइबर शातिर ठगी को अंजाम दे रहे हैं। इसका कारण यह भी है कि टोल फ्री नंबरों को आउटसोर्स कर दिया जाता है और फ्राॅड करने वालों के पास यह आसानी से पहुंच जाता है। 
संदीप धवल ने साइबर अपराधियों द्वारा हैक करने वाले तरीकों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि किसी के भी ईमेल व सोशल मीडिया प्लेटफार्म को हैक किया जा सकता है और इनसे बचने के लिए लोगों को मजबूत पासवर्ड रखने चाहिए। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि साइबर क्रिमिनल डुप्लीकेट सिम के जरिए भी फर्जीवाड़े को अंजाम दे रहे हैं। शिमला के एक कारोबारी के बैंक खाते से डुप्लीकेट सिम के जरिए 31 लाख रूपये उड़ाए गए। उन्होंने इंटरनैट के इस्तेमाल के दौरान आने वाले विभिन्न अनवांटड लिंकों पर क्लिक न करने की भी सलाह दी। 
डीएसपी साइबर क्राइम नरवीर राठौर ने कार्यशाला में कहा कि साइबर अपराध को संगठित तरीके से अंजाम दिया जा रहा है और जागरूकता के जरिए ही इससे खुद को सुरक्षित किया जा सकता है। साइबर क्राइम होने का एक बड़ा कारण स्मार्ट फोन का गलत इस्तेमाल है। लोग बिना सोचे समझे साइबर अपराधियों द्वारा भेजे जाने वाले लिक को क्लिक कर देते हैं, जिससे वह उनके आसानी से शिकार बन रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह लिंक आपके भविष्य बताने वाले, आपके जीवन साथी के बारे में, शादी कब होगी वगैरह शामिल हैं। इस तरह के लिंक प्रायरू साइबर अपराधियों द्वारा आपके फोन से आपका डाटा व आपकी निजी जानकारी चुराने के लिए भेजे जाते हैं, जो आने वाले समय में आपके लिए परेशानी खड़ी कर सकती है।
इस दौरान प्रेस क्लब शिमला के अध्यक्ष अनिल भारद्वाज ने कहा कि साइबर सुरक्षा जागरूकता को लेकर प्रेस क्लब में पहली बार इस तरह की कार्यशाला आयोजित की गई और इससे मीडिया कर्मियों को काफी लाभ मिला। 

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